फिल्म स्टार प्रभास की फिल्म ‘सालार’ का कैसे है AIMIM प्रमुख ओवैसी से नाता… जानें पूरी कहानी

फिल्म स्टार प्रभास की फिल्म ‘सालार’ का कैसे है AIMIM प्रमुख ओवैसी से नाता… जानें पूरी कहानी

'सालार' का मतलब नेता या कमांडर, मुखिया होता है. 'सालार' फिल्म के माध्यम से हैदराबादवासी उस शख्स को याद कर रहे हैं, जिसे कभी 'सालार' के नाम से जाना जाता था. AIMIM के वर्तमान अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी को गरीब लोगों के प्रति उनकी सेवाओं और उनके साथ खड़े रहने के लिए उस समय के लोगों ने उन्हें 'सालार ए मिल्लत' की उपाधि दी थी.

सालार…अब यह नाम पूरे देश में गूंज रहा है. प्रभास के हीरो वाली इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं. प्रशांत नील द्वारा निर्देशित इस फिल्म को लेकर देशभर में चर्चा है. प्रशांत नील द्वारा निर्देशित ‘सालार: पार्ट वन- सीजफायर’ 22 दिसंबर को रिलीज होने वाली है. इसको लेकर फैन्स में काफी उत्सुकता है. रिलीज होने के पहले ही इस फिल्म प्री-बुकिंग में नया इतिहास बना रही है. इसी बीच जब सालार टाइटल सामने आया तो सभी के बीच उत्सुकता बढ़ गई है.

सभी के बीच चर्चा है कि सालार का मतलब क्या है? दरअसल उर्दू में सालार का मतलब नेता या कमांडर, मुखिया होता है. सालार फिल्म के माध्यम से हैदराबादवासी उस आदमी के बारे में याद कर रहे हैं, जिसे कभी सालार के नाम से जाना जाता था. कुछ साल पहले, हैदराबाद के पुराने शहर के एक नेता को सालार कहा जाता था.

नेता कौन है? उसने लोगों के साथ क्या किया? यह एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है. सालार का मतलब क्या है? आइए इस बारे में विस्तृत रूप से जानते हैं.

सुल्तान सलाहुद्दीन औवेसी गरीब मुसलमानों के थे मसीहा

सुल्तान सलाहुद्दीन औवेसी का जन्म हैदराबाद में एआईएमआईएम पार्टी के अध्यक्ष अब्दुल वहीद ओवेसी के घर हुआ था. राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार में पैदा होने के कारण, सलाहुद्दीन कम उम्र से ही राजनीति की ओर आकर्षित हो गए थे. सलादुद्दीन कई गरीब मुसलमानों के साथ खड़े रहे और सब समय गरीब मुसलमानों के लिए उन्होंने लड़ाई की. अपने लगभग 4 दशक के राजनीतिक करियर में वह हैदराबाद से पांच बार विधायक और सांसद चुने गए.

गरीब लोगों के प्रति उनकी सेवाओं और उनके साथ खड़े रहने के तरीके के लिए उस समय के लोगों ने उन्हें ‘सालार ए मिल्लत’ की उपाधि दी. इसका अर्थ है सामुदायिक आदेश.. बाद में इसे सालार कहा जाने लगा. तब से यह शब्द आंध्र प्रदेश की राजनीति के साथ-साथ शब्दकोष में काफी लोकप्रिय हुआ.

AIMIM लोकप्रियता में सलाहुद्दीन ने निभाई अहम भूमिका

इसमें कोई शक नहीं कि हैदराबाद में AIMIM पार्टी की लोकप्रियता में सलाहुद्दीन ने भी अहम भूमिका निभाई. असदुद्दीन औवेसी, अकबरुद्दीन औवेसी सलाउद्दीन के बेटे हैं. कई वर्षों तक जनता की सेवा करने वाले सलादुद्दीन ने 29 सितंबर, 2008 को अंतिम सांस ली. इतने सालों बाद हैदराबादवासी एक बार फिर फिल्म सालार के बैकग्राउंड में सलादुद्दीन को याद कर रहे हैं.

AIMIM के वर्तमान अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी और नजमुनेस्सा बेगम के बेटे हैं. उनके दादा अब्दुल वाघ ओवैसी ने मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममेन को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के रूप में साल 1957 में फिर से शुरू किया था.

असदुद्दीन भारत ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के तीसरे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और ओवैसी पहली बार 2004 में हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने. उसके बाद वे 2009 एवं 2014 के आम चुनाव में भी हैदराबाद क्षेत्र से एमपी बने हैं. साल 2019 के आम चुनाव में वह ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन से फिर निर्वाचित हुए हैं.