भारत वाली नीति से चीन से निपटा US, पहली बार लिया इतना सख्त एक्शन
अमेरिका ने आखिरकार चाइनीज बलून को मार गिराया है, इसके बाद कई तरह की चर्चाएं की जा रही हैं. यहां पढ़िए भारत के संदर्भ में क्या बातें हो रही हैं.
अमेरिका के कई शहरों के ऊपर से गुजरने वाले चाइनीज बलून को आखिरकार यूएस आर्मी ने मार गिराया है. अमेरिका ने पहली बार चीन के खिलाफ कोई ऐसा सख्त कदम उठाया है. माना जा रहा है कि यह कदम अमेरिका ने भारत की नीति पर चलकर उठाया है. चर्चा हो रही है कि अमेरिका का यह एक्शन तब सामने आया है जब भारत ने भी चीन के साथ सख्ती से बर्ताव किया है. दरअसल भारत और चीन के बीच 2020 जून से सीमा पर विवाद जारी है, जिसमें भारत का रवैया बहुत सख्त है.
2020 में गलवान में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया था. इसके बाद हाल में अरुणाचल के तवांग सेक्टर में फिर से चीन और भारत के सैनिकों के बीच तकरार हुई थी. यहां भी भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया था. भारत ने दोनों ही बार चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है.
बताया जा रहा है कि इससे पहले भी तीन बार अमेरिका के ऊपर से चाइनीज बलून गुजरे है लेकिन पेंटागन ने बलून को कोई नुकसान नहीं पहुंया. लेकिन इस बार राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर अमेरिकी लड़ाकू जहाज ने इसे मार गिराया है.
रविवार को यूएस आर्मी ने बलून के मलबे से सभी उपकरण बरामद करने का अभियान शुरू किया है. वहीं, चीन ने रविवार को इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उसके असैन्य मानवरहित हवाई जहाज के खिलाफ बल प्रयोग को लेकर अमेरिका को गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दी. अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने वाशिंगटन में पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने स्थानीय समयानुसार दोपहर दो बजकर 39 मिनट पर दक्षिण कैरोलाइना में अमेरिकी तट से करीब 9.65 किलोमीटर दूर अटलांटिक महासागर में चीन के निगरानी बलून को मार गिराया.
उन्होंने कहा कि बलून को मार गिराने के दौरान अमेरिकी नागरिकों को जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ. रक्षा अधिकारी के मुताबिक, वर्जीनिया में लांगले वायुसेना अड्डे से उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमान ने एक मिसाइल छोड़ी, जिससे बलून अमेरिका के वायु क्षेत्र के भीतर महासागर में जा गिरा. बाइडन ने मैरीलैंड में पत्रकारों से कहा, मैंने उन्हें बलून को मार गिराने का निर्देश दिया था.
उन्होंने कहा, बुधवार को जब मुझे बलून की जानकारी दी गई थी, तो मैंने पेंटागन को इसे जल्द से जल्द मार गिराने का आदेश दिया था. उन्होंने (पेंटागन) जमीन पर किसी को नुकसान पहुंचाए बिना ऐसा करने का निर्णय लिया और इसके लिए सबसे उपयुक्त समय तब मिला, जब बलून समुद्र के ऊपर था. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने रविवार को चीन के विदेश मंत्रालय के एक बयान का हवाला देत हुए कहा कि बीजिंग ने चीन के असैन्य मानवरहित यान पर हमला करने के लिए अमेरिका द्वारा बल प्रयोग करने को लेकर कड़ा विरोध जताया है.
भाषा इनपुट के साथ.