स्कूल में बच्चों के बाल कटवाए, नहलाया, फिर कराया एडमिशन… BSA साहब की पाठशाला देखी क्या?
प्रयागराज के बेसिक शिक्षा अधिकारी चर्चा में बने हुए हैं. उनके काम को लेकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है. जिले के बीएसए ने मुसहर समाज के 82 बच्चों को अभियान के तहत शिक्षा से जोड़ा है. उनका स्कूल में एडमिशन कराया गया है. बच्चे जब स्कूल आए तो उन्हें जीने का तरीका भी बताया गया. उन्हें स्कूल में ही नहलाया गया.
प्रयागराज में समाज की मुख्य धारा से कटे जंगल के आसपास के इलाकों में रहने वाले मुसहर आदिवासी परिवारों के बच्चों की जिंदगी बदलने की अनोखी पहल की गई. समाज के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए पहले इन्हें जेंटलमैन बनाया गया. फिर एक सार्वजनिक मंच से उनको स्कूल में एडमिशन दिया गया. शिक्षा विभाग की इस पहल की हर कोई तारीफ कर रहा है.
जिले में शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल चलो अभियान की नई मंगल-कहानी लिखी गई. जिले के दूरदराज में जंगल से सटे शिक्षा के उजियारे से दूर मुसहर परिवारों के 82 बच्चे स्कूल बुलाए गए. यह बच्चे कई हफ्तों से न तो नहाए थे और न ही इनके बाल कटवाए गए थे. इन बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए उन्हें प्रेरित किया गया. विभाग के अधिकारियों ने उनका पूरा हुलिया ही बदल डाला. लंबे-उलझे बाल और माटी-कीचड़ में खेले बच्चों को स्कूल में ही नहलाया गया. यहीं हज्जाम को बुलाकर उनके बाल कटवाए गए. जेन्टलमैन जैसा लुक देने के बाद इन नौनिहालों के हाथों में ड्रेस और किताबें थमा दी गईं. स्कूली दुनिया के रंगमंच पर रोमांचित ये बच्चे जिंदगी का नया सबेरा देखकर रोमांचित हो गए.
बच्चों ने नहीं देखा था स्कूल
जिले के जौनपुर बॉर्डर के जंगल में सैकड़ों ऐसे मुसहर परिवार रहते हैं, जो घास की झोपडी और तिरपाल से बने आशियाने में रहते हैं. इन परिवारों की कई पीढ़ियों ने शिक्षा का उजियारा नहीं देखा. बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी समाज के उपेक्षित समाज के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं. उन्हें जब इस मुसहर समाज की जानकारी हुई तो उन्होंने स्थानीय स्कूलों की जांच की. जांच के दौरान पाया गया कि जिले के प्रतापपुर ब्लॉक के गांव सोरों में उच्च प्राथमिक विद्यालय में पड़ोसी गांवों के 243 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन मुसहर समाज का कोई बच्चा स्कूल नहीं आता.
स्कूल में ही किया गया तैयार
मुसहर समाज के बच्चों के अभिभावकों को बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी की मौजूदगी में बुलाया गया. समाज के बच्चों की हालत देखकर सब दंग रह गए. स्कूल में ही हज्जाम बुलाया गया. उनके बाल कटवाए गए, नहलाया गया और किताबें, बैग, ड्रेस भी दी गई. हाथों-हाथ 49 बच्चों के आधार कार्ड भी बनाए गए. बीएसए ने कहा कि इन बच्चों की पढ़ाई न छूटे, यह हम सबकी जिम्मेदारी है. इसके लिए बच्चों को प्रलोभन दिया गया. बच्चों ने वायदा किया कि अब वह प्रतिदिन स्कूल आएंगे.