पहले असर, फिर एक्शन… चंपई सोरेन को लेकर क्या है बीजेपी की रणनीति?

पहले असर, फिर एक्शन… चंपई सोरेन को लेकर क्या है बीजेपी की रणनीति?

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पिछले दो तीन दिन से सियासत का केंद्र बने हुए हैं. चंपई ने दिल्ली आने के पीछे अपना निजी काम बताया है. सोशल मीडिया पोस्ट कर अपनी नाराजगी भी जग जाहिर कर चुके हैं. उन्होंने दावा किया है दिल्ली में उनकी बीजेपी के किसी नेताओं से मुलाकात नहीं हुई है, लेकिन इसके पीछे की असल कहानी कुछ और ही मानी जा रही है.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का अगला सियासी कदम क्या होगा इसे लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हुई है. पिछले दो दिन से चंपई दिल्ली में थे, आज रांची के लिए रवाना हो जाएंगे. दिल्ली में रहने के बाद चंपई किसी नेता से नहीं मिले, लेकिन उनका बीजेपी में जाना तय माना जा रहा है. चंपई को लेकर बीजेपी अपनी रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है. बीजेपी उनके आने के बाद होने वाले फायदे के साथ-साथ नुकसान का भी आकलन कर रही है.

चंपई पिछले दो-तीन दिन से दिल्ली से लेकर झारखंड तक सियासत के केंद्र में हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपई को विभीषण तक बता चुके हैं. उन पर पार्टी के खिलाफ जाकर काम करने का आरोप भी लगाए हैं. जेएमएम नेताओं का कहना है कि हेमंत सोरेन को जब जेल भेजा गया था उन्होंने अपने भाई और पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने के बजाय चंपई सोरेन को चुना था, लेकिन अब वही नेता पार्टी में बगावत का बिगुल फूंक चुका है.

बीजेपी जल्दबाजी ने फैसला नहीं लेना चाह रही

सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी चंपई पर जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहती है. बीजेपी उनको शामिल करने पर विचार कर रही है, लेकिन उसके लिए उनको राज्य में अपने लिए विक्टिम कार्ड खेलना होगा. ताकि उनके पक्ष में आदिवासी वोटों का ध्रुवीकरण हो सके. दिल्ली से झारखंड पहुंचने के बाद चंपई अब जेएमएम के नाराज नेताओं को टटोलेंगे और अपनी लॉबी तैयार करेंगे.

अब जनता के बीच में सहानुभूति बटोरेंगे चंपई

विक्टिम कार्ड से मतलब ये हैं कि अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कामों और हेमंत सोरेन की ओर से अचानक बिना बताए उन्हें सीएम पद से हटाने के मुद्दे को लेकर अपने समाज के लोगों के बीच सहानुभूति बटोरें. ऐसे में चंपई आज से झारखंड जाकर जेएमएम और खासकर हेमंत सोरेन के खिलाफ माहौल बनाएंगे. चर्चा है कि बीजेपी अगले एक हफ्ते तक चंपई के कदमों पर नजर रखेगी और उसका जमीन पर होने वाले असर को भी परखेगी.

तोड़ने के आरोपों से बचना चाह रही बीजेपी

बीजेपी किसी भी तरह से ये नहीं चाहती है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को तोड़ने का आरोप उसके माथे पर आए. विधानसभा चुनाव में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़े. इसलिए झारखंड के पहुंचने के बाद चंपई क्या करते हैं उसको देखते हुए भविष्य का फैसला लेगी. इस पूरे मसले को करीब से हैंडल करने वाले बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा चंपई सोरेन के रेगुलर टच में हैं.