दिल्ली के अरविंद की भी अतुल सुभाष जैसी कहानी… पत्नी की प्रताड़ना ऐसी कि ट्रेन से कटकर दे दी थी जान
15 दिसंबर 2017 के दिन दिल्ली के यमुना विहार इलाके में रहने वाले अरविंद ने रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के आगे लेटकर सुसाइड किया था. अरविंद ने मरने से पहले 23 पेज का सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह कानून की वजह से खुद को बेसहाय महसूस कर रहा है.
बेंगलुरु में AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की सुसाइड केस की पूरे देश में चर्चा बनी हई है. पत्नी के उत्पीड़न से तंग आकर अतुल ने घातक कदम उठाया और अपने जीवन को समाप्त कर दिया. अतुल के केस में कई लोगों पर आरोप हैं. पत्नी के झूठे मुकदमें, तारीख पर तारीख और लचर न्याय व्यवस्था. यह पहला मामला नहीं है. आज से ठीक सात साल पहले अतुल की तरह दिल्ली के अरविंद ने भी ऐसा ही घातक कदम उठाया था. अरविंद की भी समस्या अतुल जैसी थी. वह भी झूठे मुकदमों और कोर्ट की तारीख से परेशान हो उठा था.
बात साल 2017 की है और महीना भी दिसंबर का था. दिल्ली के यमुना विहार निवासी अरविंद पर उनकी पत्नी ने कई झूठे केस लगाए थे. तंग आकर अरविंद ने 15 दिसंबर 2017 को ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दी थी. उसने मरने से पहले 23 पेज का सुसाइड नोट लिखा था. उसमें देश की न्याय व्यवस्था से नाराजगी थी. पत्नी के लगाए आरोपों से अरविंद के खिलाफ कई सालों तक मामला कोर्ट में चला. अदालत के चक्कर लगाते-लगाते अरविंद ने वकालत भी कर ली और अपना केस खुद लड़ने लगे थे.
लव मैरिज और परेशानियों की दस्तक
दिल्ली के यमुना विहार के अरविंद की जिंदगी ठीकठाक गुजर रही थी. 2008 में परेशानियों ने चुपके से दस्तक देना शुरू की. उसकी मुलाकात सुभाष विहार निवासी ऋचा ठाकुर उर्फ काजल से हुई. दोनों में प्यार हुआ और 2009 में आर्य समाज मंदिर में लव मैरिज की. उसके बाद अरविंद का जीवन पूरी तरह बदल गया. वह पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट था.
शादी के बाद शुरू हुआ पत्नी का उत्पीड़न
अरविंद के परिवार का कहना है कि शादी के लिए अरविंद पर ऋचा ने दबाव बनाया था. उसने रेप के आरोप लगाए, जिसके चलते अरविंद ने आर्य समाज मंदिर में शादी की थी. उन्होंने बताया कि पहले दिन से अरविंद अपने परिवार से अलग रहने लगा. अरविंद की एक बेटी हुई. अरविंद की पत्नी ने पैसों के लिए डोमेस्टिक वायलेंस का केस किया, जिसके चलते अरविंद को जेल भी जाना पड़ा. कोर्ट के चक्कर लगाते-लगाते अरविंद ने वकालत भी कर ली. अरविंद अपना केस खुद लड़ने लगा.
अरविंद ने लिखा- कानून की वजह से वह खुद को बेसहाय महसूस कर रहा है
2016 तक अरविंद का कोर्ट में केस भी चला, कोर्ट ने 6 लाख रुपये के अमाउंट पर तलाक करवाया. लेकिन तलाक के बाद भी ऋचा ने अरविंद का पीछा नहीं छोड़ा. अरविंद पुरानी जिंदगी को भूल एक कंप्यूटर कंपनी में काम करने लगा. 13 दिसंबर 2017 को ऋचा अरविंद के दफ्तर पहुची और वहां उसने अरविंद को बेइज्जत किया. उसका लैपटॉप बैग लेकर ऋचा अपने साथ चली गयी. आफिस में बेइज्जती होने पर सबसे पहले अरविंद ने सुसाइड नोट 13 दिसंबर 2017 को लिखा. सुसाइड नोट के पेज नंबर-13 में अरविंद ने अपनी आत्महत्या की वजह देश के कानून को बताया, कि कैसे कानून की वजह से वह खुद को बेसहाय महसूस कर रहा है.
ट्रेन के आगे लेट की आत्महत्या
14 दिसम्बर को एक नोट लिखा, जिसमें अरविंद ने अपनी हालात और ऋचा द्वारा परेशानी का जिक्र किया और आखिरी नोट 15 दिसंबर को लिखा, जिसमें आफिस में हुई उसकी बेइज्जती का जिक्र किया गया, जो ऋचा ने पूरे आफिस में की. 15 दिसंबर की शाम अरविंद ने रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के आगे लेट कर आत्महत्या कर ली. अरविंद की मौत के बाद परिवार को पुलिस कार्रवाई करवाने के लिए भी मीडिया और कैंडल मार्च की जरूरत पड़ी.
पुलिस पर भी आरोप, मां की तड़प
परिजन कहते हैं कि अगर सुसाइड लेटर पर पुलिस संज्ञान ले लेती और ऋचा पर कार्रवाई करती तो अरविंद 15 दिसंबर की शाम आत्महत्या नही करता. उन्होंने बताया कि उन्हें आखिरी सुसाइड नोट पोस्ट के जरिए मिला, जो अरविंद ने आत्महत्या के पहले अपने हाथों से लिखा था. उनकी मां कहती हैं कि आज भी अरविंद की कमी खलती है. वह अरविंद की फोटो दीवार पर नही टांगते क्योंकि उसकी याद आती है. सिर्फ 15 दिसम्बर को उसकी फोटो निकालते है और पूरा परिवार गम में डूब जाता है.