750 छात्राओं ने पूरा किया 135 करोड़ लोगों का सपना, कल अंतरिक्ष में गूंजेगा भारत का डंका
अंतरिक्ष में भारत झंडा फहराने के पीएम मोदी के वादे को पूरा करते हुए इसरो 7 अगस्त को अपना सबसे छोटा रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) लॉन्च करेगा.
चार साल पहले 15 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत के स्वतंत्रता के 75वें साल के दौरान अंतरिक्ष में तिरंगा फहराया जाएगा. अंतरिक्ष में झंडा फहराने के उनके इस वादे को पूरा करते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 7 अगस्त को अपना सबसे छोटा रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) लॉन्च करेगा, जो राष्ट्रीय ध्वज को अंतरिक्ष में भी ले जाएगा. खास बात यह है कि इसे 75 स्कूलों की 750 छात्राओं ने मिलकर बनाया है.
बता दें कि इसरो का एसएसएलवी अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इसे 500 किलोग्राम से कम वजन वाले सैटेलाइट और पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने के लिए विकसित किया गया है. ऑफिशियल प्रक्षेपण 7 अगस्त को सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगा. देश के ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उत्सव को चिह्नित करने के लिए एसएसएलवी में ‘आजादीसैट’ नाम का एक सैटेलाइट होगा, जिसमें भारत भर के 75 ग्रामीण सरकारी स्कूलों की 750 युवा छात्राओं द्वारा निर्मित 75 पेलोड शामिल होंगे.
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SLLV का वजन लगभग 120 टन
इस परियोजना को विशेष रूप से 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने और युवा लड़कियों के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान को अपने करियर के रूप में चुनने के अवसर पैदा करने के लिए शुरू किया गया है. एसएसएलवी का वजन लगभग 120 टन है और यह 34 मीटर की ऊंचाई पर अंतरिक्ष में 500 किलोग्राम तक ले जा सकता है.
इसरो के अध्यक्ष ने नए सैटेलाइट को बताया गेंम चेंजर
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने नए सैटेलाइट को एक ‘गेम चेंजर’ कहा है जो भारत के आकर्षक और फलते-फूलते छोटे सैटेलाइट लॉन्च बाजार में प्रवेश करने के सपनों को आगे बढ़ाएगा. कम से कम टर्नअराउंड समय के साथ यह लागत प्रभावी रॉकेट को बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए डिजाइन किया गया है. अपने सफल प्रक्षेपण के साथ एसएसएलवी अंतरिक्ष क्षेत्र और अन्य निजी भारतीय कंपनियों के बीच विशेष रूप से छोटे सैटेलाइट के लिए वैश्विक बाजार में अधिक सहयोग बनाने में मदद करेगा.
ISRO के अधिकारियों ने बताया कि SSLV मिनी, माइक्रो और नैनो सैटेलाइट को 500 किमी प्लानर कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम है. एसएसएलवी का उद्देश्य पेलोड इमेजिंग के साथ एक चुस्त सैटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना है. यह जल विज्ञान, कृषि, मिट्टी और तटीय अध्ययन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करेगा.