जहन्नुम में जाए जम्मू-कश्मीर… पत्रकार के सवाल पर चिढ़े फारूक अब्दुल्ला

जहन्नुम में जाए जम्मू-कश्मीर… पत्रकार के सवाल पर चिढ़े फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि केंद्र में बैठकर लोगों के दिल जीतने की बात कही जा रही है लेकिन क्या इस तरह से लोगों का दिल जीता जा सकता है. आप जिस तरह से चीजें कर रहे हैं, उससे तो लोग आपसे दूर ही जाएंगे.

संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने के बाद बाहर निकले नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला आज काफी उखड़े हुए नजर आए. जम्मू-कश्मीर पर पत्रकारों की ओर से पूछे गए एक सवाल पर वह झल्ला गए और उन्होंने यहां तक कह डाला कि जम्मू-कश्मीर जहन्नुम में जाए. इससे ज्यादा मैं क्या कह सकता हूं. इसके बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को वहीं लेकर गई है.

फारूक अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि केंद्र में बैठकर लोगों के दिल जीतने की बात कही जा रही है लेकिन क्या इस तरह से लोगों का दिल जीता जा सकता है. आप जिस तरह से चीजें कर रहे हैं, उससे तो लोग आपसे दूर ही जाएंगे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आर्टिकल 370 को लेकर अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 का प्रावधान उस समय युद्ध के बाद उपजे हालात को लेकर किया गया था. यह पूरी तरह से अस्थायी था और इसे कभी भी बदला जा सकता था. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि इसे निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार ने सही प्रक्रिया के तहत फैसला लिया था.

फारूक अब्दुल्ला ने पत्रकारों से क्या कहा

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब दूसरे राज्यों में चुनाव हो रहे हैं तो जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं? केंद्र में बैठी सरकार कहती है कि कश्मीर से आतंकवाद खत्म हो गया है, क्या आतंकवाद वाकई खत्म हो गया? क्या हमारे जवान मारे नहीं जा रहे? मैंने प्रधानमंत्री से साफ कहा कि आपको हम पर भरोसा नहीं है और हमें आप पर भरोसा नहीं है. तो हम उस भरोसे को कैसे बनाएं? पीएम ने जवाब दिया कि दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी को दूर करना है. लेकिन क्या आज तक दूरियां कम हुई हैं? यह हमारी गलती नहीं है. हम खड़े रहे हैं और जब तक सांस रहेगी इस देश के साथ खड़े रहेंगे.