क्या एक ‘इल्जाम’ से खत्म हो गया पचौरी परिवार? नागपुर सुसाइड केस की Inside Story
महाराष्ट्र के नागपुर ग्रामीण से दिल को विचलित करने वाली खबर सामने आई है. यहां एक ही परिवार के चार लोगों का शव उन्हीं के घर से बरामद हुआ. चारों लोगों का शव उनके घर में फंदे से लटकता हुआ मिला. घटना नागपुर ग्रामीण के नरखेड तालुका के मोवाड गांव की है.
महाराष्ट्र के नागपुर ग्रामीण से दिल को विचलित करने वाली खबर सामने आई है. यहां एक ही परिवार के चार लोगों का शव उन्हीं के घर से बरामद हुआ. चारों लोगों का शव उनके घर में फंदे से लटकता हुआ मिला. घटना नागपुर ग्रामीण के नरखेड तालुका के मोवाड गांव की है. मृतकों में विजय पचोरी रिटायर्ड टीचर हैं जो घर के मुखिया थे. घर में विजय, उनकी पत्नी माला बाई और दो बेटों दीपक और गणेश की भी लाश फंदे पर लटकती हुई मिली थी. दोनों बेटों की उम्र 35 और 28 साल थी.
ग्रामीणों ने जब घटना की सूचना पुलिस को दी तो मौके पर पहुंची पुलिस के भी होश उड़ गए क्योंकि परिवार के चार लोगों की लाशें, घर के चारों कोनो में टंगी थीं. पुलिस ने सभी शवों को उतारा और कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया, लेकिन सवाल था कि आखिर एक हस्ते-खेलते परिवार ने आत्महत्या क्यों की या इस आत्महत्या के लिए कोई और जिम्मेदार है.
परिवार के पास से मिला सुसाइड नोट
पुलिस ने परिवार के रिश्तेदारों और पड़ोसियों से पूछताछ शुरू कर दी है और घर के अंदर तलाशी शुरू की तो उन्हें एक सुसाइड नोट भी मिला जिसमें मरने वाले चारों लोगों के सिग्नेचर हैं और उन्होंने अपनी मौत की वजह के बारे में लेटर में बताया है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक के एक बेटे के ऊपर मध्य प्रदेश के एक कोऑपरेटिव सोसाइटी पंढुरा में फ्रॉड का केस दर्ज हुआ था जिसमें वो अरेस्ट भी हुआ था. महीने भर पहले ही उसे जमानत मिली थी. सुसाइड नोट में ये बात कही गई है कि फ्रॉड केस में नाम आने के बाद सभी लोग काफी परेशान थे और उसी परेशानी के चलते सभी ने आत्महत्या कर ली.
सुसाइड पर उठ रहे कई सवाल
अब सवाल ये है की एक बेटे पर केस था तो परिवार ने क्यों सुसाइड कर लिया. क्या परिवार पर किसी का दबाव था. किसी ने उन्हें इतना तंग किया या उकसाया के पूरे परिवार ने ही आत्महत्या कर ली और खुद चिट्ठी लिखकर सुसाइड नोट बनाया ताकि हत्या को आत्महत्या दिखाया जा सके. अब इसे लेकर हर एक एंगल से जांच पड़ताल की जा रही है. पुलिस के मुताबिक जरूरत पड़ी तो एमपी पुलिस की मदद ली जायेगी और कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े फ्रॉड केस में कोई ऐसा व्यक्ति है जो इस सामूहिक मौत का जिम्मेदार है तो उसे खोजकर निकाला जाएगा.