राहुल गांधी ने यूक्रेन युद्ध से की भारत की तुलना, कहा- चीन अपना सकता है रूस वाला सिद्धांत’
Rahul Gandhi In UK Parliament: लंदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि चीन नहीं चाहता कि हम अमेरिका के साथ संबंध बनाएं. यह हमें यह कहकर धमकी दे रहा है कि अगर आपने संबंध जारी रखा तो हम कार्रवाई करेंगे.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन के दौरे पर हैं. उन्होंने लंदन स्थित हाउस ऑफ पार्लियामेंट के परिसर में ब्रिटिश सांसदों को संबोधित किया. इस दौरान राहुल गांधी ने यूक्रेन युद्ध को भारत-चीन से जोड़कर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, रूस ने यूक्रेन से कहा है कि हम यूरोप और अमेरिका के साथ आपके संबंधों को स्वीकार नहीं करते हैं. यदि आप इस संबंध को नहीं बदलते हैं, तो हम आपकी क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देंगे.
लंदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरे देश की सीमाओं पर यही हो रहा है. चीन नहीं चाहता कि हम अमेरिका के साथ संबंध बनाएं. यह हमें यह कहकर धमकी दे रहा है कि अगर आपने संबंध जारी रखा तो हम कार्रवाई करेंगे. इसलिए लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश में सेना तैनात है.
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भारत की एक इंच जमीन भी नहीं ली जा रही
उन्होंने कहा कि मेरे विचार में, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में सैनिकों के पीछे मूल विचार वही है जो यूक्रेन में हो रहा है. मैंने विदेश मंत्री (डॉ. एस जयशंकर) से इसका उल्लेख किया लेकिन वह मुझसे पूरी तरह असहमत हैं और सोचते हैं कि यह एक हास्यास्पद विचार है.राहुल गांधी ने कहा कि हमारे 2,000 वर्ग किमी क्षेत्र पर बैठे हैं. हमारे पीएम ने विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में कहा कि भारत की एक इंच जमीन भी नहीं ली जा रही है. सेना यह जानती है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे वहां नहीं हैं. यह उन्हें प्रोत्साहित करता है.
नफरत और हिंसा की विचारधारा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बीजेपी का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी (भाजपा की) नफरत और हिंसा की विचारधारा है, एक अशिष्ट विचारधारा जो लोगों के विचारों को लेकर उन पर हमले करती है. आपने जरूर गौर किया होगा कि यह बीजेपी और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के स्वभाव में है.
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हम उससे कैसे लड़ाई मोल ले सकते हैं?
वहीं राहुल (52) ने जयशंकर द्वारा एक साक्षात्कार के दौरान की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, यदि आपने विदेश मंत्री के बयान पर गौर किया होगा, तो आपने पाया होगा कि उन्होंने कहा था, चीन हमसे अधिक शक्तिशाली है। यह जानते हुए कि चीन हमसे (भारत से) अधिक शक्तिशाली है, हम उससे कैसे लड़ाई मोल ले सकते हैं? इस विचारधारा के केंद्र में कायरता है.
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