बंगाल में फिर बवाल, अब महिला की पिटाई पर घिरी ममता सरकार, अधीर ने साधा निशाना
महिलाओं पर अत्याचार के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार फिर से घिरती जा रही है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राज्य में महिलाओं की स्थिति पर पर चिंता जताते हुए कहा कि किसी को भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने का अधिकार नहीं है.
पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में एक महिला के कपड़े उतारकर पिटाई करने के आरोप पर ममता बनर्जी की सरकार घिरती दिख रही है. इसे लेकर राज्य की सियासत में हंगामा मचा हुआ है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसकी निंदा करते हुए रिपोर्ट देने का निर्दश दिया है. दूसरी ओर, कूचबिहार में महिला को नग्न कर पीटे जाने की घटना पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधा है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं पर हमला, चाहे उनकी जाति कुछ भी हो, अस्वीकार्य है. चुनाव हो चुके हैं, परिणाम घोषित हो चुके हैं और सत्तारूढ़ पार्टी ने राज्य में अधिकतम सीटें जीती हैं, तो सरकार राज्य में हिंसा का सहारा क्यों ले रही है? देश में कहीं भी हम ऐसे मामले नहीं देख रहे हैं, जैसे चुनाव के बाद बंगाल में देखे गए हैं? किसी को भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने का अधिकार नहीं है.
इससे पहले राज्य में संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के आरोप लगते रहे थे और इसे लेकर बीजेपी ने ममता बनर्जी की सरकार पर जमकर हमला बोला था. वहीं उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा में युवक-युवती को सरेआम पीटे जाने की घटना घटी है.
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महिला अत्याचार के मुद्दे पर घिरी ममता
पीड़ित महिला ने आरोप लगाया था कि एक महिला ने उसके बाल पकड़ लिए थे. दूसरी महिला ने मेरा ब्लाउज फाड़ दिया, फिर उसे उतार दिया. साया पहने हुई थी, बाद में इसे खोल भी दिया गया. फिर मुझे एक किलोमीटर तक घसीटा. उन्हें इधर-उधर घुमाया गया. महिला के मुताबिक यह कोई पारिवारिक विवाद नहीं है.
पीड़ित महिला का कहना है कि वह बीजेपी करती है. उन पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया. शुक्रवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. भाजपा नेताओं ने महिला को शरण दी. वह डर के कारण घर नहीं जा पा रही है और अब कांग्रेस नेता ने इसे लेकर ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधा है.
भाजपा के आरोप पर पुलिस का एक्शन
दूसरी ओर, रविवार सुबह पुलिस ने पीड़िता का बयान दर्ज किया गया. आरोप है कि इतने समय बाद भी पुलिस ने पीड़िता का बयान नहीं लिया. शनिवार को भाजपा नेता अग्निमित्रा पाल ने पीड़िता से मुलाकात की थी. रविवार सुबह पीड़िता अपना बयान दर्ज कराने थाने पहुंची. बयान कोतवाली महिला थाने में दर्ज किया गया. बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने जाकर अपना गुस्सा जाहिर किया कि अब तक बयान रिकॉर्ड क्यों नहीं किया गया.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि महिला के साथ पारिवारिक कारणों से दिक्कत थी. एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. एफआईआर में बाकी 3 लोगों की तलाश जारी है. पुलिस प्रमुख ने कहा कि मेडिकल जांच के बाद ही पीड़िता का बयान दर्ज किया गया है. लेकिन इसके पीछे कोई राजनीतिक या सांप्रदायिक कारण नहीं है. लेकिन ये सोशल मीडिया पर फैल रहा है.