हरियाणा: सिर पर चुनाव, लेकिन कम नहीं हो रहा कांग्रेस का सिरदर्द…सैलजा का दांव कहीं पड़ ना जाए भारी?

हरियाणा: सिर पर चुनाव, लेकिन कम नहीं हो रहा कांग्रेस का सिरदर्द…सैलजा का दांव कहीं पड़ ना जाए भारी?

हरियाणा में कांग्रेस जहां सत्ता में वापसी के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है वहीं पार्टी की अंदरूनी कलह उसकी सबसे बड़ी मुसीबत बनी हुई है. हरियाणा कांग्रेस पार्टी में उठापटक जारी है. कुमारी सैलजा अपने करीबियों के खिलाफ उम्मीदवार उतारने से नाराज बताई जा रहीं हैं. उन्होंने खुद को प्रचार से दूर कर लिया. करीब एक हफ्ते से वह चुनाव प्रचार से बाहर हैं.

विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा कांग्रेस में उठापटक जारी है. पार्टी की वरिष्ठ दलित नेता और पांच बार की सांसद कुमारी सैलजा अपने करीबियों के खिलाफ उम्मीदवार उतारने से नाराज बताई जा रहीं हैं. वहीं, सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आलाकमान की नाराजगी को भांप कर सियासी दांव चल रही हैं. टिकट बंटवारे में हुड्डा की चली, इससे वह नाराज हैं क्योंकि कुमारी सैलजा के करीबी कैप्टन अजय चौधरी को टिकट नहीं मिली. टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में सैलजा ने इस बात को माना पर उन्होंने इस दौरान कहा कि जो 2004 में भजनलाल थे, वो आज हुड्डा हैं, फैसला आलाकमान करेगा.

सैलजा तो सियासी हालात देख भविष्य की सियासत पर कील कांटे बिछा रहीं थीं. तभी सियासी गलियारों में चर्चा गर्म हुई कि आलाकमान ने जो टिकटें तय कीं, वहां हुड्डा समर्थक उम्मीदवार निर्दलीय खड़ा है और उसने नाम वापस नहीं लिया. सैलजा ने आलाकमान के नाम पर इसी को मुद्दा बनाया और आलाकमान के करीब होने का दांव चलकर खुद को प्रचार से दूर कर लिया. सैलजा करीब एक हफ्ते से चुनाव प्रचार से बाहर हैं. उन्होंने हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने की भी इच्छा जताई थी.

इन जगहों पर सैलजा के करीबियों के खिलाफ उम्मीदवार

  • बल्लभगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार पराग शर्मा के सामने निर्दल हुड्डा करीबी शारदा राठौर
  • तिगांव से कांग्रेस उम्मीदवार रोहित नागर के सामने हुड्डा के करीबी निर्दल ललित नागर
  • बुआणिखेड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप नरवाल के सामने निर्दल सतीश रतेरा
  • पानीपत ग्रामीण से यूथ कांग्रेस के सामने बागी उम्मीदवार

तीन बार लगातार बहुत कम अंतर से चुनाव हारे हुड्डा विरोधी वीरेंद्र राठौर राहुल की मेहरबानी से चौथी बार मैदान में हैं, वो बागी को लेकर सतर्क हैं और आलाकमान को जानकारी दे चुके हैं. ऐसे में सैलजा खुद के साथ जो हुआ उसे भूल आगे बढ़ चुकी थीं, लेकिन मसला आलाकमान का आया तो उसे सियासी तौर पर भुनाने से वो पीछे क्यों हटेंगी, जब उनके दलित होने पर कांग्रेस के कार्यक्रम में कथित तौर पर उनका विरोध किया गया हो.

हालांकि, सूत्रों के मुताबिक आलाकमान ने विवाद सुलझाने के लिए सभी से बात की है इसीलिए हाल में हरियाणा के पर्यवेक्षक बनाए गए अशोक गहलोत का कल का चंडीगढ़ दौरा टाल दिया गया है, जिसमें शिमला में प्रियंका सोनिया के साथ मौजूद राहुल के आने का बन रहा कार्यक्रम भी अधर में चला गया.

कुमारी सैलजा कांग्रेस की सम्मानित नेता- भूपिंदर सिंह हुड्डा

वहीं, सैलजा की नाराजगी पर कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि कुमारी सैलजा कांग्रेस की सम्मानित नेता हैं और हमारी बहन भी हैं. कांग्रेस का कोई भी नेता या कार्यकर्ता उनके बारे में गलत टिप्पणी नहीं कर सकता. उनके बारे में यदि कोई भी किसी प्रकार की गलत टिप्पणी करता है तो उसका कांग्रेस में कोई स्थान नहीं है. पार्टी में किसी तरह का मनभेद नहीं है.

हुड्डा ने आगे कहा कि आज हर किसी के पास मोबाइल है और किसी को भी मैन्युपुलेट करके कुछ भी बुलवाया जा सकता है लेकिन ऐसी मानसिकता का समाज या राजनीति में कोई स्थान नहीं है विरोधी दल जानबूझकर समाज को बांटने वाली साजिशें रच रहे हैं. हरियाणा की 36 बिरादरी समाज को जात-पात में बांटने की किसी भी चाल में नहीं फंसने वाली.

हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान

हरियाणा कांग्रेस में ऐसे समय पर अंदरूनी कलह मची हुई है जब प्रदेश में 5 अक्टूबर को चुनाव है. मगर उसका सिरदर्द कम नहीं हो रहा है. पार्टी 89 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि एक सीट उसने CPIM को दी है. हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी. 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे. पार्टी हरियाणा में 10 साल से सत्ता से दूर है. इस बार वह सत्ता में वापसी के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी हुई है.