Explainer: हवाई किराये ने मचाया ‘कत्ल-ए-आम’, आखिर कब लेंगे दाम नीचे आने का नाम?
देश में हवाई किराया बीते कुछ हफ्तों में दोगुना तक बढ़ गया है. सरकार की ओर से भी एयरलाइंस को खुद से एयर फेयर पर निगरानी रखने के लिए कह दिया गया है. आखिर क्या वजह है कि हवाई किराया इतना बढ़ रहा है, इसके कब तक कम होने के आसार हैं?
दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-बेंगलुरू और मुंबई-कोच्चि इस वक्त देश में आप किसी भी रूट के लिए हवाई टिकट बुक कराएं, किराया आपको बेहताशा बढ़ा हुआ ही देना पड़ेगा. इसकी वजह बीते कुछ हफ्तों में इसका जबरदस्त तरीके से बढ़ना है. इतना ही नहीं देश के प्रमुख और सबसे बिजी रूट्स पर ये बढ़ोतरी दोगुना तक है, जबकि स्पॉट टिकट बुंकिंग प्राइस का तो पूछिए ही मत. आखिर क्या वजह है कि देश में हवाई किराया इतना तेजी से बढ़ रहा है?
हवाई किराये में हुई इस बढ़ोतरी को देखकर सरकार भी सचेत हो चुकी है. सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एयरलाइंस कंपनियों के साथ सोमवार को लगभग 1 घंटे लंबी बैठक की. उन्हें हिदायत दी कि वह बढ़ते हवाई किराये पर खुद से निगरानी रखें. अब सवाल ये भी है कि आखिर ये हवाई किराया नीचे कब आएगा?
टिकट की कीमतों ने मचाया ‘कत्ल-ए-आम’
हवाई किराया बढ़ने के मामले में स्पॉट टिकट की प्राइस ने तो कत्लेआम मचाया हुआ है. यहां ‘कत्ल-ए-आम’ का मतलब आम आदमी की जेब का कत्ल है. जी हां, आप दिल्ली-मुंबई रूट हो या मुंबई-कोच्चि, देश के सबसे बिजी रूट्स पर स्पॉट एयर टिकट की कीमतें 3 गुना तक बढ़ चुकी हैं.
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ऑनलाइन टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म इक्सिगो के मुताबिक दिल्ली-मुंबई रूट पर 1 मई को जो एवरेज स्पॉट एयर टिकट प्राइस 6,125 रुपये था, 1 जून को ये बढ़कर 18,654 रुपये हो चुका है. इसी तरह के हालात लगभग सभी रूट पर हैं.
Go First से बढ़ी मांग-आपूर्ति की दिक्कत
कोई भी बाजार हो, उसके चलने का सीधा उसूल होता है मांग और आपूर्ति का संतुलन, जैसे ही इसमें गड़बड़ होती है तभी महंगाई या मंदी का सामना करना पड़ता है. हवाई किराये के बाजार पर भी यही नियम लागू होता है. देश की चौथी सबसे बड़ी एयरलाइंस Go First की उड़ाने 3 मई से बंद जो हैं.
दरअसल गो फर्स्ट हर हफ्ते औसतन 1500 फ्लाइट्स का संचालन करती थी. अब दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही गो फर्स्ट के उड़ानें बंद करने से मार्केट में डिमांड तो बनी रही, लेकिन सप्लाई कम हो गई. दूसरा गो फर्स्ट की फ्लाइट कैंसिल कराने वाले पैसेंजर्स का बोझ दूसरी कंपनियों पर पड़ा, वहीं कई पैसेंजर्स ने तत्काल में स्पॉट टिकट भी कराईं. इससे दोनों ही तरह के टिकटों की कीमत में इजाफा हुआ है.
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गर्मियों की छुट्टियां और घूमना-फिरना
मई और जून का महीना देश में स्कूल-कॉलेज की गर्मियों की छुट्टी का महीना होता है. ऐसे में कई परिवार वेकेशन और घूमना-फिरना प्लान करते हैं. इस वजह से भी इन महीनों में हवाई टिकटों की डिमांड बढ़ी रहती है. इसलिए गो फर्स्ट के बंद होने का असर इस कैटेगरी के ट्रैवलर्स पर भी पड़ा है. इससे अन्य एयरलाइंस के पास उपलब्ध सीट पर दावेदार ज्यादा होने से उनकी कीमतें बढ़ी है.
Tata का New Air India प्लान
एयर फेयर बढ़ाने में एअर इंडिया को लेकर बनाया गया टाटा ग्रुप का नया प्लान भी मदद कर रहा है. दरअसल टाटा अपनी चारों एयरलाइंस जैसे कि एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस, विस्तारा और एयरएशिया इंडिया का आपस में विलय कर रहा है. इससे कई रूट्स पर फ्लाइट की संख्या कम हुई हैं. इससे एअर इंडिया और विस्तारा की जो उड़ान पहले अलग-अलग चल रहीं थीं, अब वह कम हो गई हैं. इससे भी फ्लाइट सीट्स कम हुई हैं.
बिजनेस ट्रैवल का एक बार फिर बढ़ना
कोविड के समय अधिकतर कंपनियां ऑनलाइन, वर्क फ्रॉम होम पर शिफ्ट हो गईं थी. इस वजह से लंबे समय तक बिजनेस ट्रैवल होल्ड पर रहा. अब कंपनियों ने दोबारा बिजनेस ट्रैवल शुरू किया है, जिसके चलते मार्केट में हवाई यात्रा की डिमांड एक बार फिर बढ़ी है.
डीजीसीए के मुताबिक मई में 1.32 करोड़ यात्रियों ने देश के अंदर हवाई यात्रा की. ये दिसंबर 2019 के 1.30 करोड़ यात्रियों के रिकॉर्ड संख्या से ज्यादा है. जबकि पिछले साल मई के आंकड़ों के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक है.
6 महीने और बढ़े रह सकते हैं प्राइस
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले 6 महीनों तक हवाई किराया ऊपर बना रह सकता है. गो फर्स्ट के दोबारा सर्विस शुरू करने के अलावा कई कंपनियों को नए प्लेन की डिलिवरी मिलने का इंतजार है. इसमें इंडिगो और आकासा एयर शामिल हैं. इसके बाद हवाई यात्रा के लिए सीटों की उपलब्धता बढ़ेगी और किराये के नीचे आने की उम्मीद है.