गाजा में शांति के लिए भारत ने नहीं किया वोट तो भड़क उठीं प्रियंका, गांधी के सत्य-अंहिसा की दिलाई याद
भारत के यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली में गाजा में शांति कायम करने पर हुई वोटिंग से दूर रहने को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी हैरान हैं. उनका मानना है कि वोटिंग से परहेज करना अहिंसा, न्याय और शांति के उन सिद्धांतों का खंडन है जिनकी भारत ने ऐतिहासिक रूप से वकालत की है. गाजा में मासूम बच्चों की मौत पर प्रिंयका ने दुख जाहिर की है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी एक बार केंद्र सरकार पर भड़क गई हैं. यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली में भारत के रुख पर उन्होंने कहा कि वह हैरान हैं. भारत ने गाजा में सीजफायर लागू करने पर हुई वोटिंग से परहेज किया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी, और इन सिद्धांतों का समर्थन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने किया था जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया.
कांग्रेस नेता का मानना है कि ये मूलभूत सिद्धांत हमारे संविधान में निहित हैं और हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं. वे एक नैतिक दिशासूचक के रूप में भी काम करते हैं जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में भारत के कार्यों का मार्गदर्शन किया है. प्रियंका ने महात्मा गांधी का कथन, “आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है.” प्रियंका गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि मानवता के हर कानून का उल्लंघन होते हुए भी चुप और निष्क्रिय रहना हमारे राष्ट्र के मूल तत्व के खिलाफ है.
क्यों भड़क गईं प्रियंका गांधी?
गाजा में लाखों लोगों को भोजन, पानी, दवाओं की आपूर्ति जैसे आवश्यक संसाधनों से वंचित करना और कम्यूनिकेशन और बिजली को जानबूझकर बाधित करना मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है. इनके अलावा, फिलिस्तीन में बढ़ती हिंसा और हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मौतें बेहद दुखद हैं और उन मूल्यों के विपरीत हैं जिन्हें हमारे देश ने अपने पूरे अस्तित्व में बनाए रखा है. कांग्रेस नेता का मानना है कि वोटिंग से परहेज अहिंसा, न्याय और शांति के उन सिद्धांतों का खंडन करता है जिनकी भारत ने ऐतिहासिक रूप से वकालत की है.
गाजा में मासूम बच्चों की मौत पर प्रियंका गांधी ने जताया दुख
कांग्रेस नेता ने बीते दिन गाजा में इजराइली बमबारी में मारे जा रहे बच्चों पर दुख जाहिर कीं. बीते दिन एक एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा कि गाजा में सात हजार लोग मारे गए, तीन हजार मासूम बच्चों की मौत हो गई और इसके बावजूद खूनखराबा थम नहीं रहा है. कोई ऐसा अंतरराष्ट्रीय कानून को कथित रूप से कुचलने, मर्यादा को तार-तार करने और नियम कायदों की धज्जियां उड़ाने की आलोचना की थी. दरअसल, यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली में गाजा में सीजफायर पर हुई वोटिंग से भारत ने दूरी बना ली और इससे कांग्रेस नेता नाराज हो गईं.