हरियाणा सरकार मंत्रिमंडल की बैठक बुला सकती है, विधानसभा भंग करने और मानसून सत्र बुलाने के संकट का कर रही सामना

हरियाणा सरकार मंत्रिमंडल की बैठक बुला सकती है,  विधानसभा भंग करने और मानसून सत्र बुलाने के संकट का कर रही सामना

हरियाणा में जहां एक तरफ चुनाव को लेकर तैयारियां तेज है, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार एक संवैधानिक संकट का सामना कर रही है, जिसके तहत सरकार के पास दो विकल्प है, पहला, विधानसभा को भंग किया जाए या फिर मानसून सत्र बुलाया जाए. इसी के चलते सरकार मंत्रिमंडल की अर्जेंट मीटिंग बुला सकती है.

हरियाणा में जहां एक तरफ चुनाव होने हैं, वहीं दूसरी तरफ हरियाणा सरकार संवैधानिक संकट का सामना कर रही है. इसी के चलते 12 सितंबर से पहले विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने और विधानसभा भंग करने के संवैधानिक संकट के बीच हरियाणा सरकार 11 सितंबर को अर्जेंट मंत्रिमंडल की बैठक बुला सकती है. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में विधानसभा भंग करने का फैसला लिया जा सकता है.

सत्र में विधानसभा भंग करने का निर्णय लेकर राज्यपाल से सिफारिश की जा सकती है. नियम के मुताबिक प्रदेश के विधानसभा चुनाव घोषित कर दिए गए हो, उसके बाद भी 6 महीने के समय से पहले सदन का अगला सत्र बुलाना संवैधानिक अनिवार्यता है. 14वीं हरियाणा विधानसभा, जिसका कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक है, उसका पिछला एक दिन का विशेष सत्र करीब 6 माह पूर्व 13 मार्च 2024 को बुलाया गया था.

सरकार के पास दो विकल्प

संवैधानिक रूप से छह महीने में एक बार विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है, इसलिए सरकार के लिए 12 सितंबर तक सदन की बैठक बुलाना जरूरी है. इसके अलावा सरकार के पास एक और विकल्प है, वो ऑप्शन है विधानसभा भंग करने का, अब देखना होगा कि अचानक बुलाई गई इस मीटिंग में क्या निर्णय लिया जाता है, विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा या फिर विधानसभा ही भंग कर दी जाएगी. संवैधानिक संकट को टालने के लिए गुरुवार तक सदन की बैठक बुलाना या फिर विधानसभा भंग करना जरूरी है.

हरियाणा विधानसभा चुनाव

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है, जिसके बाद से ही सभी पार्टी चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है और दम-खम लगाती नजर आ रही है. राज्य में 90 सीटों पर एक ही चरण में 5 अक्टूबर को चुनाव होंगे जबकि वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी, इससे पहले राज्य में 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी थी, लेकिन चुनाव आयोग ने त्योहारों और छुट्टियों को देखते हुए चुनाव को आगे टाल दिया.