सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को रोहित राठौर और नितिन फौजी ने क्यों मारा, नवीन शेखावत की क्या थी भूमिका? Inside Story

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को रोहित राठौर और नितिन फौजी ने क्यों मारा, नवीन शेखावत की क्या थी भूमिका? Inside Story

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने वाले शूटरों ने गोगामेड़ी को क्यों मारा ये बड़ा सवाल था. अब पुलिस ने इस मामले को सुलझा लिया है. रोहित ठाकुर और नितिन फौजी क्यों गोगामेड़ी को मारने के लिए तैया हुए इससे पर्दा उठ गया है. नवीन शेखावत की भी बड़ी भूमिका सामने आई है.

श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या का केस पुलिस ने सुलझा लिया है. इस केस में रोहित राठौर और नितिन फौजी के अलग-अलग कारणों से शामिल होने को लेकर खुलासा हुआ है. इसके साथ ही लॉरेंस बिश्नोई, संपत नेहरा, रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण ने क्यों और कैसे वारदात की इसकी भी जानकारी दी गई है.

सुखदेव सिंह मर्डर में नवीन शेखावत नाम का शख्स भी मारा गया था. पहले बताया गया कि वह अपने भाई की शादी का कार्ड देने के लिए सुखदेव सिंह के पास गया था और हत्यारों ने सिर्फ उससे मुलाकात की बात कही थी. राजस्थान पुलिस ने जो थ्योरी बताई है, उसके अनुसार नवीन शेखावत को इस बारे में पहले से जानकारी थी. पुलिस ने यह भी बताया कि नवीन ने इस हत्या में किस तरह से अपनी भूमिका को अंजाम दिया और क्यों?

रोहित राठौर की कहानी

7 साल पहले जयपुर में रहने वाला एक लड़के रोहित राठौर के ऊपर रेप का आरोप लगता है. जिस लड़की का रेप हुआ था, वह राजपूत बिरादरी की थी. लड़की के परिवार के लोग पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हैं, लेकिन परिवार को लगता है कि पुलिस मामले को संजीदगी से ले नहीं रही है और वह करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह के पास पहुंचे. करणी सेना के अध्यक्ष ने धरना प्रदर्शन देकर पुलिस पर दबाव बनाया और उसके बाद रोहित राठौर की गिरफ्तारी हुई. उसको कोर्ट में पेश किया गया और सजा होने के बाद जेल भेज दिया गया. करीब 5 साल बाद रोहित की जमानत हुई और वह बाहर आया. उसके मन में एक ही बात चल रही थी कि अगर इस मामले में सुखदेव सिंह नहीं पड़ते तो वह पकड़ा नहीं जाता. इसी बात को लेकर वह सुखदेव सिंह का दुश्मन हो गया और उसने ठान लिया कि वह सुखदेव सिंह से बदला लेगा.

नितिन फौजी का डर

हरियाणा के हिसार का रहने वाला नीतीश झगड़े और मारपीट में आगे रहता था. ऐसे ही एक मामले में उसपर 307 लग गया. पुलिस से बचने के लिए वह भाग गया और आर्मी में नौकरी निकलने के बाद उसने भी अप्लाई किया, इसके बाद उसकी भी नौकरी लग गई. उसने अपना नाम नितिन फौजी रख लिया. हालांकि जब वह आर्मी में भर्ती हुआ तो उसने अपने ऊपर लगे केस की बात को छिपाया था.इसने पुलिस की तरफ से जारी किए जाने वाले सार्टिफिकेट को भी फर्जी बनवाया था. इसी बात का डर उसके मन में था कि अगर यह बात सेना को पता चल जाएगी तो नौकरी जाने के साथ-साथ उसको जेल जाना पड़ेगा और इसी सोच के साथ वह जिंदगी जी रहा था.

