खेलते-खेलते बांग्लादेश से मलेशिया पहुंच गया बच्चा, भूखे-प्यासे किया 3218 KM का सफर
बांग्लादेश के चटगांव का यह मामला है. 15 साल का फहीम 12 जनवरी को कंटेनर में छिपा था और 17 जनवरी को वह मलेशिया में मिला.
चटगांव: आप सबने बचपन में लुका-छिपी का खेल खेला होगा. मगर इस खेल में कुछ ऐसा हुआ, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. जी हां, सही सुना है आपने. लुका-छिपी का खेल खेलते-खेलते एक 15 साल का बच्चा बांग्लादेश से सीधे मलेशिया पहुंचा गया. जी हां, इस बच्चे का नाम फहीम है. वह बांग्लादेश में अपने दोस्तों के साथ लुका-छिपी का खेल खेल रहा था.
इस दौरान वह अचानक से एक शिपिंग कंटेनर में छिप गया. पांच दिन बाद वह भूखे प्यासे बांग्लादेश (अपने घर) से 2000 माइल्स (करीब 3218 किलोमीटर) दूर मलेशिया पहुंच गया. मलेशिया पहुंचने के बाद बंदरगाह के कर्मचारियों ने उसे कंटेनर से बाहर निकाला. खबर के मुताबिक, फहीम अपने दोस्तों के साथ चटगांव के बंदरगाह में लुका छिपी का खेल खेल रहा था.
इस दौरान वह एक शिपिंग कंटेनर में छिप गया और वहीं सो गया. जब उसकी नींद खुली तो उसने देखा कि कंटेनर बंद है और वह कही दूसरी जगह जा रहा है. उसके लापता होने के बाद, पुलिस, परिवार और दोस्तों को इस बात की चिंता हो रही थी कि कहीं उसकी तस्करी न कर दी गई हो. उसके परिवार वाले उसकी खोज में जुट गए. पांच दिन बाद पता चला कि वह मलेशिया में है. यह सुनकर उसके परिवार वाले हैरान रह गए.
12 जनवरी को कंटेनर में छिपा, 17 को पहुंचा मलेशिया
फहीम 12 जनवरी को बांग्लादेश के चटगांव से कंटेनर में छिपा और 17 जनवरी को मलेशिया पहुंच गया. कंटेनर के अंदर उसने पांच दिन की यात्रा की. इस दौरान उसने कुछ भी खाया पिया नहीं. मलेशिया पहुंचने के बाद जब पोर्ट के कर्मचारियों ने उसे कंटेनर से बाहर निकाला तो वह भूखा, डरा और थका हुआ था. जब उसकी जांच की गई तो उसे बुखार था. इसके बाद उसे इलाज के लिए क्लैंग के तेंगकू अम्पुआन रहीमाह अस्पताल ले जाया गया. उसे सही सलामत मलेशिया से बांग्लादेश पहुंचा दिया गया.
मानव तस्करी की घटना नहीं
मलेशिया के सहायक पुलिस आयुक्त चा होंग फोंग ने कहा, ‘इस घटना में कोई साजिश नहीं थी. यह एक चमत्कार था कि फहीम को बचाया जा सका. उन्होंने कहा, ‘हम इसे मानव तस्करी से नहीं जोड़ रहे हैं, क्योंकि शुरुआती जांच में पाया गया कि वह कंटेनर में घुस गया और सो गया. इस दौरान वह बांग्लादेश से मलेशिया आ पहुंचा.’ वहीं, मलेशिया के आंतरिक मंत्री सैफुद्दीन नस्यूशन ने ट्वीट कर कहा, लड़के को उसके परिवार के साथ फिर से मिला दिया गया है. इस तरह वह करीब एक हफ्ते बाद अपने परिवार से मिला.