अब हटाएं रामचरितमानस से आपत्तिजनक टिप्पणी… भागवत के बयान पर मौर्य

अब हटाएं रामचरितमानस से आपत्तिजनक टिप्पणी… भागवत के बयान पर मौर्य

पिछले दिनों सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिन पर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को ऐसा बयान दिया कि उस पर अब राजनीति होने लगी है. मुंबई के एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा, “भारत में जाति व्यवस्था भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई है.” भागवत के इस बयान पर अब सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया सामने आई है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए कहा, “जाति-व्यवस्था पंडितों (ब्राह्मणों) ने बनाई है. यह कहकर RSS प्रमुख भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी है. कम से कम अब तो रामचरितमान से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिये आगे आएं.

इसके साथ ही सपा नेता स्वामी प्रसाद मोर्य ने एक और ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने कहा,” यदि मोहन भागवत का यह बयान मजबूरी का नहीं है. तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित और अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवाएं. मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात नहीं बनने वाली है.”

जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई: भागवत

बता दें कि रविवार को भागवत ने कहा, “भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं. उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने जो श्रेणी बनाई वो गलत थी. देश में विवेक और चेतना सभी एक हैं. उसमें कोई अंतर नहीं है. बस मत अलग-अलग हैं. जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई है. भगवान सभी के लिए एक हैं.”

रामायण की चौपाई पर मौर्य ने खड़े किए सवाल

गौरतलब है कि पिछले दिनों सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिन पर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने तुलसीदास की रामायण की चौपाई पर सवाल खड़े किए थे. स्वामी प्रसाद मौर्य के अनुसार तुलसीदास इन चौपाइयों पर शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं.

रामचरितमानस में सवाल खड़े करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू संगठनों के निशाने पर हैं. वहीं, बीजेपी के नेता भी स्वामी प्रसाद मौर्य तीखी टिप्पणी कर रहे हैं.