बंगाल में लोकसभा चुनाव में BJP-TMC के खिलाफ बनेगा संयुक्त मोर्चा! कांग्रेस-लेफ्ट आएंगे साथ
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. टीएमसी की घोषणा के बाद कांग्रेस, लेफ्ट और आईएसएफ ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने की पहल शुरू की है. गुरुवार को सीटों के बंटबारे को लेकर माकपा राज्य सचिव मोहम्मद सलीम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी के बीच बातचीत होने के आसार हैं.
पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन बिखर गया है. तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों पर अकेले उम्मीदवार खड़े करने का ऐलान किया है. अब 2021 के विधानसभा चुनाव की तरह बंगाल सीपीएम और कांग्रेस बंगाल में एक और ‘संयुक्त मोर्चा’ बनाने की कवायद शुरू कर दी है. सीपीएम राज्य सचिव मोहम्मद सेलीम ने बुधवार को इसका संकेत दिया. मोहम्मद सलीम ने तृणमूल और भाजपा के खिलाफ कांग्रेस और आईएसएफ के साथ मिलकर लड़ने का संकेत दिया.
सीपीएम के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम गुरुवार को मुर्शिदाबाद जा रहे हैं. वह जिला कमेटी की पूर्व निर्धारित बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. हालांकि, इसके अलावा उनका प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी से भी मुलाकात का कार्यक्रम है.
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी, बहरामपुर में अधीर-सलीम की मुलाकात राज्य की राजनीति में और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है. अधीर से क्या चर्चा करेंगे सलीम? क्या लोकसभा में लेफ्ट-कांग्रेस के बीच सीटों पर समझौते की बात होगी. इसके साथ ही आईएसएफ के विधायक नौशाद सिद्दिकी के साथ भी बातचीत होने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.
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गुरुवार को अधीर और सलीम के बीच बैठक
बुधवार दोपहर कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोहम्मद सलीम ने खुद यह खुलासा किया. उन्होंने कहा, ”चूंकि अधीर जिले में हैं, इसलिए उनसे मुलाकात जरूर होगी. जब मुलाकात होगी तो बातचीत भी होगी. मुर्शिदाबाद में जो आंदोलन, संघर्ष, अन्याय हुआ है उस पर बात होगी. आगामी लोकसभा चुनाव में हम कांग्रेस और आईएसएफ से बात करेंगे, क्योंकि हम भाजपा और तृणमूल विरोधी ताकतों को एकजुट करना चाहते हैं. ”
तो क्या आप लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के समझौते पर अधीर से बात करेंगे? जब सलीम से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मेरे शब्दों का यही मतलब है, लेकिन ये एकतरफा नहीं है, जब कहा जाएगा तो कहा जाएगा. हम हर चीज के बारे में बात करेंगे.
बंगाल में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटों में से टीएमसी का 22 पर, बीजेपी का 18 पर और कांग्रेस का दो पर कब्जा है. तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस को मात्र दो सीटें देने की पेशकश की थी, जिसे कांग्रेस ने अस्वीकार कर दिया. उसके बाद नाराज ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
इसके बाद अब पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट साथ आ रहे हैं. राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि यदि कांग्रेस और लेफ्ट के बीच बातचीत सकारात्मक रही तो लेफ्ट, कांग्रेस और आईएसएफ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में बंगाल में त्रिकोणीय मुकाबला तय माना जा रहा है.