कोलकाता रेप-मर्डर केस पर पूर्व जजों और नौकरशाहों ने जताई चिंता, ममता सरकार पर भी उठाए कई सवाल

कोलकाता रेप-मर्डर केस पर पूर्व जजों और नौकरशाहों ने जताई चिंता, ममता सरकार पर भी उठाए कई सवाल

कोलकाता रेप-मर्डर केस पर करीब तीन सौ जजों, पूर्व नौकरशाहों, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने एक बयान जारी किया है. इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. पश्चिम बंगाल के नीति निर्माता इस पर जल्द से जल्द निर्णायक कार्रवाई करें.

कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर देश में आक्रोश है. देश के हर हिस्से में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. महिला सुरक्षा पर लोग लगातार सवाल पूछ रहे हैं. इस मामले में अब हाई कोर्ट के पूर्व जजों और पूर्व नौकरशाहों के साथ साथ कई प्रमुख हस्तियों के एक समूह ने कोलकाता की बिटिया के लिए इंसाफ की मांग की है. उन्होंने बुधवार कोलकात की घटना पर कहा कि इस वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. पश्चिम बंगाल के नीति निर्माता इस पर जल्द से जल्द निर्णायक कार्रवाई करें.

करीब तीन सौ जजों, पूर्व नौकरशाहों, वरिष्ठ अधिकारियों, पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इस साझा बयान में कहा कि ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या पश्चिम बंगाल में बिगड़ते सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य और महिलाओं के सामने आने वाले गंभीर खतरों की याद दिलाती है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं सरकार की जवाबदेही की कमी को सामने लाती हैं.

सरकार की कर्रवाई पर उठाए सवाल

इस घटना को लेकर उन्होंने राज्य सरकार का कार्रवाई पर कई सवाल उठाए और कहा कि शुरुआत में इसे आत्महत्या कहा गया. पीड़ित के माता पिता को घंटों इंतजार कराया गया. मामले में इतनी लापरवाही बरती गई कि क्राइम सीन से केवल बीस मीटर दूर कंस्ट्रक्शन का काम भी चौबीस घंटे के भीतर शुरू कर दिया गया. इसके साथ ही उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस मामले की जल्द से जल्द निर्णायक कार्रवाई हो, जिससे हेल्थवर्कर्स को सुरक्षा का विश्वास दिलाया जा सके.

बढ़ाई जाए डॉक्टरों की सुरक्षा

करीब तीन सौ बुद्धिजीवियों के दस्तखत वाले इस बयान में कहा गया कि सभी जाति धर्मों की महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाए. डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग और सुरक्षाकर्मी बढ़ाए जाएं. साथ ही महिला और पुरूष डॉक्टरों के लिए अलग वॉशरूम हों. डॉक्टर रूम में एमरजेंसी और एसओएस की व्यवस्था की जाए. संस्थानों के प्रशासनिक प्रमुखों के व्यवहार की भी व्यापक जांच हो.

चुनावी हिंसा पर भी उठाए सवाल

इतना ही नहीं नामी गिरामी हस्तियों की ओर से ये भी कहा गया कि पश्चिम बंगाल में यह कोई अकेली घटना नहीं है. यहां पिछले कई सालों से लगातार कई वर्गों में हिंसा देखी गयी है. उन्होंने चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर भी कई सवाल उठाए. इसके साथ ही राज्य की कानून व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस पर भी आत्मनिरीक्षण और तत्काल सुधारा करने की जरूरत है.

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