जान दे दूंगा…जहर खाकर जा रहा था मंदिर, तबीयत बिगड़ी तो पहुंचा सीधे थाने… रो-रोकर बताई आपबीती
जहर खाए हुए व्यक्ति ने थाने पहुंच कर बताया कि उसके भाई ने जमीन पर कब्जा कर लिया है. भाई के कहने पर चौकी इंचार्ज उसे प्रताड़ित कर रहे हैं. चोरी के मुकदमे में उसे फंसा दिया गया है. पुलिस धोखेबाज भाई पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इसलिए वह अब मरना चाहता है.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में जमीनी विवाद में पुलिस की प्रताड़ना का मामला सामने आया है. शाहपुर थाना क्षेत्र की जंगल तुलसीराम बिछिया में रहने वाले व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ खा लिया. गोरखनाथ मंदिर की दर पर प्राण त्यागने के लिए चल दिया. रास्ते में हालत बिगड़ने पर गोरखनाथ थाने पहुंच गया. यहां पर जहर खाए व्यक्ति ने गुहार लगाई कि साहब! पीएसी में तैनात मेरे भाई ने मेरी जमीन पर कब्जा कर लिया है. उसके कहने पर चौकी इंचार्ज कौवाबाग उसे प्रताड़ित कर रहे हैं. चोरी के मुकदमे में फंसा दिए हैं. ऐसे में परेशान होकर जहरीला पदार्थ खा लिया है. साथ ही जहर खाए व्यक्ति ने पुलिस को अपना सुसाइड नोट भी सौंप दिया. इसमें उसने लिखा कि अब मैं मरना चाहता हूं.
थाने में यह सब ड्रामा देख पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. तत्काल उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. पुलिस ने बताया कि देवरिया जिले के लार थाना क्षेत्र स्थित पिंडी गांव के रहने वाले जितेंद्र बहादुर सिंह साल 2014 में अपनी पत्नी फूलमती के नाम से जंगल तुलसीराम बिछिया में जमीन खरीदा था. उसी जमीन के बगल में उनके भाई पीएसी में तैनात सिपाही सत्येंद्र सिंह ने भी अपनी पत्नी बिंदु सिंह के नाम से दो हजार वर्ग फीट जमीन का बैनामा करवाया था.
ये है जमीनी विवाद का पूरा मामला
जमीन गड्ढे में थी, इस नाते जितेंद्र ने उस जमीन पर मिट्टी पटवा कर समतल करवा दिया. बाद में उस समतल जमीन को देखकर उसके भाई के मन में लालच आ गया. उसने अपनी जमीन छोड़कर जितेंद्र की पत्नी के नाम की जमीन को अपना बताने लगा और उस पर कब्जा कर लिया. इससे आहत होकर जितेंद्र ने तहसील प्रशासन व शाहपुर पुलिस से शिकायत की थी.
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जमीन मांगने पर किया गया प्रताड़ित
उसके बाद 21 मार्च, 2023 को शाहपुर थाना पुलिस व राजस्व विभाग की टीम मौके पर गई थी. मामले की जांच पड़ताल की, लेकिन मामले का कोई हल नहीं निकल पाया. ऐसे में जितेंद्र के भाई सत्येंद्र जमीन पर कब्जा बनाए रखा. जब भी पीड़ित ने अपनी जमीन को वापस मांगने के लिए या कब्जा करने की कोशिश की तो उसको प्रताड़ित किया गया.
सुसाइड नोट में लिखी ये बातें
भाई ने चौकी इंचार्ज कौआबाग विवेक रंजन से मिलकर पीड़ित को सरिया चोरी के मुकदमे फंसा दिया. इससे आहत होकर जितेंद्र ने अपनी जीवन लीला खत्म करने की ठान ली. उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि दुनिया में रहने से कोई फायदा नहीं. अपने खून का रिश्ता ही जब इस तरह से धोखा देकर बेईमानी कर रहा है तो और लोगों की बात ही क्या है. मैं पीएसी में तैनात भाई और चौकी प्रभारी कौवाबाग की प्रताड़ना से तंग हो चुका हूं. मेरी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में मैं गुरु गोरक्षनाथ के चरण में अपना प्राण त्यागने के लिए जहर खा रहा हूं. इसकी पूरी जिम्मेदारी मेरे भाई सत्येंद्र सिंह और चौकी प्रभारी कौआबाग की होगी.
चोरी के झूठे मुकदमे में पुलिस ने फंसाया
जहरीला पदार्थ खाकर जैसे ही जितेंद्र गोरखनाथ मंदिर गेट के सामने पहुंचा उसकी स्थित खराब होने लगी. वह गेट के सामने ही स्थित थाने पर पहुंचा और बोला की साहब! पीएसी में तैनात मेरे भाई सत्येंद्र सिंह ने मेरी जमीन पर कब्जा कर लिया है और उनकी मदद चौकी इंचार्ज कौआबाग कर रहे हैं. उन्होंने मुझे चोरी के झूठे मुकदमे में फंसा दिया है. मैं अपना जीवन खत्म करने के लिए जहरीला पदार्थ खा लिया हूं. इतना कहने के बाद वह बेहोश हो गया. इसके बाद पुलिस के होश उड़ गए. पुलिस वालों ने तत्काल उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया.
इस संबंध में एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि जितेंद्र ने गोरखनाथ थाने में पहुंचकर पूरी बात बताई थी. उसके बाद पूरे मामले की जांच क्षेत्राधिकार गोरखनाथ को सौंपी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.