त्रिपुरा चुनाव में मतदान खत्म, 79% से ज्यादा वोटिंग, 10 Updates

त्रिपुरा चुनाव में मतदान खत्म, 79% से ज्यादा वोटिंग, 10 Updates

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में आज शाम 4 बजे तक 79% से ज्यादा वोटिंग हुई है. इस दौरान कुछ छिचपुट घटनाएं भी देखी गई और तीन लोग घायल भी हो गए. चुनाव के परिणाम 2 मार्च को घोषित किए जाएंगे.

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में शाम 4 बजे मतदान खत्म हो चुका है. चुनाव आयोग के मुताबिक 79% से ज्यादा वोटिंग हुई है. राज्य में कुल 28.13 लाख मतदाता हैं. मतदान के दौरान हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक नेता और वाम दल के दो पोलिंग एजेंट सहित कम से कम तीन लोग घायल हो गए. मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक खत्म हुआ. पढ़ें चुनाव की बड़ी बातें…

  1. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सिपाहीजाला जिले के बॉक्सानगर इलाके में अज्ञात व्यक्तियों के हमले में माकपा की स्थानीय समिति के एक सचिव घायल हो गए. अधिकारी ने बताया कि उन्हें पास के एक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है. उन्होंने कहा कि गोमती जिले के ककराबन विधानसभा क्षेत्र में माकपा के दो पोलिंग एजेंट की बुरी तरह पिटाई की गई. उन्होंने बताया कि पश्चिमी त्रिपुरा जिले के खायरपुर में माकपा उम्मीदवार पबित्र कार के पोलिंग एजेंट के एक वाहन में तोड़फोड़ की गई.
  2. रिपोर्ट के मुताबिक, 40-45 स्थानों पर ईवीएम खराब होने की सूचना मिली, लेकिन सभी मशीन बदल दी गईं और मतदान फिर से शुरू हो गया. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग जहां भी आवश्यकता है, वहां अतिरिक्त बल भेज रहा है. उन्होंने कहा, बूथ जाम या कब्जा करने की अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है.
  3. टाउन बारडोवली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री माणिक साहा शुरुआती मतदाताओं में थे. उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल करेगी. उन्होंने यहां एक मतदान केंद्र की ओर जाते हुए संवाददाताओं से कहा, मुझे 100 प्रतिशत विश्वास है कि भाजपा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करेगी. पार्टी को पिछली बार की तुलना में अधिक सीटें मिल सकती हैं.
  4. विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने रामनगर निर्वाचन क्षेत्र में अपना वोट डालने के बाद लोगों से सभी बाधाओं का सामना करते हुए और एकजुट होकर एक नयी सरकार बनाने के लिए अपना वोट डालने की अपील की, जो लोकतंत्र और शांति का माहौल बनाएगी. राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने विश्वास जताया कि भाजपा राज्य की 60 में से 40 सीटें जीतेगी. उन्होंने कहा, त्रिपुरा में बड़े पैमाने पर जनादेश देने की परंपरा रही है… भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने 2018 के चुनावों में 44 सीटें जीती हैं, वाम मोर्चा ने 2002 में 40 से अधिक सीटें जीती थीं.
  5. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, पूर्वोत्तर राज्य ने पिछले पांच वर्षों में सभी मोर्चों पर बड़े पैमाने पर विकास देखा है – शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, बुनियादी ढांचे तक. मुझे यकीन है कि लोग 40 से अधिक सीटों पर हमारे उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करके भाजपा को आशीर्वाद देंगे. देब ने उदयपुर में वोट डालने जाने से पहले त्रिपुरेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की. मतदान आगे बढ़ने के साथ ही माकपा और कांग्रेस ने मतदाताओं को सभी बाधाओं को पार करते हुए ‘लोकतंत्र को बहाल करने’ के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए धन्यवाद दिया.
  6. माकपा प्रदेश सचिव जितेंद्र चौधरी ने सबरूम से एक वीडियो संदेश में कहा, मैं सभी 60 विधानसभा सीटों के मतदाताओं को सभी बाधाओं के खिलाफ लोकतंत्र को बहाल करने के लिए मतदान करने के लिए धन्यवाद देता हूं. हिंसा की कुछ घटनाओं की सूचना मिली, लेकिन लोगों ने साहस दिखाया. चौधरी सबरूम से ही चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, धमकियों और डराने-धमकाने के बावजूद, शांतिप्रिय लोग बाहर आए और वर्तमान सरकार को हटाने के लिए लोकतंत्र के उत्सव में भाग लिया. अभी तक बूथ पर नहीं गए मतदाताओं से बूथ पर जाने और लोकतंत्र बहाल करने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने की अपील करता हूं.
  7. कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने भयभीत करने की रणनीति के बावजूद बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए मतदाताओं को बधाई दी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मैं भयभीत करने की रणनीति के बावजूद मतदान करने के लिए मतदाताओं को बधाई देता हूं. अपनी (भाजपा) आसन्न हार को भांपते हुए, वे परेशानी पैदा करने के लिए बेताब हैं. त्रिपुरा के लोगों ने पहले ही लोकतंत्र की बहाली के लिए मतदान करने का फैसला कर लिया है.
  8. पूर्वोत्तर राज्य में इस बार एक त्रिकोणीय मुकाबला है, भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन सत्ता बरकरार रखने को प्रयासरत है, वहीं वाम-कांग्रेस गठबंधन सत्ता हासिल करने के प्रयास में है और क्षेत्रीय संगठन टिपरा मोथा स्वायत्त परिषद चुनावों में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद इस चुनाव में उतरी है. भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने पिछले चुनावों में आदिवासी क्षेत्रों में 20 में से 18 सीटें जीती थीं, हालांकि इस बार टिपरा मोथा से कड़ी चुनौती का सामना कर रहा है.
  9. पूर्व शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा के नेतृत्व वाली टिपरा मोथा ने दो साल पहले त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) के चुनावों में 30 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. कुल मिलाकर 28.13 लाख मतदाता पूर्वोत्तर राज्य के 3,337 मतदान केंद्रों में दिन के दौरान अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र थे, ताकि 259 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया जा सके.
  10. बीजेपी 55 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था और उसकी सहयोगी आईपीएफटी ने छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. सीट पर दोनों पार्टियों के बीच दोस्ताना मुकाबला रहा. वहीं वाम मोर्चा 47 सीटों पर और कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ी. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 28 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. इसके अलावा 58 निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में थे. वोटों की गिनती 2 मार्च को होगी.

(भाषा इनपुट)