तो मर क्यों नहीं जाते… पत्नी ने की 2 लाख की डिमांड, क्या AI इंजीनियर अतुल सुभाष के दिल पर लग गई?
अपने रिकॉर्ड वीडियो में अतुल सुभाष ने कहा कि उनकी पत्नी ने अपने और बेटे के लिए प्रतिमाह दो लाख उनसे गुजारा भत्ता देने की मांग की थी. एक बार सुनवाई के दौरान जब मैंने कोर्ट में कहा कि हजारों लोग अपने खिलाफ दायर झूठे मुकदमों के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं तो मेरी पत्नी ने कहा कि आपको भी इसी तरह क्यों नहीं मरना चाहिए?
AI इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड केस का मामला इस समय चर्चा में है. बीते सोमवार को उन्होंने बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली थी. वैसे तो इस तरह के सुसाइड के मामले आए दिन होते रहते हैं, लेकिन इस मामले ने अब सोशल मीडिया पर जबरदस्त हलचल मचा दी है. सोशल मीडिया पर हैशटैग मेनटू (#MenToo) ट्रेंड कर रहा है. इसकी वजह उनका लिखा 24 पेज का सुसाइड नोट और मरने से पहले बनाया गया एक घंटे का वीडियो रिकॉर्ड है. अतुल ने इस आत्महत्या के लिए अपनी पत्नी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पत्नी के टॉर्चर से परेशान होकर वह इस तरह का कदम उठा रहे हैं.
सुसाइड से पहले अतुल सुभाष ने अपने लैपटॉप पर एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें आत्महत्या के कारणों के बारे में पूरी जानकारी दी थी. अतुल ने इस वीडियो को जज, पुलिस और अपनी कंपनी के बॉस तक को भेजा था. और कहा था कि ‘न्याय मिलना बाकी है’. अतुल ने 24 पन्नों के सुसाइड नोट में हर पेज पर ‘न्याय मिलना बाकी है’… ये बात लिखी है. अतुल के इस तरह से उठाए गए कदम को देखते हुए यह लगता है कि ये कोई जल्दबाजी में लिया गया फैसला नहीं था. ये तो तय है कि उन्होंने बहुत प्लानिंग के साथ आत्महत्या की है.
क्योंकि, उन्होंने अपनी मौत से पहले सभी कंप्यूटर और आईडी अपनी कंपनी को लौटा दिए थे. यही नहीं अपने क्रेडिट कार्ड से लेकर अन्य किए जाने वाले सभी भुगतान पूरे कर दिए थे. सभी मोबाइल फोन लॉक सिस्टम से हटा दिए थे, ताकि पुलिस के लिए गवाहों को ढूंढना मुश्किल न हो. कार और बाइक की चाबियां फ्रिज पर रखी हुई थीं. हर कोई इस बात से हैरान है कि अतुल ने सब कुछ पहले से तय कर रखा था और फिर सुसाइड किया.
कई लोगों को ईमेल के जरिए सुसाइड नोट भेजा
अतुल ने आत्महत्या करने से पहले कई लोगों को ईमेल के जरिए सुसाइड नोट भेजा. उन्होंने इसे उस NGO से संबंधित एक वॉट्सऐप ग्रुप में भी साझा किया, जिसका वह हिस्सा हैं. बता दें कि अतुल सुभाष मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के रहने वाले थे. सुसाइड नोट में अतुल ने अपनी मौत के लिए स्पष्ट रूप से अपनी पत्नी निखिता सिंघानिया, एक एक्सेंचर कर्मचारी और उसके परिवार को दोषी ठहराया. अतुल ने 24 पन्नों के सुसाइड नोट में आरोप लगाया कि उनकी पत्नी निखिता सिंघानिया ने उन्हें बहुत टॉर्चर किया है.
सोशल मीडिया पर ‘#MenToo’ ट्रेंड कर रहा
शुरुआती जांच के मुताबिक, अतुल सुभाष वैवाहिक समस्याओं से जूझ रहे थे. उन्होंने वीडियो में विस्तार से चर्चा की कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश में कई मामले दर्ज कराए हैं. अपने रिकॉर्ड किए गए वीडियो और अपने सुसाइड नोट में उन्होंने आरोप लगाया कि, “अभी भारत में पुरुषों का कानूनी नरसंहार चल रहा है”. अतुल के सुसाइड मामले ने अब सोशल मीडिया पर जबरदस्त हलचल मचा दी है. सोशल मीडिया पर हैशटैग मेनटू (#MenToo) ट्रेंड कर रहा है. लोग उनकी पत्नी निखिता की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
लोगों का कहना है कि यदि कोई महिला आत्महत्या करती है तो इसमें शामिल पुरुषों को हिरासत में लिया जाता है, पूछताछ की जाती है और गिरफ्तार किया जाता है. इसी तरह, हमारी मांग की है कि पूछताछ में महिलाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए. कुछ लोगों ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि कानून में पुरुषों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है.
अतुल सुभाष ने क्या कहा?
“मेरी पत्नी ने मेरे खिलाफ 9 मामले दर्ज कराए हैं. छह केस निचली अदालत में और तीन हाई कोर्ट में हैं. उन्होंने कहा कि 2022 में उनके, उनके माता-पिता और उनके भाई के खिलाफ दर्ज मामलों में से एक में हत्या, दहेज उत्पीड़न और अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोप शामिल थे, लेकिन बाद में उनकी पत्नी ने केस वापस ले लिया.
एक अन्य मामले में उनकी पत्नी ने अपने पिता की हत्या के लिए उस पर झूठा आरोप लगाने की बात स्वीकार की है, क्योंकि उसकी पत्नी ने उससे बड़ी रकम की मांग की थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी के पिता का मधुमेह सहित पुरानी बीमारियों से लंबी लड़ाई के बाद 2019 में निधन हो गया था.
पत्नी ने 2 लाख रुपए गुजारा भत्ता मांगा था
अतुल सुभाष ने दावा किया कि उनकी पत्नी ने अपने और बेटे के लिए प्रतिमाह दो लाख उनसे गुजारा भत्ता देने की मांग की. उनकी पत्नी ने शुरू में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था. फिर वह पीछे हट गईं. बताया जा रहा है कि अतुल ने अपने खिलाफ दर्ज कई मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए दो आवेदन दायर किए थे.
जब पत्नी ने कहा था- तुम भी सुसाइड कर लो
अतुल ने कहा कि एक बार सुनवाई के दौरान जब मैंने कोर्ट में कहा कि हजारों लोग अपने खिलाफ दायर झूठे मुकदमों के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं तो मेरी पत्नी ने कहा कि आपको भी इसी तरह क्यों नहीं मरना चाहिए? साथ ही अतुल सुभाष ने अनुरोध किया है कि मेरे माता-पिता को मेरे बच्चे की कस्टडी दी जाए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मेरी पत्नी या उसके परिवार को मेरे शव के पास न जाने दिया जाए.
न्याय न मिले तो मेरी अस्थियों को गटर में बहा दें
अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में अपनी आखिरी इच्छा व्यक्त की है. उन्होंने लिखा है कि उनको निश्चित तौर पर न्याय मिलना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है तो उनकी अस्थियों को कोर्ट के सामने गटर में बहा दिया जाए, ताकि उनकी आत्मा को भी हमेशा लगे कि उनको इस सिस्टम से न्याय नहीं मिला है.