अजमेर बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी करीम टुंडा बरी, 31 साल बाद आया फैसला

अजमेर बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी करीम टुंडा बरी, 31 साल बाद आया फैसला

अजमेर बम ब्लास्ट मामले में 31 साल बाद फैसला आया है. मुख्य आरोपी करीम टुंडा को टाडा कोर्ट ने बरी कर दिया गया है. इसके अलावा टाडा कोर्ट ने दो अन्य आरोपियों इमरान और हनीमुद्दीन को दोषी करार दिया है.

अजमेर बम ब्लास्ट (1993) के मुख्य आरोपी करीम टुंडा को टाडा कोर्ट ने बरी कर दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने दो अन्य आरोपियों इमरान और हनीमुद्दीन को दोषी करार दिया. इस पूरे मामले में 31 साल बाद फैसला आया है. 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से राजस्थान का अजमेर दहल उठा था. अब्दुल करीम को साल 2013 में नेपाल बॉर्डर से पकड़ा गया था.

जब वह गैर कानूनी तरीके से पाकिस्तान से भारत आया था. तब से अब्दुल करीम टुंडा अजमेर सेंट्रल जेल में बंद था. वहीं, हनीमुद्दीन को 2010 में गिरफ्ता किया गया था. यह मामला 2014 से टाडा कोर्ट में विचाराधीन था. इस मामले में अंसारी समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया था. बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर कई ट्रेनों में सिलसिलेवार बम धमाका हुआ था.

हम शुरू से ही कह रहे थे कि वह निर्दोष है- टुंडा के वकील

अब्दुल करीम टुंडा के बरी होने पर उसके वकील शफकत सुल्तानी ने कहा कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है. आज कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. अब्दुल करीम टुंडा को सभी धाराओं और सभी एक्ट में बरी कर दिया गया है. सीबीआई अभियोजन कोर्ट के सामने टाडा, आईपीसी, रेलवे एक्ट, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम किसी भी मामले में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका. सुल्तानी ने कहा कि हम शुरू से ही कह रहे थे कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है. इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी ठहराया गया है और जल्द ही सजा सुनाई जाएगी.

क्या था पूरा मामला?

6 दिसंबर 1993 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस बरसी पर कोटा, मुंबई, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और सूरत की ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. 28 फरवरी 2004 को टाडा कोर्ट ने ही मामले में 16 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इनमें शीर्ष अदालत ने चार आरोपियों को बरी कर शेष की सजा बहाल रखी थी. अब्दुल करीम टुंडा, हमीदुद्दीन और इरफान अहमद के खिलाफ टाडा कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. इनमें अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया गया है.