शिमला-मनाली में हीटवेव, घूमने पहुंचे लोग परेशान… मौसम विभाग ने बताया पहाड़ों में कब मिलेगी राहत

शिमला-मनाली में हीटवेव, घूमने पहुंचे लोग परेशान… मौसम विभाग ने बताया पहाड़ों में कब मिलेगी राहत

Himachal Pradesh Weather Forecast: हिमाचल प्रदेश के टूरिस्ट स्थानों पर आसमान से बरसती आग ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है. पहाड़ों में पहली बार लोगों को लू के थपेड़ों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, बारिश को लेकर मौसम विभाग के पूर्वानुमान से लोगों को राहत मिली है. विभाग ने गर्मी का कारण बताते हुए बारिश की तारीख भी बताई है.

मैदानी इलाकों में गर्मी से इन दिनों हाल बेहाल है. गर्मी से बचने के लिए लोग पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. खासकर शिमला और मनाली में पर्यटकों का हुजूम उमड़ रहा है, लेकिन यहां पर भी इस बार गर्मी अपना कहर बरसा रही है. इन शहरों में तापमान कम रहते हैं, लेकिन इस बार इन दोनों शहरों में भी तापमान 31 डिग्री तक पहुंच गया है. शिमला शहर में भी तापमान 30.2 डिग्री दर्ज किया गया है. मनाली में तापमान 31 डिग्री पार कर चुका है. धर्मशाला का तापमान 36.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है.

पहाड़ों का इस बार तपने का मुख्य कारण पश्चिम दिशा से आ रही गर्म हवाएं मानी जा रही हैं. इसके अलावा इस बार मानसून भी काफी देरी से दस्तक दे रहा है, जिसकी वजह से फिलहाल गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं हैं. मौसम विभाग के डायरेक्टर सुरेंद्र पाल का कहना है कि मध्यवर्ती और मैदानी इलाकों के अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में भी तापमान ज्यादा देखने को मिल रहा है. शिमला में जहां पहले कभी भी हीटवेव नहीं चलती थी, वहीं इस बार 10 दिनों तक इसका कहर देखने को मिला है.

पहाड़ों में क्यों पड़ रही इतनी गर्मी?

मनाली से ज्यादा तापमान शिमला का रहता था, लेकिन इस बार मनाली में शिमला से ज्यादा तापमान देखने को मिल रहा है. मनाली में 31 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है. उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर गर्मी की वजह एक तो मानसून का देरी से आना है. वहीं, दूसरी ओर पश्चिम दिशा से आने वाली गर्म हवाओं का असर यहां पर पड़ा है, जिससे इस बार गर्मी में इजाफा हुआ. आगामी दो दिनों में प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जिससे प्रदेश में बारिश होने की उम्मीद है. तभी लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है.

हिमाचल में 4 दिनों में मिल रहा पानी

हिमाचल में पड़ रही भीषण गर्मी से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. राज्य के अधिकांश हिस्सों में लू की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में प्रदेश के 1797 पेयजल स्रोतों व छोटी परियोजनाओं में पानी लगभग सूख गया है. हालत यह है कि पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों में जल शक्ति विभाग की ओर से पानी की किल्लत को रोकने के लिए अन्य पेयजल योजनाओं को प्रभावित योजनाओं के साथ जोड़ा गया है. राजधानी शिमला में भी पानी का संकट खड़ा हो गया है. शहर में 4 दिन बाद पानी मिल रहा है.