हिंडनबर्ग की आग में झुलसा Adani का ‘पावर’, अब अडानी ट्रांसमिशन कैसे बनेगा ‘सुपरपावर’
मिनिस्ट्री ऑफ पॉवर के आंकड़ों के अनुसार अडाली ट्रांसमिशन के मौजूदा समय में पॉवर ट्रांसमिशन से जुड़ें कुल 13 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है. इन प्रोजेक्ट्स के थ्रू अडानी ट्रांसमिशन को देश के अलग-अलग हिस्सों में पॉवर ट्रांसमिशन लाइन बिछानी है.
भले ही अडानी ग्रुप में कुछ महीनों से रिकवरी देखने को मिल रही है. राजीव जैन जैसा इंवेस्टर ग्रुप को लगातार बैक ही नहीं कर रहा, लिक्विडिटी की जरुरत को भी पूरा कर रहा है. उसके बाद भी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के घाव अभी भी पूरी तरह से भरे नहीं है. जी हां, इस रिपोर्ट की आग अडानी ग्रुप पर ऐसी लगी है जिसकी वजह से कंपनी के कई प्रोजेक्ट्स या तो रुक गए हैं या फिर डिले हो गए हैं.
खासकर अडानी ट्रांसमिशन के कई पावर प्रोजेक्ट्स के फ्यूज उड़े हुए हैं. जिन प्रोजेक्ट्स को पूरा हो जाना चाहिए था या कुछ महीनों में पूरे होने वाले थे, लेकिन उनमें देरी हो सकती है. यहां तक कि कुछ प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कमर्शियली चालू नहीं किया गया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि अडानी ट्रांसमिशन के सुपरपावर बनने के रास्ते में बड़ा झटका लगा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वो कौन से प्रोजेक्ट्स है, जिनमें देरी हो रही है.
13 प्रोजेक्ट्स पर चल रहा है काम
मिनिस्ट्री ऑफ पावर के आंकड़ों के अनुसार अडाली ट्रांसमिशन के मौजूदा समय में पावर ट्रांसमिशन से जुड़ें कुल 13 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है. इन प्रोजेक्ट्स के थ्रू अडानी ट्रांसमिशन को देश के अलग-अलग हिस्सों में पावर ट्रांसमिशन लाइन बिछानी है. जिनकी लंबाई 5500 सर्किट किलोमीटर है. इन 13 में चार प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं जो पूरे हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कमर्शियली शुरू नहीं किया गया है. 8 में से कुछ बड़ें ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स में देरी से काम चल रहा है और कुछ का काम अगले दो से तीन साल में पूरा होने की उम्मीद है. जानकारी के अनुसार फंडिंग की कमी की वजह से काम रुके हुए हैं या फिर देरी से चल रहे हैं. वैसे गौतम अडानी और उनका अडानी ग्रुप फंड रेज करने के तमाम प्रयास कर रहा है.
किन ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स में हो रही है देरी
- नॉर्थ करनपुरा ट्रांसको लिमिटेड प्रोजेक्ट झारखंड और कुछ बिहार के हिस्से में चल रहा है. जिसकी लाइन 300 सर्किट किलोमीटर है. इस प्रोजेक्ट का लाइसेंस 2016 में मिला था और जनवरी 2023 में इसे पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन इसकी ड्यू डेट नवंबर 2023 रखी गई है.
- एमपी पावर ट्रांसमिशन पैकेज-2 लिमिटेड जैसा कि नाम से जाहिर है कि ये पूरा प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश में पूरा होना है. जिसका लाइसेंस नवंबर 2021 में मिला था और इसकी लाइन 1060 सर्किट किलोमीटर है. इस प्रोजेक्ट्स को मार्च 2023 में पूरा होना था, लेकिन अब इसकी एंटिसिपेटिड डेट अक्टूबर 2023 रखी गई है.
- खारघर विखरौली ट्रांसमिशन लिमिटेड का ये प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में चल रहा है. जिसका लाइसेंस कंपनी को जनवरी 2021 में मिला था और मात्र 74 सर्किट किलोमीटर लाइन के प्रोजेक्ट को पिछले साल यानी मार्च 2022 में पूरा होना था. जिसकी अब पूरा होने की डेट जुलाई 2023 रखी गई है.
