Kolkata Uttar Lok Sabha Seat: कोलकाता उत्तर में सुदीप बंद्योपाध्याय की प्रतिष्ठा दाव पर, क्या TMC का किला भेद पाएगी BJP?

Kolkata Uttar Lok Sabha Seat: कोलकाता उत्तर में सुदीप बंद्योपाध्याय की प्रतिष्ठा दाव पर, क्या TMC का किला भेद पाएगी BJP?

कोलकाता उत्तर लोकसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है. वर्तमान सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय इस लोकसभा सीट से पांच बार के सांसद हैं. साल 2018 में राज्य में 18 सीटों पर जीत हासिल करने के बावजूद बीजेपी कोलकाता की इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी.

कोलकाता उत्तर के इलाके में महाजाति सदन से लेकर रवींद्रनाथ टैगोर का पैतृक आवास जोरासांको (रवींद्रभारती विश्वविद्यालय), पूर्वी भारत का सबसे बड़ा बिजनेस सेंटर बड़ाबाजार से लेकर सुतानुटी है. सुतानुटी गांव को मिलाकर ही कोलकाता शहर ब्रिटिश काल में बसा था. साल 1905 में बंगाल विभाजन के समय ही उत्तर कोलकाता स्थित महाजाति सदन से ही विरोध की आवाज उठी थी और ब्रिटिश सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था. बड़ाबाजार में खुदरा और थोक की बड़ा मंडी है. यहां पूर्वी भारत खासकर बिहार और झारखंड के कारोबारी खरीदारी करने आते हैं. वहीं, पूर्वी भारत का विशाल फलो का बाजार मछुआ और फूलों का बाजार इसी लोकसभा क्षेत्र स्थित है.

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में दो लोकसभा की सीटें हैं. कोलकाता उत्तर और कोलकाता दक्षिण. दोनों ही सीटों पर लंबे समय से टीएमसी का कब्जा रहा है. जिस तरह से कोलकाता दक्षिण की सीट सीएम ममता बनर्जी का गृह सीट है और टीएमसी का गढ़ है. उसी तरह से कोलकाता की उत्तर की सीट पर भी टीएमसी का लंबे समय से कब्जा रहा है. इस सीट से टीएमसी के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने पांच बार जीत हासिल की है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी राज्य में 18 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही थी, लेकिन कोलकाता की किसी भी सीट पर कब्जा नहीं जमा सकी थी.

कोलकाता उत्तर की सीट से फिलहाल टीएमसी के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय हैं. वह लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के नेता भी हैं. वह कोलकाता उत्तर की सीट का लंबे समय से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. टीएमसी ने लोकसभा चुनाव 2024 में सुदीप बंद्योपाध्याय को फिर से उम्मीदवार बनाया है.

शहरी बाहुल्य इलाका है कोलकाता उत्तर

2011 की जनगणना के अनुसार कोलकाता उत्तर की कुल आबादी 1778600 है. यहां 100% शहरी आबादी है. यानी पूरी तरह से यह शहरी इलाका है. यहां उत्तर भारत खास कर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं और यहां के मतदाता भी हैं.

कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात क्रमशः 4.84 और 0.18 है. 2021 की मतदाता सूची के अनुसार, इस निर्वाचन क्षेत्र में 1499425 मतदाता और 2083 मतदान केंद्र हैं.

सभी सात विधानसभा सीटों पर टीएमसी का है कब्जा

कोलकाता उत्तर में कुल सात विधानसभा की सीटें हैं. विधानसभा की सातों सीटों पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा था, हालांकि मानिकतला सीट के विधायक साधन पांडे के निधन के बाद यह सीट फिलहाल खाली है. काशीपुर बेलगछिया से माला साहा , चौरंगी से नयना बंद्योपाध्याय, बेलेघाटा से परेश पॉल, श्यामपुकुर से शशि पांजा, जोरासांको से स्मिता बख्शी और इंटाली से स्वर्ण कमल साहा विधायक हैं.

साल 2019 के संसदीय चुनाव में मतदाता मतदान 65.83% हुआ था, जबकि 2014 के संसदीय चुनाव में यह 66.68% था. तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस को 49.96%, 36.59%, 7.48% और 2.74% वोट मिले थे, जबकि 2019 के संसदीय चुनाव में क्रमशः टीएमसी, भाजपा, माकपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को 35.96%, 25.89%, 20.51% और 13.68% वोट मिले थे.

जानें कोलकाता उत्तर का चुनावी इतिहास

पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में टीएमसी के उम्मीदवार सुदीप बंद्योपाध्याय ने बीजेपी के राहुल (बिस्वजीत) सिन्हा को हराकर कोलकाता उत्तर लोकसभा क्षेत्र में 1,27,095 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. सुदीप बंद्योपाध्याय सुदीप 4,74,891 वोट मिले थे.

साल 2014 और साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भी सुदीप बंद्योपाध्याय ही इस लोकसभा सीट से विजयी हुए थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सुदीप बंद्योपाध्याय ने बीजेपी के राहुल सिन्हा को पराजित किया था, जबकि साल 2009 के लोकसभा चुनाव में सुदीप बंद्योपाध्याय ने मकापा के नेता मोहम्मद सलीम को पराजित किया था. वह अभी तक पांच बार सांसद रह चुके हैं. बीजेपी अभी तक कोलकाता की सीट पर अभी तक अपना खाता नहीं खोल पाई है.

1952 में पहले लोकसभा चुनाव के दौरान यह सीट कलकत्ता उत्तर पूर्व लोकसभा केंद्र के नाम से जानी जाती थी. साल 1952 में मेघनाथ साहा सोस्लिस्ट कम्युनिस्ट पार्टी से पहले सांसद चुने गए थे. इस सीट पर पहले कांग्रेस और माकपा का कब्जा था, लेकिन टीएमसी की जीत के बाद लगातार यह सीट टीएमसी के पास ही है.