गुजरात और UP की तर्ज पर कर्नाटक में भी बजेगा जीत का डंका! BJP ने बनाया मास्टर प्लान
गुजरात और यूपी में जीत के बाद अब इसी फॉर्मूले को बीजेपी कर्नाटक मे फॉलो करने के लिए तैयार है. क्या सच में डोर टू डोर कैंपेन से होगी जीत?
कर्नाटक में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने कमर कस ली है. बीजेपी ने तय किया है कि गुजरात और उत्तर प्रदेश की तरह ही कर्नाटक में भी डोर टू डोर संपर्क अभियान चलाया जाएगा. इस स्ट्रेटेजी से बीजेपी के नेता घर-घर जाकर लोगों को केंद्र और राज्य में एक ही सरकार होने के फायदे गिनाएंगे और पार्टी की जीत को पक्की करेंगे. यह बात बीजेपी ने एक स्टेटमेंट जारी करके कही है. बीजेपी ने शुक्रवार को आगामी चुनावों को देखते हुए कोर कमेटी की बैठक आयोजित की थी.
बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक के बाद पार्टी के जनरल सेक्रेटरी सीटी रवि ने कहा कि, हम वह पार्टी नहीं हैं जो शोर मचाते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने चुनाव से पहले शोर मचाने का काम कांग्रेस पर छोड़ दिया है. हम ग्राउंड स्तर पर अपने बूथ कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं ताकि बीजेपी की जीत पक्की हो सके. हमारा उद्देश्य चुनाव में बूथ स्तर पर जीत दर्ज करने का है.’
शनिवार को पार्टी ने चुनावों के मद्देनजर एक स्पेशल एग्जीक्यूटिव मीटिंग रखी थी. इस मीटिंग में स्टेट में पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हुए हैं. इनमें संगठन सचिव बीएल संतोष, सेंट्रल ऑब्जर्वर अरुण सिंह, पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा, वर्तमान सीएम बसवराज बोम्मई, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील शामिल रहे.
रवि ने चुनाव पर आगे कहा, ‘हर विधानसभा में 70 से 80 प्रतिशत लोग राज्य या केंद्र सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ उठा रहे हैं. बस इन्ही को हम बीजेपी के वोटर्स में शुमार करना चाहते हैं. हमने इसके लिए एक बड़ा प्लान बनाया है. इसी प्लान ने हमें गुजरात और उत्तर प्रदेश में सफलता दिलाई है अब हम यही कर्नाटक में इस्तेमाल करने जा रहे हैं.’
कांग्रेस, जनता दल सेक्यूलर और जेडीएस की तुलना में बीजेपी पिछलती हुई नजर आ रही है. विपक्षी दलों ने हाल ही में राज्य भर के दौरे शुरू कर दिए हैं. कोर कमेटी की बैठक में, बीजेपी ने इस महीने के अंत में राज्य के बजट सत्र के बाद अपने मुख्य नेताओं – येदियुरप्पा, बोम्मई, कतील और सिंह की अध्यक्षता में चार टीमों में राज्य की यात्रा करने की योजना भी बनाई.
प्रत्येक टीम कल्याण कर्नाटक (वह क्षेत्र जो तत्कालीन हैदराबाद राज्य का हिस्सा था) और कित्तूर कर्नाटक (पहले मुंबई-कर्नाटक के रूप में जाना जाता था) में जाएगी, जबकि दो टीमें पुराने मैसूर क्षेत्र का दौरा करेंगी. रवि ने कहा, हमारे पास अधिकांश जिलों में यात्रा करने वाली चार टीमें होंगी. मार्च में (दौरों के) समापन पर दावणगेरे में एक बड़ी रैली – महासंगम आयोजित की जाएगी.”