PM मोदी अगले हफ्ते भावनगर में दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल का करेंगे शिलान्यास
बंदरगाह में अत्याधुनिक कंटेनर टर्मिनल, बहुउद्देशीय टर्मिनल और लिक्विड टर्मिनल भी होगा, जो देश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों, एवं देश के उत्तरी भीतरी क्षेत्रों के साथ जोड़ने वाले मौजूदा रोड वे और रेलवे नेटवर्क को सीधी डोर-स्टेप कनेक्टिविटी देगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते 29 सितंबर को गुजरात के भावनगर जिले में दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल का शिलान्यास करेंगे. वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल बिजनेस समिट 2019 के दौरान फोरसाइट ग्रुप ने गुजरात में इस सीएनजी टर्मिनल की स्थापना के लिए गुजरात मेरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने विभिन्न नीतियों के तीव्र कार्यान्वयन का आश्वासन दिया है और इस टर्मिनल को आगामी दिनों में आकार देने के लिए आवश्यक अनुमतियां दी हैं.
कंसोर्टियम ने दिसंबर, 2019 में भावनगर बंदरगाह की उत्तर दिशा की ओर सीएनजी टर्मिनल एवं अन्य टर्मिनलों के विकास के लिए गुजरात मेरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) के समक्ष परियोजना प्रस्ताव पेश किया था. गुजरात सरकार ने परियोजना का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और सितंबर, 2020 में जीएमबी ने भावनगर पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (बीपीआईपीएल) के नाम पर एक आशय पत्र (एलओआई) जारी किया, जो कंसोर्टियम द्वारा गठित किया गया एक स्पेशल पर्पज व्हीकल है.
सीएनजी टर्मिनल और ब्राउनफील्ड पोर्ट की विशेषताएं
यह बंदरगाह 4024 करोड़ रुपए के खर्च से विकसित किया जाएगा और यहां विश्व के पहले सीएनजी टर्मिनल के लिए अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लॉक गेट सिस्टम होगा. सीएनजी टर्मिनल के अलावा यह बंदरगाह भावनगर जिले की भविष्य की आवश्यकताओं एवं वाहन स्क्रैपिंग, कंटेनर उत्पादन, दूसरे मेगा प्रोजेक्ट्स विशेषकर धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (धोलेरा एसआईआर) जैसी आगामी परियोजनाओं की जरूरतों को भी पूरा करेगा.
इस बंदरगाह में अत्याधुनिक कंटेनर टर्मिनल, बहुउद्देशीय टर्मिनल और लिक्विड टर्मिनल भी होगा, जो देश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों, समर्पित माल ढुलाई गलियारा (डीएफसी) एवं देश के उत्तरी भीतरी क्षेत्रों के साथ जोड़ने वाले मौजूदा रोड वे और रेलवे नेटवर्क को सीधी डोर-स्टेप कनेक्टिविटी देगा.
यह प्रस्तावित बंदरगाह कम अंतर्देशीय दूरी की यात्रा पर अधिक कार्गो वॉल्यूम के संचालन के साथ कई आर्थिक लाभ देने के साथ-साथ लागत में बचत भी करेगा. यह बंदरगाह लगभग 1100 लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार का सृजन करने में मदद करने के साथ ही अनुषांगिक बंदरगाह संबंधित सेवाओं के अवसरों में भी वृद्धि करेगा.
इसके अलावा, सीएनजी आयात टर्मिनल स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरी करने के लिए ऊर्जा का अतिरिक्त वैकल्पिक स्रोत प्रदान करेगा. प्रमोटरों ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के रास अल खैमाह स्थित आरएके गैस के साथ सीएनजी आपूर्ति और सीएनजी निर्यात टर्मिनल के विकास के लिए पहले ही समझौते पर हस्ताक्षर कर लिए हैं. सीएनजी का आपूर्ति तंत्र एक बार कार्यरत हो जाए, तो यह एक क्रांतिकारी घटना होगी, जो भारत को छोटे पैमाने के और अप्रयुक्त गैस के जत्थों का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा.
प्रादेशिक विज्ञान केंद्र की विशेषताएं
बंदरगाह का निर्माण कार्य लगभग 2023 के प्रथम छह महीनों के भीतर शुरू हो जाएगा और 2026 में यह बंदरगाह कार्यरत हो जाएगा. इसके साथ ही प्रधानमंत्री भावनगर में प्रादेशिक विज्ञान केंद्र (रीजनल साइंस सेंटर-आरएससी) का उद्घाटन भी करेंगे, जो 20 एकड़ में फैला है और 100 करोड़ रुपए की लागत से बना है. प्रादेशिक विज्ञान केंद्र (आरएससी) दास नाला, नारी गांव, अहमदाबाद हाईवे, भावनगर के निकट स्थित है.
