राहुल ने लगाया संसद में माइक बंद करने का आरोप, धनखड़ ने पूछा- कोई दवा है क्या…?

राहुल ने लगाया संसद में माइक बंद करने का आरोप, धनखड़ ने पूछा- कोई दवा है क्या…?

धनखड़ ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा, कुछ लोगों का कहना है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद में माइक्रोफोन बंद हैं. इससे बड़ा असत्य कुछ नहीं हो सकता.

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तंज कसा है. उन्होंने पूछा है कि क्या “संसद की गरिमा को बहाल करने के लिए कोई दवा है. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि संसद में कुछ माइक्रोफोन बंद करने के आरोप भी सरासर गलत हैं. धनखड़ ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में आयुर्वेद पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बात कही.

धनखड़ ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनपर निशाना साधते हुए कहा, कुछ लोगों ने एक नैरेटिव सेट किया है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद में माइक्रोफोन बंद हैं. इससे ज्यादा असत्य कुछ नहीं हो सकता है.” धनखड़ ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा को कम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.

धनखड़ बोले- हम लोकतंत्र की जननी

उपराष्ट्रपति धनखड़ मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के आयुर्वेद महाकुंभ को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उनेहोंने कहा, ”हम लोकतंत्र के मंदिरों का इस तरह अनादर होते हुए नहीं देख सकते. हम न केवल सबसे बड़े प्रजातंत्र हैं, हम लोकतंत्र की जननी भी हैं.” उन्होंने कहा,”हमारी संविधान सभा ने तीन सालों तक कई कठिन और विभाजनकारी मुद्दों पर बहस की, उन्हें सुलझाया। लेकिन तीन वर्ष के लंबे समय में, कोई व्यवधान नहीं हुआ, कोई अध्यक्ष के आसन्न के समक्ष में नहीं आया, किसी ने पोस्टर नहीं दिखाए. हमारा आचरण आज उसके विपरीत है.”

राहुल गांधी ने लगाया था बड़ा आरोप

बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सोमवार को लंदन में कहा था कि लोकसभा में काम करने वाले माइक अक्सर विपक्ष के बोलने के दौरान बंद हो जाते हैं. भारतीय मूल के लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा द्वारा सोमवार को लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता ने हाउस ऑफ कॉमन्स में एक खराब माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया था, जिसे उन्होंने भारत में एक “दमनकारी” विपक्षी बहस के रूप में वर्णित किया था. राहुल गांधी ने भारत में एक राजनेता होने के अपने अनुभव को शेयर करते हुए बताया था कि हमारे माइक खराब नहीं हैं, काम कर रहे हैं, फिर भी आप उन्हें चालू नहीं कर सकते. जब मैं बोल रहा था तब मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ था.”

उपराष्ट्रपति ने बिना गांधी का नाम लिए कहा था,” आज राज्य सभा के सभापति होने के नाते मजबूरन मुझे कहना पड़ रहा है कि भारत की संसद में माइक बंद नहीं होता. हां एक समय था, एक काला अध्याय था, वह आपतकाल का समय था.”

उपराष्ट्रपति ने कहा,”मैने अपनी दो विदेश यात्राओं के दौरान देखा है कि जब मैं खुद का परिचय देता हूं तो लोग सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, यह है आज के भारत की ताकत. फिर भी कुछ लोग भारत को विदेश में बदनाम कर रहे हैं. हमारा इतिहास हजारों साल पुराना है, हम एक महान राष्ट्र हैं, हमारे लोग महान हैं.”

(भाषा से इनपुट)