अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर सुखबीर बादल पर फायरिंग, हमले में बाल-बाल बचे
सिख धर्मगुरुओं की ओर से 'तनखाह' (धार्मिक दंड) सुनाए जाने के एक दिन बाद, शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कल स्वर्ण मंदिर के बाहर 'सेवादार' की ड्यूटी निभाई. आज सुबह जब वह प्रवेश द्वार के बाहर अपनी सेवा दे रहे थे तभी उन पर जानलेवा हमला कर दिया गया.
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला किया गया है. हालांकि वह हमले में बाल-बाल बच गए हैं. यह घटना अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के बाहर घटी जहां सुखबीर बादल पहरेदार के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे. बादल धार्मिक सजा काट रहे हैं और आज उनकी सजा का दूसरा दिन है.
स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर एक शख्स ने अचानक गोली चला दी. हालांकि मौके पर मौजूद लोगों ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया. जिस समय यह घटना घटी उस समय काफी लोग वहां पर मौजूद थे.
VIDEO | Punjab: A man opened fire at Shiromani Akali Dal leader Sukhbir Singh Badal at the entrance of Golden Temple, Amritsar. The person was overpowered by people present on the spot. More details are awaited.#PunjabNews #SukhbirSinghBadal
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— Press Trust of India (@PTI_News) December 4, 2024
फायरिंग के दौरान पकड़ा गया हमलावर
स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर एक शख्स ने अचानक गोली चला दी. हालांकि मौके पर मौजूद लोगों ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया. जिस समय यह घटना घटी उस समय काफी लोग वहां पर मौजूद थे.
फायरिंग करने वाले शख्स की पहचान हो गई है. फायरिंग करने वाले शख्स का नाम है नारायण सिंह चौरा. वह दल खालसा का कार्यकर्ता बताया जा रहा है. उसने सुखबीर पर हमला करने के लिए जब पैंट से पिस्टल निकालने की कोशिश की, तो एक शख्स ने उस पर अटैक कर पकड़ लिया जिससे गोली अकाली दल के नेता की जगह ऊपर चली.
हमलावर ने क्यों किया हमला
आरोपी के खालिस्तानी समर्थक होने का शक जताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वह बेअदबी मामलों को लेकर सुखबीर बादल से नाराज था. बताया जा रहा है कि पिछले 2 दिनों से स्वर्ण मंदिर आ रहा था.
सिख धर्मगुरुओं की ओर से ‘तनखाह’ (धार्मिक दंड) सुनाए जाने के एक दिन बाद, अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने कल स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ के रूप में अपनी सेवाएं दी थी. आज उनकी ‘तनखाह’ का दूसरा दिन था. कल बादल एक हाथ में भाला थामे, नीले रंग की ‘सेवादार’ वर्दी पहने अपनी सजा काटते हुए व्हीलचेयर पर स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर तैनात थे. उनके पैर में फ्रैक्चर है इस वजह से वह व्हीलचेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं.
बादल के साथ अन्य नेता भी बने ‘सेवादार’
बादल के साथ एक अन्य अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा भी व्हीलचेयर पर बैठकर ‘सेवादार’ की भूमिका निभाई. हालांकि ढींडसा बुजुर्ग होने के नाते व्हीलचेयर पर थे. इनके अलावा पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और दलजीत सिंह चीमा ने अपनी सजा के तहत बर्तन धोए.
साथ ही सुखबीर बादल और सुखदेव सिंह ढींडसा ने अपने-अपने गले में छोटे-छोटे बोर्ड लटका रखे थे जिसमें उनके “गलत कामों” को स्वीकार किया गया, लिखा हुआ था. दोनों नेताओं ने करीब एक घंटे तक ‘सेवादार’ के रूप में काम किया.