इंसान ही नहीं रोबोट पर चली छंटनी की तलवार, Google ने इतनों को नौकरी से निकाला
Google Layoffs 2023: इन रोबोट का इस्तेमाल साफ-सफाई के लिए किया जाता था. इनसे टेबल आदि साफ कराई जाती थी, और रिसाइक्लिंग भी होती थी. कोरोना के समय इनसे कॉन्फ्रेंस रूम को भी साफ कराया जाता था.
Google Layoffs News: छंटनी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. Google की पैरेंट कंपनी Alphabet ने एक बार फिर से छंटनी की है. दिलचस्प बात ये है कि इस बार छंटनी का शिकार इंसान नहीं बल्कि रोबोट बने हैं. जी हां, अमेरिकी टेक कंपनी ने 100 रोबोट को नौकरी से निकाल दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार अल्फाबेट के एवरीडे रोबोट्स (Everyday Robots) प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया है. इससे पहले दिग्गज सर्च इंजन कंपनी ने लगभग 12,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है.
एवरीडे रोबोट्स प्रोजेक्ट गूगल के एक्सपेरिमेंटल X लैबोरेट्रीज के तहत एक यूनिट थी जिसे अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने बंद कर दिया है. इसके तहत एक हाथ वाले 100 रोबोट की ट्रेनिंग हुई थी. पहियों से चलने वाले ये रोबोट कंपनी के कैफेटेरिया को साफ करने में मदद करते थे.
रोबोट का काम
इनमें से कई रोबोट प्रोटोटाइप को लैब के बाहर भी भेजा गया है, और वे गूगल बे एरिया में अच्छा काम कर रहे हैं. इन रोबोट को टेबल साफ करने, कूड़ा अलग करने और रिसाइकिल करने के काम पर लगाया गया था. कोरोना महामारी के दौरान कॉन्फ्रेंस रूम साफ करने में भी इन रोबोट की मदद ली गई थी. रोबोट डिवीजन बंद होने के बाद इसकी टेक्नोलॉजी का किसी और डिवीजन में इस्तेमाल किया जा सकता है.
रोबोट की पूरी दुनिया में पॉपुलैरिटी
अल्फाबेट ने पिछले कुछ साल लर्निंग के लिए एक इंटिग्रेटेड हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सिस्टम डेवलप करने में बिताए हैं. इसके जरिए कंपनी वर्चुअल दुनिया से असली दुनिया में नॉलेज ट्रांसफर करना चाहती है. रोबोटो भी पूरी दुनिया में पॉपुलर हो रहे हैं. इंसान इनसे कई तरह के काम ले रहे हैं. मशीन लर्निंग टेक्निक, रीइंफोर्समेंट लर्निंग, डिमोन्स्ट्रेशन जैसी चीजों से ऐसा करना मुमकिन होता है.
गूगल का अजीब आदेश
टेक सेक्टर में हालात अभी ठीक नहीं है. एक के बाद एक कंपनी छंटनी कर रही हैं. घाटे से जूझ रही टेक कंपनियां लागत कम करने के ऑप्शन तलाश कर रही हैं. गूगल ने भी लागत घटाने के लिए काम पर लौटे कर्मचारियों से सहयोगियों के साथ डेस्क शेयर करने के लिए कहा है, ताकि ऑफिस स्पेस को बढ़ाया जा सके.