बच्चों को सिखाने से पहले अपनी पर्सनालिटी को इस तरह इंप्रूव करें पैरेंट्स
स्कूल या कॉलेज में बच्चे की ओर से प्रजेंट होने से लेकर कई जगहों पर पेरेंट्स को पेश आना पड़ता है. ऐसे में बतौर पेरेंट्स पर्सनालिटी से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. जानें पर्सनालिटी से जुड़ी कुछ बातों के बारे में...
आज के समय में बच्चों की परवरिश में पर्सनालिटी डेवलपमेंट का अहम रोल रहता है. अच्छे संस्कार के साथ-साथ स्मार्ट होना भी जरूरी है क्योंकि दुनिया और समय दोनों ही तेजी से भागते हैं. इस रेस का हिस्सा बनना है तो खुद को आज के हिसाब में अपडेट करना भी जरूरी है. बच्चों के व्यक्तित्व (Personality Development) को निखारने में अमूमन हर माता-पिता कई तरीके आजमाते हैं पर उन्हें चीजों की सिखाने से पहले पेरेंट्स को अपनी पर्सनालिटी पर भी काम करना चाहिए.
स्कूल या कॉलेज में बच्चे की ओर से प्रजेंट होने से लेकर कई जगहों पर पेरेंट्स को पेश आना पड़ता है. ऐसे में बतौर पेरेंट्स पर्सनालिटी से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. जानें पर्सनालिटी से जुड़ी कुछ बातों के बारे में…
बात करने का तरीका
बच्चे का पहला स्कूल उसका घर होता है और यहां जैसा व्यवहार अपनाया जाता है वैसा ही चाइल्ड सीखता है. पेरेंट्स किस तरह बात करते हैं बच्चे भी उन्हीं शब्दों को दूसरों के बीच बोलते हैं. चिल्लाकर या जोर से बात करने का तरीका बैड पर्सनालिटी को दर्शाता है. माता-पिता को घर में धीरे और सलीके से बात करनी चाहिए ताकि इस पर्सनालिटी को उनका बच्चा भी अपना सके.
खाने का तरीका
पेरेंट्स ही नहीं हर इंसान को खाने का तरीका सही रखना चाहिए. खाते समय गिराना या हाथ से खाना पर्सनालिटी के लिए नेगेटिव है. पेरेंट्स कैसे खाते हैं हो सकता है बच्चा भी वही सीख जाए. इसलिए अगर आपका खाने का तरीका गलत है तो उसमें जरूर सुधार लाएं. खाते समय बात करना बुरी बात है और पेरेंट्स को इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए.
अनबन करने से बचें
शादीशुदा लाइफ में प्यार है तो झगड़ों का होना भी लाजमी है पर अगर बतौर पेरेंट्स आप व्यवहार करना भूल जाते हैं तो ये तरीका बहुत भारी पड़ सकता है. बच्चे की मेंटल हेल्थ पर तो बुरा असर पड़ेगा बल्कि वह दूसरों के साथ गुस्से या लड़ाई वाला व्यवहार अपनाने लगता है. ये बिहेवियर बच्चे और पेरेंट्स की बैड पर्सनालिटी को दर्शाता है.