राहुल-अखिलेश में यूपी-महाराष्ट्र चुनाव को लेकर बनी सहमति, झारखंड में भी खींचतान खत्म!

राहुल-अखिलेश में यूपी-महाराष्ट्र चुनाव को लेकर बनी सहमति, झारखंड में भी खींचतान खत्म!

राहुल गांधी, हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव की झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भी अंदरखाने सहमति बन गई है. बस, रणनीति का खुलासा होना बाकी है. बताया जा रहा है कि कहीं फ्रेंडली फाइट की नौबत आई तो अंदरखाने सहमति से चुनाव लड़ा जाएगा.

हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद से वह बैकफुट पर है. वहीं इंडिया गठबंधन की दूसरी पार्टियां खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) का उत्साह चरम पर है. उसने महाराष्ट्र चुनावों में सीटें हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. जिसके बाद कांग्रेस और सपा के बीच तल्खी की अटकलें तेज हो गई हैं. हालांकि अब सूत्रों के मुताबिक राहुल-अखिलेश ने यूपी महाराष्ट्र को लेकर सहमति बना ली है.

इसके अलावा राहुल गांधी, हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव की झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भी अंदरखाने सहमति बन गई है. बस, रणनीति का खुलासा बाकी है. बताया जा रहा है कि कहीं फ्रेंडली फाइट की नौबत आई तो अंदरखाने सहमति से चुनाव लड़ा जाएगा. हाल ही में अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र का दौरा किया था.

पहले भी सीटें मांग चुके हैं अखिलेश

बता दें कि अखिलेश यादव ने 2023 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में भी सीटों की मांग रखी थी, लेकिन कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को भाव नहीं दिया. जिसके बाद आनन-फानन में समाजवादी पार्टी ने भी 9 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी थी. मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनावों में सपा बिजावर सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी.

फोन पर कई राउंड बातचीत

इस चुनाव में छह सीटों पर सपा दूसरे नंबर पर रही थी. सपा चाहती थी कि इन 7 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनाव लड़ें. जिसको लेकर अखिलेश यादव और कमलनाथ के बीच फोन पर कई राउंड बातचीत की. फिर कम से कम 5 सीटें देने की बात हुई पर वो भी नहीं मिला. इतना ही नहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अखिलेश यादव के बारे में गलत टिप्पणी भी की थी.

हरियाणा विधानसभा चुनाव में झटका

इसी तरह हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में अखिलेश यादव कुछ सीटें चाहते थे. लेकिन दीपेंद्र हुड्डा ने सपा को कमतर बता दिया था. फिलहाल हरियाणा विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस बैकफुट पर पहुंच गई है.