- वरोरा कुरनूल ट्रांसमिशन लिमिटेड अडानी ट्रांसमिशन का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. जो मध्य भारत से शुरू होकर साउथ के दो राज्यों के होकर गुजरेगा. इसका मतलब है कि महाराष्ट्र से शुरू होकर आंध्रप्रदेश और तेलंगाना तक जाएगा. इस प्रोजेक्ट का लाइसेंस साल 2016 में मिला था और कंपनी को तीनों राज्यों में 1756 सर्किट किलोमीटर की लाइन बिछानी है. इस प्रोजेक्ट को नवंबर 2019 में पूरा होना था, लेकिन अब इसकी डेट जून 2023 की गई है.
अगले दो सालों में पूरे हो पाएंगे ये प्रोजेक्ट्स
- अडानी इलेक्ट्रीसिटी मुंबई इंफ्रा लिमिटेड को मुंबई में पावर लाइन बिछाने का काम मिला हुआ है. जिसका लाइसेंस मार्च 2021 में मिला था. कंपनी महाराष्ट्र में सिर्फ 80 सर्किट किलोमीटर लाइन बिछाने का काम मिला है जिसे अप्रैल 2025 तक पूरा करना है.
- खावदा-भुज ट्रांसमिशन लिमिटेड प्रोजेक्ट को गुजरात में पूरा करना है. स्टेट में कंपनी को 221 सर्किट किलोमीटर की लाइन बिछानी है. जिसे जनवरी 2024 में पूरा करना है. वैसे इसका लाइसेंस कंपनी को पिछले साल जून 2022 में ही मिल गया था.
- करूर ट्रांसमिशन लिमिटेड प्रोजेक्ट को कर्नाटक में शुरू किया जाना है. यह अडानी ट्रांसमिशन का सबसे छोटा प्रोजेक्ट है और 10 सर्किट किलोमीटर की लाइन बिछानी है. जिसका काम जुलाई 2023 में ही पूरा होना है. इस प्रोजेक्ट का लाइसेंस जून 2022 में ही मिला था.
- डब्ल्यूआरएसआर पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड प्रोजेक्ट भी अडानी ट्रांसमिशन के हाथों में है. जिसे अगस्त 2024 में पूरा होना है. इस प्रोजेक्ट में 630 सर्किट किलोमीटर की लाइन बिछाई जानी है.
- खावदा ट्रासमिशन 2 गुजरात का प्रोजेक्ट है. जिसमें कंपनी को 354 सर्किट किलोमीटर लाइन बिछानी है. जिसका काम मार्च 2025 तक पूरा होना है.
5800 करोड़ रुपये की जरुरत
फिच रेटिंग्स की लोकल यूनिट इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने एक बयान में कहा है कि मार्च 2026 तक कंपनी के ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स में कैपिटल की जरुरत 60 फीसदी बढ़कर करीब 5800 करोड़ रुपये यानी 700 मिलियन डॉलर हो गई है. वैसे अडानी ग्रुप कंपनियों के बोर्ड ने मार्केट से पैसा रेज करने के क्यूआईपी यानी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट रूट को मंजूरी दी है. अडानी ट्रांसमिशन को 85 करोड़ रुपये का मंजूरी दी गई है. जिसकी तैयारी कंपनी की ओर से शुरू कर दी गई है. वास्तव में जो पावर प्रोजेक्ट्स देरी से चल रहे हैं उन्हें पूरा करने के लिए पैसों की जरुरत है उनका बजट पहले से ही काफी बढ़ चुका होगा. कुछ प्रोजेक्ट्स का काम अगले कुछ महीनों में टाइम से पूरा होना है. ऐसे में क्यूआईपी का पैसा भी कम पउ़ सकता है. ऐसे में कंपनी को दूसरे रास्ते भी खोजने होंगे. आने वाले दिनों में पॉवर ट्रांसमिशन के कैपेक्स में इजाफा देखने को मिल सकता है.