खेती की जमीन बेचने पर हुआ लाभ? जानिए ITR में इसकी जानकारी देनी चाहिए या नहीं
ग्रामीण इलाकों में बेची गई जमीन का मुनाफा कैपिटल गेन्स में नहीं दर्ज होता. लेकिन शहरी खेती की जमीन के साथ यह बात नहीं है. अगर शहर में कोई खेती की जमीन है और उसे बेचने पर मुनाफा होता है, तो वह कैपिटल गेन्स में आएगा.
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की तारीख 31 जुलाई है. आज यह तारीख खत्म हो रही है. इस बात की संभावना न के बराबर है कि सरकार दाखिले की मियाद बढ़ाएगी. इसलिए कुछ घंटे बाकी हैं जिनका आप फायदा उठा सकते हैं और रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. मान लें आपने खेती की जमीन बेची है जिससे आपको मुनाफा हुआ है, तो क्या इसकी जानकारी आईटीआर में देनी चाहिए? यह सवाल कई लोगों के लिए अहम हो सकता है क्योंकि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में जमीन की खरीद-बिक्री आम बात है. इससे जुड़े टैक्स के नियम के बारे में जान लेते हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में खेती की जमीन को कैपिटल एसेट का दर्जा नहीं है. इसलिए ऐसी जमीन बेचने पर हुए मुनाफे को कैपिटल गेन्स में शामिल नहीं किया जाता. हालांकि इसके बावजूद कुछ नियम हैं जिनका ध्यान रखना होता है, तभी जमीन बिक्री से हुए लाभ पर टैक्स छूट को क्लेम किया जा सकता है. कुछ केस में खेती की जमीन बेचने पर हुए लाभ को सेक्शन 54बी के तहत पूरी तरह से छूट लाभ प्राप्त है. यानी कि इसे कैपिटल गेन्स में न रखते हुए टैक्स का लाभ जमीन मालिक का दिया जाएगा.
टैक्स छूट पाने की शर्त
इससे जुड़ी शर्त ये है कि ग्रामीण इलाकों में बेची गई जमीन का मुनाफा कैपिटल गेन्स में नहीं दर्ज होता. लेकिन शहरी खेती की जमीन के साथ यह बात नहीं है. अगर शहर में कोई खेती की जमीन है और उसे बेचने पर मुनाफा होता है, तो वह कैपिटल गेन्स में आएगा. मगर उसी शहरी जमीन पर किसान या जमीन मालिक को कोई मुआवजा मिलता है, तो सेक्शन 10(37) के अंतर्गत उस पर टैक्स छूट मिलती है. अब आइए जान लेते हैं कि सेक्शन 54बी के अंतर्गत ग्रामीण कृषि जमीन पर टैक्स छूट का लाभ कैसे ले सकते हैं. इसकी मदद से आप जान सकेंगे कि खेती की जमीन बेचने का टैक्स नियम क्या है और उसे कैसे इस्तेमाल करना है.
- यह छूट किसी व्यक्ति या एचयूएफ को दी जाती है
- जिस तारीख को जमीन बेची गई, उस तारीख से ठीक दो साल पहले उस जमीन का इस्तेमाल खेती के लिए होना चाहिए
- खेती की जमीन बेचने के 2 साल के भीतर उस पैसे से नई खेती की जमीन खरीदनी होगी तब कैपिटल गेन्स में टैक्स छूट मिलेगी
- अंत में, अगर आपकी जमीन ग्रामीण दर्जे में आती है और आप टैक्स के सभी नियमों का पालन करते हुए खरीद-बिक्री करते हैं, उसे कैपिटल एसेट के तहत नहीं माना जाएगा. इस तरह के उसे सेल या ट्रांसफर पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा
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