Pradosh Vrat 2023: मार्च महीने में कब-कब पड़ेगा प्रदोष व्रत, जानें इसकी पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त
Pradosh Vrat 2023: सनातन परंपरा में जिस प्रदोष व्रत और प्रदोष काल की पूजा को बेहद शुभ माना गया है, वह मार्च महीने में कब पड़ेगा और क्या है इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
Pradosh Vrat Date: हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव की पूजा सबसे सरल और शीघ्र फलदायी मानी गई है. औढरदानी कहलाने वाले भगवान शिव बहुत ही भोले माने जाते हैं जो सिर्फ जल और पत्ते चढ़ाने मात्र से ही मनचाहा वरदान दे देते हैं. मान्यता है कि प्रदोष तिथि और प्रदोष काल में यदि कोई भक्त भगवान शिव की साधना करता है तो उसके जीवन से सभी कष्ट पलक झपकते दूर हो जाते हैं और उसे जीवन से जुड़े सभी सुख और सौभाग्य प्राप्त होते हैं. आइए जानते हैं कि भगवान शिव की कृपा बरसाने वाला प्रदोष व्रत मार्च महीने में कब-कब पड़ेगा और क्या है इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त.
कब पड़ेगा मार्च महीने का पहला प्रदोष व्रत
पंचांग के अनुसार मार्च महीने का पहला प्रदोष व्रत 04 मार्च 2023 को रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि 04 मार्च 2023, शुक्रवार के दिन प्रात:काल 11:43 से प्रारंभ होकर 05 फरवरी 2023 को दोपहर 02:07 बजे समाप्त होगी. शनि प्रदोष व्रत की पूजा के लिए इस दिन सबसे उत्तम मुहूर्त यानि प्रदोष काल सायंकाल 06:23 से रात्रि 08:51 बजे तक रहेगा. मान्यता है कि शनि प्रदोष व्रत की पूजा करने पर न सिर्फ भगवान शिव की कृपा बरसती है, बल्कि कुंडली का शनि दोष भी दूर होता है.
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कब पड़ेगा मार्च महीने का दूसरा प्रदोष व्रत
पंचांग के अनुसार मार्च महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 19 तारीख को रविवार के दिन पड़ेगा. हिंदू धर्म में रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर शिव संग सूर्य देवता की कृपा बरसती है. पंचांग के अनुसार भगवान शिव के लिए शुभ मानी जाने वाली त्रयोदशी तिथि 19 मार्च 2023 को प्रात:काल 08:07 बजे से प्रारंभ होकर 20 मार्च 2023 को प्रात:काल 04:55 बजे तक रहेगी. पंचांग के अनुसार महादेव की साधना के लिए अत्यंत ही शुभ माना जाने वाला प्रदोष काल 19 मार्च 2023 को सायंकाल 06:31 से रात्रि 08:54 बजे तक रहेगा.
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प्रदोष व्रत में करें शिव पूजा का महाउपाय
यदि आप चाहते हैं कि आपको प्रदोष व्रत का पूरा फल मिले और आपके जीवन से जुड़े सभी कष्ट पलक झपकते दूर हो जाएं तो आपको प्रदोष व्रत वाले दिन भगवान शिव की प्रदोष काल में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करते हुए महादेव को मनाने का महाउपाय भी करना चाहिए. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति शिव की पूजा में उनकी प्रिय चीजें जैसे रुद्राक्ष, शमी पत्र, बेलपत्र, भस्म, गंगाजल और भांग चढ़ाता है तो उस पर शीघ्र ही भोलेनाथ की कृपा बरसती है. शिव की पूजा में इन चीजों को चढ़ाने के साथ शिव साधक को रुद्राक्ष की माला से शिव के पंचाक्षरी मंत्र का कम से कम एक माला जप जरूर करना चाहिए.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)