बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को कर्नाटक बीजेपी की कमान, नलिन कतील के इस्तीफे के बाद से खाली था पद

बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को कर्नाटक बीजेपी की कमान, नलिन कतील के इस्तीफे के बाद से खाली था पद

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी ने कर्नाटक में सभी सांगठनिक नियुक्तियों को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. क्योंकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कर्नाटक में कोई भी फैसला सोच समझकर लेना मुनासिब समझा, लिहाजा कर्नाटक में प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कोई भी नियुक्ति 6 महीने तक नहीं की गई.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कर्नाटक में विजयेंद्र येदियुरप्पा को राज्य बीजेपी अध्यक्ष नियक्त किया है. विजयेंद्र पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे हैं. कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने महीनों पहले इस्तीफा दे दिया था तब से ही प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्ति लंबित थी. अब तक बी वाई विजयेंद्र के पास प्रदेश में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी थी. उन्हे प्रदेश का कमान सौंपने के पीछे बीजेपी की एक खास रणनीति है.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ये बीजेपी के इस फैसले को अहम बताया जा रहा है. जानकारों के मुताबिक विजयेंद्र को कर्नाटक का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने के पीछे बीजेपी की मंशा और रणनीति लिंगायत वोटों की लामबंद करना है. दरअसल सितंबर के आखिर में एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस से गठबंधन का एलान करने के साथ ही ये तय हो गया था कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष गैर वोक्कालिगा समुदाय से बनाएगी.

ऐसे में कर्नाटक की राजनीति में मजबूत संख्याबल और बीजेपी के पारंपरिक वोटर रहे लिंगायत समुदाय के नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिया जाना लगभग तय था. कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के सबसे बड़े और कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा को बताया जाता है. मगर येदियुरप्पा को सीएम पद से हटाने के बाद लिंगायत समाज में नाखुशी फैली थी.

चुनाव से पहले प्रचार समिति में दी गई थी जगह

विधानसभा चुनाव के ठीक पहले लिंगायतों की नाखुशी की भनक लगने के बाद बीएस येदियुरप्पा को पार्टी ने अपनी सबसे अहम इकाई संसदीय बोर्ड सदस्य बनाया और विधानसभा चुनाव में येदियुरप्पा और उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र को प्रचार समिति में जगह दी थी लेकिन तबतक देरी हो गई थी.