कौन है वीरेंद्र चारण

वीरेंद्र चारण को रोहित गोदारा का चेला कहा जा सकता है. लॉरेंस के जेल में जाने के बाद उसके काम को रोहित गोदारा देखता था, लेकिन राजू ठेहट के मर्डर के बाद उसके पीछे पुलिस पड़ी थी. इसी को देखते हुए वह फर्जी पासपोर्ट बनवाकर देश छोड़कर भाग गया. हालांकि उसका चेला वीरेंद्र चारण यहीं था और उसका काम कर रहा था. कुछ दिनों के बाद राजू ठेहट की हत्या के मामले में पुलिस को वीरेंद्र के बारे में जानकारी लगी तो यह भी भागने लगा. सबसे पहले वीरेंद्र नेपाल गया और फिर कोलकाता पहुंचा, यहां पर लॉरेंस गैंग ने इसके लिए फर्जी पासपोर्ट बनवाया और वह फिर वापस नेपाल गया. यहां से यह भी देश के बाहर चला गया. अब पुलिस ने इस पर एक लाख रुपये का ईनाम रखा है.

आनंद पाल मर्डर के बाद बदले समीकरण

राजस्थान के सबसे बड़े डॉन आनंद पाल के मर्डर के बाद सुखदेव सिंह के खिलाफ समीकरण बनने लगे थे. सुखदेव सिंह प्रॉपर्टी का काम कर रहा था और इसी को लेकर लॉरेंस बिश्नोई को कुछ शिकायतें मिलने लगी थीं. लॉरेंस के पास शिकायतें जा रही थीं कि सुखदेव सिंह राजपूत बिरादरी के लिए काम कर रहा है और इसके लोगों के साथ नाइंसाफी हो रही है. इसको वसूली के लिए धमकी भी दी गई, लेकिन वह पैसे नहीं दे रहा है. लॉरेंस ने सुखदेव की हत्या का आदेश संपत नेहरा को दिया, लेकिन वह पकड़ा गया. संपत ने इस काम को करने के लिए रोहित गोदारा को कहा और राजू ठेहट की हत्या के बाद वह भी देश छोड़कर भाग गया. उसके पीछे-पीछे वीरेंद्र चारण भी देश से भाग गया. अब लॉरेंस का आदेश था तो किसी ना किसी को काम करना ही था, इसलिए रोहित ने सुखदेव को मारने का जिम्मा वीरेंद्र चारण को ही सौंपा.

अपने आदमी तैयार करो

रोहित गोदारा ने वीरेंद्र चारण से कहा कि तुम भले ही देश से बाहर रहो, लेकिन इसको मारने के लिए राजस्थान में अपने आदमी तैयार करो. अब वीरेंद्र चारण इस काम पर लग गया, लेकिन उसको इसके लिए शूटर चाहिए थे और उससे पहले कोई ऐसा भरोसे का आदमी चाहिए था जो सुखदेव सिंह को जानता हो. इसी तलाश में उसकी नजर जयपुर के कपड़ा कारोबारी नवीन शेखावत पर टिकी. वीरेंद्र चारण ने नवीन से बात की और कहा कि उसको सिर्फ सुखदेव सिंह के पास तक लोगों को पहुंचाना है. इसके बाद उसने शूटरों की तलाश की तो उसके लोगों ने बताया कि रोहित राठौर नाम का एक लड़का है, जो अपने गैंग के लिए काम भी कर रहा है.

वीरेंद्र को भी नहीं पता था कि उसकी सुखदेव से दुश्मनी है. वीरेंद्र चारण ने रोहित राठौर से बात की, जो सुखदेव को मारने के लिए तैयार हो गया. बातचीत में उसने चारण से कहा कि आप पैसे दो या ना दो मैं उसको मारने के लिए तैयार हूं. रोहित ने वीरेंद्र को बताया कि सुखदेव सिंह काफी सिक्योरिटी में रहता है, ऐसे में अकेले यह काम नहीं किया जा सकता और उसे एक दूसरे शूटर की जरूरत है.

नितिन फौजी की एंट्री

आर्मी में भर्ती होने के बाद भी नितिन फौजी को हमेशा डर सताता रहता था कि उसकी पोल खुल जाएगी, वह किसी भी तरह अपने ऊपर से 307 का लगा केस हटवाना चाहता था. उसके एक दोस्त ने कहा कि इस काम को एक शख्स करा सकता है और उसको उससे जाकर मिलना चाहिए, वह उसे बचा लेगा. नितिन फौजी ऐसे ही लोगों से मिलते मिलाते रोहित गोदारा तक जा पहुंचा. रोहित गोदारा ने वीरेंद्र चारण को नितिन फौजी के बारे में बताया और उसके केस के बारे में जानकारी दी.

