‘का बा’ से हिली सरकार! अखिलेश बोले-बजट से दुखी, CM अपने क्षेत्र में नाला तक नहीं बना सके

‘का बा’ से हिली सरकार! अखिलेश बोले-बजट से दुखी, CM अपने क्षेत्र में नाला तक नहीं बना सके

अखिलेश ने कहा कि हाल ही में नेता सदन टीवी पर अकेले बैठकर फुटबॉल मैच देख रहे थे. भला फुटबॉल मैच भी अकेले देखा जाता है क्या? फुटबॉल मैच तो साथ में देखा जाता है, वो भी ड्रेस पहनकर. लेकिन मुझे पूरी उम्मीद है कि उस मैच को देख नेता सदन को नींद आ गई होगी.

उत्तर प्रदेश के बजट सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर करारा प्रहार किया. अखिलेश ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब मैंने नाले का बजट देखा तो मुझे दुख हुआ कि नेता सदन अपने क्षेत्र गोरखपुर में नाला तक नहीं बना सके. कम से कम गोरखपुर में स्टेडियम ही बना देते. ऐसा स्टेडियम बना देते, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर का मैच करवा सकता है. एक लोक गायक, जिसने ‘यूपी में का बा’ गाया. आपने नोटिस दे दिया. यकीन करिए कोई हमारे खिलाफ कविता बनाता मैं कुछ नहीं करता.

अखिलेश ने योगी सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि सस्ती दरों पर किसानों को बिजली कहां है? 5 साल में 70 लाख नौकरियाों का सृजन कहां है? तीन महीने में शिक्षामित्रों के रोजगार का समााधान कहां है? प्रदेश के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को लैपटॉप कहां है? हर जिले में कॉलेज, मदनमोहन मालवीय संस्कृत कॉलेज की स्थापना कहां है?

‘नेता सदन कम से कम गोरखपुर में तो मेट्रो चलवा दें’

अखिलेश ने कहा कि कानपुर इलाहाबाद, आगरा, गोरखपुर और झांसी में मेट्रो शुरू करेंगे.नेता सदन कम से कम गोरखपुर में तो मेट्रो चलवा दें.हमें धमकी दी गई कि गोरखपुर में जमीन नहीं दे रहे तो एम्स कहीं और चला जाएगा. अध्यक्ष जी वो एम्स समाजवादियों की देन है. समाजवादियों ने जमीन दी तब एम्स बना. 6 एम्स की स्थापना होनी थी… कहां है एम्स? अखिलेश ने कहा कि हाल ही में नेता सदन टीवी पर अकेले बैठकर फुटबॉल मैच देख रहे थे. भला फुटबॉल मैच भी अकेले देखा जाता है क्या? फुटबॉल मैच तो साथ में देखा जाता है . वो भी ड्रेस पहनकर. लेकिन मुझे पूरी उम्मीद है कि उस मैच को देख नेता सदन को नींद आ गई होगी. नेता सदन हाल ही में कुछ खेलते हुए नजर आए थे. एक खिलाड़ी ने उनको गेंद किया. गेंद तीन टप्पे में नेता सदन के पास गई फिर भी वह उसे बल्ले से नहीं मार सके.

पुलिस के खाली पद क्या भरे गए?

अखिलेश ने कहा कि संकल्प पत्र में वादा किया गया था कि एक साल में पुलिस के खाली पदों को भरेंगे? क्या हुआ उसका. अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में तीन महिला पुलिस थानों की सूची दे दे सरकार.ये कहा गया कि यूपी सभी चीजों में नंबर वन है.कामधेनु, डायल 100 में… लेकिन नए आंकड़े भी देखने चाहिए कि यूपी कहां खड़ा है.बिना यूपी के देश तरक्की नहीं कर पाएगा. कभी आप केरल को बताते थे कि वो यूपी से सीख ले और आज आप कहां खड़े हैं.कंपोजिट स्टेट में पहले पर महाराष्ट्र और हम 16वें नंबर पर खड़े हैं.

आपकी पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी क्या है?

अखिलेश ने कहा कि इकोनॉमिक फ्रंट पर , जिसमें पर कैपिटा है, जीडीपी ग्रोथ समेत कई मानक हैं.उसमें यूपी के लोग कहां हैं.गुजरात नंबर एक और हम नंबर 17 पर हैं. वित्त मंत्री को ये दिक्कत है कि अकेले में सीएम उनको डांटें नहीं. आपकी पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी क्या है. आप चुनाव जीत जाओ लेकिन पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी नहीं है आपकी.अखिलेश ने कहा कि आलू टमाटर प्याज जैसी फसलों का न्यूनतम मूल्य देने के लिए 1 हजार करोड़… क्या है उनका हाल? क्या सरकार आलू खरीदेगी ? मैं वित्त मंत्री से पूछता हूं बोलिए आप आलू खरीदोगे क्या? वित्त मंत्री ने जवाब दिया कि हमने खरीदा है और खरीदेंगे भी. संकल्प पत्र के सारे वादे पूरे करेंगे. जितने भी विपक्ष के लोग हैं हम सब जाति जनगणना चाहते हैं…. बिना जाति जनगणना के आपका सबका साथ सबका विकास वाला नारा अधूरा है.मुझे लगता है कि अपना दल भी यही चाहता है. दोबारा सेंसस होने वाला है तो हमारी मांग है कि जाति जनगणना होनी चाहिए. आखिरकार सरकार पीछे क्यों हट रही है.

अखिलेश ने विदेश जाने वाले नेताओं पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि एक साल तो चला गया अब चार साल बचे.दिल्ली की सरकार कुछ सहयोग कर नहीं रही है. आपने क्या कदम उठाए हैं ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लिए. एक डेलिगेशन अमेरिका गया.मओयू कर लिया कई हजार करोड़ का. बाद में पता चला वो यूनिवर्सिटी ही नहीं है. नेता सदन इनकी क्लास लीजिए. कौन गया था यूएस.

नेता सदन मैं ये चाहता हूं कि उन्हें दोबारा प्रयास करना चाहिए. कोई तो आ जाए यूएस से. यहां कि यूनिवर्सिटी को उस लेवल का नहीं बना पा रहे हैं. बीजेपी का फंडा क्लियर था जो भी सूट पहना हो उससे एमओयू करवा लो. मैक्सिको, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, अमेरिका, साउथ कोरिया, जापान… गए थे आप लोग… जो जापान गए थे वो लोग क्यूटो नहीं गए क्या…. हमारा वाराणसी क्यूटो क्यों नहीं बन पाया