थीम आधारित गैलरियां
भावनगर और सौराष्ट्र क्षेत्र के आसपास के इलाकों में विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के विकास को ध्यान में रखते हुए प्रादेशिक विज्ञान केंद्र में स्कूल और कॉलेजों के विद्यार्थियों, आम जनता तथा आगंतुकों को शिक्षित करने के साथ ही विशेष अनुभव देने के लिए अभिनव प्रदर्शनों के साथ कई थीम आधारित गैलरियों का निर्माण किया गया है.
मरीन एक्वाटिक गैलरी
भावनगर के तटीय इलाकों से प्रेरित मरीन एक्वाटिक्स गैलरी समुद्री जलीय प्रजातियों एवं समुद्री जीवन के वैज्ञानिक अध्ययन की अवधारणा पर केंद्रित है. आगंतुक यहां जलीय जीव प्रजातियों और समुद्री इकोसिस्टम के विषय में जान सकते हैं.
ऑटोमोबाइल गैलरी
यह गैलरी आईसी इंजन से लेकर हवाई जहाज और हाइड्रो मोबिलिटी तक, ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल विज्ञान की व्यापकता को प्रदर्शित करती है. गैलरी में वर्कशॉप का स्थान भी है, जहां विद्यार्थी ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स (पुर्जों) के साथ हाथ आजमाकर सीख सकते हैं.
नोबेल प्राइज गैलरी- फिजियोलॉजी और मेडिसिन
फिजियोलॉजी और मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार विजेताओं को समर्पित विशेष गैलरी. यह गैलरी नोबेल पुरस्कार के सभी 224 विजेताओं को समर्पित है, जिनके योगदान से यह क्षेत्र आगे बढ़ा है और लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है. इन विजेताओं के योगदान के विषय में जानकर, यह गैलरी विद्यार्थियों में फिजियोलॉजी और मेडिसिन के क्षेत्र में रुचि पैदा करेगी.
इलेक्ट्रो मैकेनिक्स गैलरी
यह गैलरी विद्युत और चुंबकत्व तथा उनकी परस्पर क्रिया के पीछे की विज्ञान की अवधारणाओं को दर्शाने के नवीन तरीकों पर ध्यान केंद्रित करती है. आगंतुक हॉल ऑफ टेस्ला, मैगलेव और बुलेट ट्रेन वर्किंग डेमॉन्स्ट्रेशन मॉडल से मंत्रमुग्ध हो जाएंगे, जो इस गैलरी की कुछ मुख्य विशेषताएं हैं.
बायोलॉजी साइंस गैलरी
बायोलॉजी गैलरी जीव विज्ञान की व्यापकताओं को कवर करती है, जिसमें सामान्य जैविक अवधारणाओं और प्रजातियों के विशिष्ट आवास जीव विज्ञान को शामिल शामिल कर लिया गया है. इस गैलरी में इंटरैक्टिव प्रदर्शन, स्केल किए गए मॉडल और इंफोग्राफिक्स होंगे, जो युवा दिमाग में जीव विज्ञान की अवधारणाओं को सुरुचिपूर्ण ढंग से संप्रेषित करेंगे.
ऐसी थीम गैलरियों के अलावा एनिमेट्रोनिक डायनासोर, विज्ञान थीम आधारित टॉय ट्रेन, नेचर एक्सप्लोरेशन टूर, मोशन सिम्युलेटर्स, पोर्टेबल सौर वेधशाला और इस तरह के अन्य आउटडोर इंस्टॉलेशन्स के जरिए भावनगर का यह प्रादेशिक विज्ञान केंद्र, विशेषकर स्कूली विद्यार्थियों के लिए खोज और अन्वेषण का एक रचनात्मक मंच प्रदान करेगा.
प्रधानमंत्री एपीपीएल कंटेनर (आवडकृपा प्लास्टोमेक प्रा.लिमि.) का भी उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया की घोषणा के बाद भारत सरकार ने भावनगर में कंटेनर मैन्युफैक्चरिंग हब की स्थापना की थी. पहला प्रोटोटाइप कंटेनर 2019 में बनाया गया था.