कर्नाटक चुनाव से पहले सिद्धारमैया का इमोशनल कार्ड, बोले- ये मेरा आखिरी चुनाव
सिद्धारमैया ने कहा है कि वह रिटायरमेंट के बाद भी सन्यास नहीं लेंगे. जनता के आशीर्वाद से मुझे सीएम बनने का मौका मिला
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा है कि आने वाला चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने ये भीकहा है कि वह रिटायरमेंट के बाद भी राजनीति में एक्टिव रहेंगे. कर्नाटक विधानसभा के सभी 224 सदस्यों का चुनाव करने के लिए कर्नाटक में विधानसभा चुनाव मई 2023 से पहले होंगे.
कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई, 2023 को समाप्त होने वाला है. पिछले विधानसभा चुनाव मई 2018 में हुए थे. चुनाव के बाद, जनता दल (सेक्युलर) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गठबंधन ने राज्य सरकार बनाई, जिसमें एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने.
इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दावा किया कि राज्य विधानसभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता और राज्य के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य को अधिकतम लोन में डुबो दिया था. बोम्मई ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा , “कर्नाटक के इतिहास में, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री के रूप में अपने पांच साल के शासन के दौरान सबसे ज्यादा लोन लेने का श्रेय प्राप्त है.”
रिटायरमेंट के बाद नहीं लूंगा संन्यास- सिद्धारमैया
वहीं सिद्धारमैया ने बीदर में कहा कि ये मेरा आखिरी चुनाव होगा. हालांकि में रिटायरमेंट के बाद भी सन्यास नहीं लूंगा. जनता के आशीर्वाद से मुझे सीएम बनने का मौका मिला. मैं 2013 से 2015 के बीच 5 साल मुख्यमंत्री रहा.
इससे पहले उन्होंने संन्यास लेने की बात भी कही थी. उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर सत्ता में आने पर वह जनता से किए गए वादे पूरे नहीं कर पाए तो संन्यास ले लेंगे और घर चले जाएंगे.
’10-12 अप्रैल को कर्नाटक विधानसभा चुनाव होने की संभावना’
वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता बी. एस. येदियुरप्पा ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के 10-12 अप्रैल से पहले होने की शनिवार को संभावना जताई और दावा किया कि राज्य और केंद्र सरकार के कार्यों की बदौलत इस चुनाव में बीजेपी अपने बूते कर्नाटक की सत्ता में वापसी करेगी.
येदियुरप्पा ने दावा किया कि भाजपा में भ्रम की कोई स्थिति नहीं है और पार्टी एकजुट है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने का आह्वान किया और विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं और अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय का समर्थन हासिल करने को कहा.
(भाषा से इनपुट)