UP: गोरखपुर में आवारा कुत्ते का आतंक! डेढ़ साल के बच्चे को नोंच-नोंचकर मार डाला

UP: गोरखपुर में आवारा कुत्ते का आतंक! डेढ़ साल के बच्चे को नोंच-नोंचकर मार डाला

यूपी के गोरखपुर के चिलुआताल की घटना है. घर के बाहर खेल रहे बच्चे पर एक आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया. कुत्ते के हमले में बच्चा बुरी तरह से जख्मी हो गया, जिसकी बाद में मौत हो गई.

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आवारा कुत्तों (स्ट्रीट डॉग) का आतंक बढ़ता जा रहा है. जिला अस्पताल में हर दिन करीब 125 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. स्ट्रीट डॉग के हमले का शिकार अब एक मासूम भी हो गया. वह अपने दरवाजे पर खेल रहा था. इसी दौरान एक स्ट्रीट डॉग ने डेढ़ साल के बच्चे के ऊपर हमला कर दिया. उसे जगह-जगह काट लिया. परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन मासूम की मौत हो गई.

चिलुआताल थाना क्षेत्र के नकहा नंबर एक के टोला बसंतपुर के रहने वाले राज साहनी का डेढ़ वर्षीय बेटा कार्तिक अपनी मां मधु के साथ नानी के घर गया था. नानी का घर गोरखनाथ थाना क्षेत्र के बनकटा में है. वह देर शाम दरवाजे के बाहर खेल रहा था, जबकि उसकी मां अंदर कोई काम कर रही थी. इसी दौरान स्ट्रीट डॉग मासूम को अकेला देखकर हमलावर हो गया. वह मासूम को जगह-जगह काटने लगा.

बच्चे के मामा ने बताया…

बच्चे के चिल्लाने की आवाज सुनकर मां व अन्य लोग घर से बाहर आए तो देखा डेढ़ वर्ष का मासूम लहुलुहान हालत में है. उसे स्ट्रीट डॉग बुरी तरह से काट रहा है. परिजन तत्काल मासूम को लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे. मासूम कार्तिक के मामा विशाल सहनी ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने कहा कि जहां-जहां कुत्ता काटा है उसको अच्छी तरह से धुलकर साफ कर लीजिए और दो दिन बाद आइए तब दवा होगी. उसके बाद हम लोग उसे लेकर एक निजी अस्पताल में चले गए. वहां पर डॉक्टर ने इलाज के लिए टिटनेस के दो इंजेक्शन लगाने के साथ ही अन्य उपचार शुरू किया

मामा ने बताया किकुछ देर बाद ही मेरे भांजे की तबीयत और बिगड़ने लगी. देर रात करीबी एक बजे उसकी मौत हो गई. उनका कहना है कि डॉक्टर ने इलाज में काफी लापरवाही की, जिसके चलते मेरे भांजे की मौत हो गई. घटना के बाद मासूम के परिजन काफी आक्रोशित थे, लेकिन सूचना पर पहुंची पुलिस ने सबको समझा- बुझाकर शांत कराया.

इस तरह की घटना बीते 24 अगस्त को शाहपुर थाना क्षेत्र के मोहल्ले में होते-होते बची थी. स्ट्रीट डॉग ने उस समय भी एक मासूम पर हमला कर दिया था. संयोग अच्छा रहा कि उस समय एक युवक उधर से गुजर रहा था. उसने फुर्ती दिखाते हुए तत्काल मासूम को अपने प्रयास से बचा लिया. अन्यथा उस समय भी अनहोनी हो जाती. यही नहीं कैंट थाना क्षेत्र के जजेज कंपाउंड में भी कुछ माह पहले एक जज की मां के ऊपर स्ट्रीट डॉग हमलावर हो गए थे. सुबह का समय था. कुछ लोग टहलने के लिए निकले थे तो उन लोगों ने उन्हें बचा लिया. शहर में लोग जगह जगह स्ट्रीट डॉग के हमले में घायल हो रहे हैं.

जिला अस्पताल में 125 लोग औसतन प्रतिदिन एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. इसका मतलब है स्ट्रीट डॉग काफी आक्रामक हो चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार कोई सुध नहीं ले रहे हैं. दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि सरकार ने नगर निगम को स्ट्रीट डॉग को पकड़ने की जिम्मेदारी दे रखी है, लेकिन वह कुछ भी नहीं कर रहा है. नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि गोरखपुर के गुलरिहा में एनिमल बर्थ केयर कंट्रोल सेंटर बनकर तैयार है. जल्द ही उसका उद्घाटन किया जाएगा और उसके बाद इस तरह में स्ट्रीट डॉग की संख्या में कमी आने लगेगी.

क्या बोले पशु चिकित्सा अधिकारी?

स्ट्रीट डॉग के आक्रामक होने के संबंध में चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि स्ट्रीट डॉग अक्सर भूख और प्यास के चलते हलावर हो जाते हैं. वर्तमान में उनका प्रजनन काल चल रहा है. ऐसे में हार्मोनल चेंज के कारण भी उनके अंदर आक्रमकता आ जाती है। यही नहीं स्ट्रीट डॉग डर व भय के कारण भी हमला कर देते हैं. वह अपने संसाधनों व क्षेत्र की रक्षा के लिए भी हमलावर हो जाते हैं. यदि वह बीमार है या चोट लगी है तब भी वह हमला कर सकते हैं. इनको नियंत्रित करने के लिए इनकी नसबंदी जरूरी है.