बाबा का ‘व्हाइट हाउस’… सफेद छोड़ एक भी रंग नहीं, महल जैसा है आश्रम- Video

बाबा का ‘व्हाइट हाउस’… सफेद छोड़ एक भी रंग नहीं, महल जैसा है आश्रम- Video

हाथरस में भोले बाबा उर्फ विक्रम पाल उर्फ नारायण साकार हरि का एक भव्य और लग्जरी व्हाइट हाउस है. कई एकड़ जमीन पर पसरे इस व्हाइट हाउस में ऐशो आराम की तमाम सुविधाएं है. उधर, बाबा के सहपाठी और उन्हें जानने वाले जालसाज बता रहे हैं. कहा कि चमत्कारी होते तो 121 मृतकों में किसी एक को ही जिंदा करके दिखा देते.

समाज को मानवता का पाठ पढ़ाने वाला भोले बाबा का एक भव्य ‘व्हाइट हाउस’ है. हाथरस में कई एकड़ में बने नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरज पाल के इस ‘व्हाइट हाउस’ को आश्रम का नाम दिया गया है. यह ‘व्हाइट हाउस’ एक लग्जरी रिसॉर्ट की तर्ज पर बना है. इसमें कई कमरे हैं और ऐशो आराम की तमाम सुविधाएं हैं. यह भोले बाबा के मुख्य ठिकानों में से एक है. भोले बाबा के सेवादारों की माने तो इस व्हाइट हाउस के ठीक सामने एक बहुत बड़ा मैदान है.

इसी मैदान में बाबा अक्सर अपने फॉलोवर्स को बुलाकर सत्संग करते रहते हैं. इसी मैदान में हेलीपैड के लिए भी जगह बना है. बताया जा रहा है कि इस मैदान में जब भी सत्संग होता है, यहां 3 लाख से अधिक फॉलोवर्स पहुंचते हैं. उस समय इन सभी को पास में ही निर्माणाधीन इंटर कॉलेज में ठहराया जाता है. सेवादारों के मुताबिक अब तक दर्जनों पर यहां पर सत्संग हो चुका है और आज भी इस इंटर कॉलेज में जगह जगह बाबा के बैनर और होर्डिंग्स लगे हुए हैं.

गांव वालों ने बाबा को बताया जालसाज

उधर, भोले बाबा को बचपन से जानने वालों ने जानने वालों बड़ा बयान दिया है. कहा कि वह महात्मा नहीं जालसाज है. कासगंज जिले के पटियाली तहसील में बहादुरनगर गांव के रहने वाले भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के कई सहपाठियों ने बताया कि वह लोगों को केवल बेवकूफ बनाते हैं. सूरजपाल के साथ ही पढ़ाई करने वाले पड़ोसी गांव रमपुरा के रामपाल सिंह कहते हैं कि वह छठीं कथा में सूरजपाल के साथ थे. उन्होंने 8वीं कक्षा तक साथ में पढ़ाई की है. रामपाल सिंह के मुताबिक सूरजपाल भोले बाबा बनने के बाद एक बार दावा किया था कि उसकी उंगलियों में सुर्दशन चक्र है.

चमत्कार का ढोंग करते हैं बाबा

उसने लोगों को दिखाने का ढोंग भी किया था. हालांकि एक फॉलोवर्स को उसका सुदर्शन चक्र नजर नहीं आया. केवल उसके कुछ गिने चुने सेवादारों ने ही कहा कि उन्हें उंगलियों में कुछ दिया है. रामपाल सिंह के मुताबिक पढ़ाई के दौरान भी उनकी सूरजपाल से कोई बात नहीं होती थी. इसी गांव के रहने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि कुछ समय पहले हत्या के एक मामले में सूरजपाल जेल में बंद था. उनकी मुलाकात उससे जेल में ही हुई थी. बुजुर्ग के मुताबिक वह फर्जी बाबा है. यदि असली चमत्कारी होता तो जो 121 लोग मरे हैं, उनमें एकाध को जिंदा करके दिखा देता.