अब इस मर्डर केस में नितिन फौजी को शामिल करने का जिम्मा भी वीरेंद्र चारण को दिया गया. चारण ने नितिन फौजी से बात की और कहा कि आज नहीं तो कल तुम्हारे बारे में पुलिस को पता चल ही जाएगा, तेरी नौकरी तो जाएगी ही तुमको 307 के केस में 10 साल की जेल भी होगी. हम तुमको बचा सकते हैं और इसके लिए तुमको हमारा एक काम करना होगा, जिसके बाद तुमको और तुम्हारे परिवार को कनाडा शिफ्ट कर दिया जाएगा. इसके अलावा तुमको इतने पैसे दिए जाएंगे कि तुम कनाडा में जाकर अपना बिजनेस कर सकते हो.

नितिन फौजी ने इसलिए भरी हामी

नितिन फौजी ने भी देश छोड़ने और कनाडा में जाकर बिजनेस करने के लिए मर्डर की हामी भर दी. इसके बाद उसको बताया गया कि टारगेट कौन है. उसको कहा गया कि कत्ल करने के बाद तुमको कहां-कहां जाना है और हम तुमको यहां से निकाल लेंगे. अब दो शूटर रोहित राठौर और नितिन फौजी दोनों तैयार हो चुके थे. इन दोनों को हत्या की तारीख तय नहीं होने तक आपस में भी नहीं मिलाया गया था. 5 दिसंबर को सुखदेव सिंह की हत्या हुई थी और 4 दिसंबर को ही दोनों को मिलाया गया था.

इस शख्स को पता था पूरी कहानी

वीरेंद्र चारण और नवीन शेखावत लंबे समय से सुखदेव सिंह के मर्डर की प्लानिंग कर रहे थे. अकेला नवीन ही था, जिसको पता था कि यह दोनों शूटर सुखदेव सिंह की हत्या करेंगे और उसको शादी का कार्ड देने के बहाने उनको लेकर जाना है. नवीन जो भी बात वीरेंद्र चारण से करता था, वह उसकी रिकॉर्डिंग अपने मोबाइल पर कर लेता था. वह ऑडियो रिकॉर्ड करके के साथ-साथ वीरेंद्र चारण से पैसे भी मांगने लगा था. मर्डर से पहले रोहित राठौर और नितिन फौजी ने नवीन शेखावत से कहा कि इस कांड करने को बाद कहीं वीरेंद्र चारण हमसे हाथ ना खींच ले तो शेखावत ने उनसे कहा कि ऐसा नहीं है, क्योंकि मेरे पास पूरा सबूत है और मैंने चारण से जितनी भी बार बात की उसकी रिकॉर्डिंग रखी है.

मर्डर करने से पहले 5 दिसंबर को नितिन फौजी और रोहित राठौर से वीरेंद्र चारण से बात की तो उन्होंने नवीन शेखावत की रिकॉर्डिंग वाली बात उससे बता दी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उसको सभी जानकारी है, हमारे प्लान की और वह हम लोगों को दी गई रकम में से पैसे मांग रहा है.

इसलिए नवीन शेखावत को मारा

5 दिसंबर को 1 बजे इनको सुखदेव की हत्या के लिए जाना था, लेकिन तभी 12 बजे नवीन शेखावत के मोबाइल पर वीरेंद्र चारण का फोन आता है. वह नवीन से बात करने के बाद रोहित राठौर को फोन देने को कहता है. यह सभी स्कोर्पियों में थे और हत्या के लिए निकल चुके थे. फोन पर वीरेंद्र चारण ने रोहित राठौर को कहा कि जब तुम सुखदेव को मार दो तो नवीन को भी निपटा देना. क्योंकि यह आगे चलकर खतरा हो जाएगा और यह ब्लैकमेल भी कर सकता है. इसने ऑडियो रिकॉर्ड किया हुआ है और लगातार पैसे भी मांग रहा है. रोहित यह बात नितिन फौजी को बताता है. इसके बाद यही होता है. सुखदेव की हत्या के बाद यह दोनों नवीन शेखावत को भी मार देते हैं.

इसके बाद यह दोनों पहले स्कूटी, फिर कार और बस से राजस्थान छोड़कर भागते हैं. लेकिन आखिर में पकड़े जाते हैं. पुलिस ने अब इनको रिमांड पर लिया है और इस मामले से जुड़े दूसरे राज का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.