5 सर्वरों पर हुआ था हमला… AIIMS साइबर अटैक पर सरकार ने किए कई खुलासे
भविष्य में ऐसे हमलों को कम करने की सरकार की योजना पर भी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना राज्य मंत्री प्रौद्योगिकी राजीव चंद्रशेखर ने अपनी बात रखी है.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना राज्य मंत्री प्रौद्योगिकी राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को संसद में कहा कि साइबर सिक्योरिटी वाचडॉग के मुताबिक हाल ही के साइबर हमले में एम्स के 5 सर्वर प्रभावित हुए थे जिसके कारण लगभग 1.3 टेराबाइट डेटा का एन्क्रिप्शन हुआ. चंद्रशेखर ने संसद में एक लिखित जवाब में कहा कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) ने घटना का मूल्यांकन किया लेकिन गौर किया कि एम्स की सेवाओं का प्रबंधन केवल उनके द्वारा किया जाता था.
वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुशील मोदी द्वारा उठाए गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने पिछले साल एम्स साइबर हमले के दौरान समझौता किए गए डेटा की मात्रा पर विवरण प्रदान करने का अनुरोध किया था. पिछले पांच सालों में देश में साइबर सुरक्षा की घटनाओं की संख्या के सवाल पर, चंद्रशेखर ने बताया कि उक्त समय अवधि के दौरान 4.5 मिलियन मामले दर्ज किए गए और ट्रैक किए गए.
साइबर अटैक को कम करने पर क्या बोले एमओएस
भविष्य में ऐसे हमलों को कम करने की सरकार की योजना पर बात करते हुए, एमओएस ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति का एक मसौदा तैयार किया था, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय साइबर स्पेस की सुरक्षा के मुद्दों को समग्र रूप से संबोधित करना है.
एम्स, दिल्ली को कथित तौर पर 23 नवंबर को एक साइबर हमले का सामना करना पड़ा, जिससे इसके सर्वर ठप हो गए.25 नवंबर को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) इकाई द्वारा जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था. शुरुआती जांच के मुताबिक, अनुचित नेटवर्क सेगमेंटेशन के चलते अज्ञात खतरे वाले कारकों ने एम्स के सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क में सर्वरों से समझौता किया गया था, जिससे क्रिटिकल एप्लीकेशन की नॉन फंक्शनैलिटी के कारण परिचालन में बाधा उत्पन्न हुई थी