4 साल तक हुआ जिसका इंतजार, 1 गेंद से टूटा वो रिकॉर्ड, झूम उठा हिंदुस्तान
ठीक सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में कपिल देव की गेंद पर संजय मांजरेकर ने जो कैच लिया, उसने विश्व क्रिकेट में इतिहास बना दिया.
क्रिकेट में जब भी तेज गेंदबाजी की बात होती है तो सबसे ज्यादा चर्चा वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और पाकिस्तान जैसी टीमों की होती रही है. इन देशों से विश्व क्रिकेट को सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज मिले हैं. भारत भी पिछले कुछ सालों में इस चर्चा का हिस्सा बना है. हमें सिर्फ स्पिनरों का गढ़ माना जाता रहा है. इसके बावजूद भारत से एक ऐसा तेज गेंदबाज भी आया, जिसने न सिर्फ आने वाली पीढ़ी को प्रेरित किया, बल्कि विश्व रिकॉर्ड भी कायम किया, वो रिकॉर्ड जो आज ही के दिन बना था, जिसे बनाने वाले थे- कपिल देव.
अहमदाबाद का मोटेरा स्टेडियम अपने करीब चार दशकों के इतिहास में भारतीय क्रिकेट के कई बेहतरीन पलों का गवाह बना है. सुनील गावस्कर के 10 हजार रन, कपिल देव के एक पारी में रिकॉर्ड 9 विकेट, सचिन तेंदुलकर के 18 हजार वनडे रन जैसे कीर्तिमानों का गवाह ये स्टेडियम बना है. इसी मैदान में 8 फरवरी 1994 को गेंदबाजी का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना था, जिसका इंतजार करीब 4 साल से चल रहा था लेकिन शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये कमाल एक भारतीय पेसर करेगा.
10 बजकर 34 मिनट पर बना इतिहास
8 फरवरी 1994 को भारत और श्रीलंका के बीच टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच शुरू हुआ और मैच के पहले ही घंटे में भारत ने 2 विकेट चटका दिए. पहला विकेट तो लेग स्पिनर अनिल कुंबले को मिला लेकिन दूसरा विकेट इतिहास का हिस्सा बन गया. समय था ठीक 10 बजकर 34 मिनट और कपिल देव की गेंद पर संजय मांजरेकर ने हसन तिलकरत्ने का कैच जैसे ही सफलतापूर्वक लपका, पूरा स्टेडियम जश्न में झूम पड़ा.
ये कपिल देव के करियर का 432वां टेस्ट विकेट था और इसके साथ ही उन्होंने न्यूजीलैंड के महान ऑलराउंडर रिचर्ड हैडली को पीछे छोड़ दिया और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए. हैडली ने ये रिकॉर्ड 1990 में बनाया था.
इस खास मौके के लिए पहले से ही तैयारियां की गई थीं और इसलिए जैसे ही कपिल ने कीर्तिमान स्थापित किया, खास तौर पर तैयार किये गए 432 गुब्बारों को हवा में छोड़ा गया. हर कोई कपिल के लिए तालियां बजाता रहा और उनको वो सम्मान दिया गया, जिसके वे हकदार थे. इतना ही नहीं, दूरदर्शन ने अपना ब्रॉडकास्ट रोका और एक छोटा सा गाना चलाया- हकीकत है ये ख्वाब नहीं, कपिल देव त्वाड्डा जवाब नहीं.
6 साल बाद टूटा कपिल का रिकॉर्ड
भारत ने ये मैच बिना किसी परेशानी के एक पारी और 17 रन से जीता लेकिन उस जीत से ज्यादा चर्चे कपिल की ऐतिहासिक सफलता के ही रहे. कपिल ने इसके बाद सिर्फ एक टेस्ट मैच और खेला और कुल 131 मैचों में रिकॉर्ड 434 विकेट के साथ करियर का अंत किया. कपिल का ये रिकॉर्ड 6 साल बाद वेस्टइंडीज के दिग्गज पेसर कर्टनी वॉल्श ने तोड़ा.