लद्दाख पर फिर बिगड़ी चीन की नीयत, बंकर के साथ LAC पर बॉर्डर रेजिमेंट तैनात
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पूर्व लद्दाख में भारत के साथ तनाव के बीच चीन ने LAC के पश्चिम सेंक्टर में एक बॉर्डर रेजिमेंट की तैनाती कर दी है. इसके साथ-साथ चार कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड को रिजर्व में रखा है. पेंटागन की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है.
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत से हिंसक झड़प के ठीक बाद चीन ने वहां भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है. साथ ही बहुत तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया है. पेंटागन की एक रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने यूएस कांग्रेस के सामने जो वार्षिक रिपोर्ट पेश की है, उसमें कहा है कि साल 2022 में चीन ने LAC पर भारी संख्या में फौज की तैनाती की और 2023 में भी लगभग यही स्थिति रहने की आशंका है.
पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने LAC के पश्चिमी सेक्टर में एक बॉर्डर रेजिमेंट की तैनाती की है. इसकी मदद के लिए जिनजियांग और तिब्बत मिलिट्री डिवीजन की दो टुकड़ी भी तैनात की गई है. इसके अलावा चार कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड (CAB) भी रिजर्व में हैं. इसी तरह पूर्वी सेक्टर में भी कम से कम तीन हल्की और मध्यम रेंज की कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड की तैनाती की है.
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जानकारी के मुताबिक, चीन की एक बॉर्डर रेजीमेंट में कम से कम 4500 जवान शामिल होते हैं. इसके साथ-साथ यह रेजिमेंट खतरनाक तोप, हेलीकॉप्टर, गश्ती के लिए विशेष वाहन, भारी संख्या में गोला बारूद से लैस होती है. इसके साथ-साथ इस रेजिमेंट को हर मौसम में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए माहिर माना जाता है.
झड़प के बाद स्पेशल ऑपरेशन फोर्स की की थी तैनाती
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद चीन ने यहां अपनी स्पेशल ऑपरेशन फोर्स को तैनात कर दिया है. यह फोर्स तिब्बत मिलिट्री रीजन की हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने डोकलाम के पास नई सड़कों के साथ-साथ बंकर भी बना दिया है. वहीं, पैंगोंग झील पर एक एक दूसरा पुल भी तैयार कर दिया है.
तनाव कम करने कई दौर की हो चुकी है वार्ता
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव की वजह से भारत और चीन के बीच पिछले तीन सालों से तनाव की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों ने वार्ता जारी रखी है. अब तक कई दौर की राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हुई थी.
LAC पर अपनी तैयारियों को मजबूत कर रहा भारत
चीन की हरकतों से पूरी तरह से वाकिफ भारत एलएसी पर अपनी तैयारियों को और मजबूत कर रहा है. भारतीय सेना एलएसी पर अपनी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दे रही है. सेना की ओर से छह तेज गश्ती वाली नौकाएं, आठ लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (एलसीए) और 118 एकीकृत निगरानी प्रणाली खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. तेज गश्ती नौकाओं को मुख्य रूप से पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग झील आदि में निगरानी के लिए खरीदा जा रहा है.
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