शांतिदूत कैसे हुआ… मुशर्रफ की तारीफ पर कांग्रेस नेता की थरूर को खरी-खरी
परवेज मुशर्रफ की मौत के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने उन्हें शांतिदूत कह दिया, जिसके बाद कांग्रेस के ही एक और नेता ने उन्हें कारगिल की याद दिलाई है.
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है. वह दुर्लभ बीमारी एमिलॉयडोसिस से पीड़ित थे. परवेज के निधन के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शोक जताते हुए कहा कि ‘कभी भारत के कट्टर दुश्मन रहे मुशर्रफ 2002 से 2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे.’ थरूर ने आगे कहा, मैंने संयुक्त राष्ट्र में उन दिनों उनसे हर साल मुलाकात की थी और उन्हें चतुर और अपने कूटनीतिक विचारों में स्पष्ट पाया था. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें.’ थरूर के इस बयान के बाद कांग्रेस के ही नेता संदीप दीक्षित ने उन्हें खरी-खोटी सुनाई है.
संदीप ने थरूर के ट्वीट पर कहा है कि जो आदमी लोकतंत्र को खत्म करने का दोषी था और तानाशाही लाया था, वह शांतिदूत कैसे हो सकता है. संदीप ने कहा है कि, ‘जिस आदमी ने लोकतंत्र खत्म कर तानाशाही लायी हो वो शांतिदूत कैसे हो सकता है.’ इतना ही नहीं संदीप ने थरूर पर निशाना साधते हुए कारगिल का युद्ध भी याद दिलाया है. उन्होंने कहा, ‘जब वाजपेयी शरीफ से बात कर रहे थे, वह कारगिल का जिम्मेदार बना था.’
भारत के तत्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए संदीप ने कहा कि जब परवेज स्टेट हेड बना था तो कुछ मामलों में वाजपेयी को उससे बात करनी पड़ी थी. उन्होने कहा कि, ‘अब जब वो स्टेट हेड हो गया तो कुछ मसलों पर वाजपेयी ने बात कर ली, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि, वो शान्तिदूत हो गया. वो लोकतंत्र का हत्यारा ही रहेगा.’
पाकिस्तान जाएगा मुशर्रफ का शव
पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (सेवानिवृत्त) का पार्थिव शरीर पाकिस्तान लाया जायेगा. खबरों में यह जानकारी दी गई है. दुबई में देश के महावाणिज्य दूतावास ने रविवार को पूर्व सैन्य शासक का पार्थिव शरीर उनके देश वापस भेजने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया. वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध की साजिश रचने वाले मुशर्रफ का रविवार को एक लाइलाज बीमारी से वर्षों तक जूझने के बाद दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे.
भाषा इनपुट के साथ.