सीट शेयरिंग से पहले होमवर्क में जुटी कांग्रेस, मुकुल वासनिक की रिपोर्ट पर खरगे की बैठक जल्द

सीट शेयरिंग से पहले होमवर्क में जुटी कांग्रेस, मुकुल वासनिक की रिपोर्ट पर खरगे की बैठक जल्द

लोकसभा चुनाव के लिए बने इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होगा, इसको लेकर कांग्रेस के अंदर बैठकों का दौर शुरू हो गया है. राष्ट्रीय गठबंधन समिति के संयोजक मुकुल वासनिक जल्द ही पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपने वाले हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर खरगे विधायक दल के नेताओं और प्रदेश अध्यक्षों के साथ मीटिंग करेंगे.

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी में आंतरिक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति के संयोजक मुकुल वासनिक अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं का पक्ष जानकर रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. सूत्रों के मुताबिक मुकुल वासनिक ने राज्यों को लेकर अपनी पार्टी इकाई से मिले फीड बैक की रिपोर्ट सौपने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से समय मांगा है.

इंडिया गठबंधन के लिए बनी कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रही है. संभावना ये भी जताई जा रही है कि जब कमेटी खरगे से मिलेगी तब उस दौरान राहुल गांधी भी शामिल होंगे. वास्तव में यह बैठक सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की कवायद है.

4 जनवरी को राज्य प्रभारियों से खरगे की बात

सूत्रों के मुताबिक कमेटी से जो रिपोर्ट मिलेगी, उसके आधार पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 4 जनवरी को राज्यों के प्रभारियों, विधायक दल के नेताओं और अध्यक्षों से बात करेंगे. इसी के साथ खरगे चुनावों को लेकर अगली रणनीतियों पर भी विमर्श करेंगे. उसके बाद कांग्रेस गठबंधन को लेकर राज्यवार सहयोगियों से आगे की चर्चा करेगी.

इस बीच मल्लिकार्जुन खरगे सामान्य शिष्टाचार के तहत गठबंधन के नेताओं को नए साल की बधाई दे और ले रहे हैं. लेकिन इसी दौरान राजनैतिक व्यक्तियों के बीच सियासी चर्चा होना भी लाजमी है. हालांकि सीट शेयरिंग को लेकर अभी इंडिया गठबंधन की आधिकारिक बैठक नहीं हुई है और ना ही आगे की तारीख तय हुई है. सारा होमवर्क पूरा होने के बाद तारीख तय की जाएगी.

नीतीश कुमार को लेकर क्या है चर्चा?

नीतीश कुमार को लेकर एक बार फिर से ये चर्चा है कि उन्हें इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाया जा सकता है. इस सवाल पर कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि शुरुआत से ही पार्टी नेताओं को कोई ऐतराज नहीं रहा. लेकिन गठबंधन में वो पार्टी बनने की बजाय तटस्थ दिखना चाहती है. इसलिए वो चाहती है कि सहयोगी नाम पर सहमत हों तो वो भी सहमति दे दे. इसके लिए ममता के रुख और सहमति का इंतजार है. साथ ही ये फैसला किसी दो तीन दलों के बीच नहीं इंडिया के सभी दलों के बीच होगा.

केरल, पंजाब को लेकर क्या हुई चर्चा

सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय गठबंधन समिति में केरल को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई है. क्योंकि वहां लेफ्ट और कांग्रेस का आमने-सामने मुकाबला हैं. इसके बावजूद जीती सीटें गठबंधन के कोटे में ही रहेंगी.

उधर पंजाब को लेकर कमेटी ने गठबंधन से इनकार नहीं किया है. राज्य के सांसद गठबंधन के हक में हैं तो नेताओं का बड़ा तबका गठबंधवन का विरोध भी कर रहा है. ऐसे में पंजाब को लेकर कयास है कि वहां केरल जैसी स्थिति नहीं है क्योंकि चुनाव में बीजेपी और अकाली खुलकर या अंदरखाने साथ हो सकते हैं.