लड़ाकू विमानों को उड़ाना बेहद रोमांचक, अपने लक्ष्य पर टिकाकर रखें आंखें- अवनी चतुर्वेदी
कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर चुकीं अवनी उन पहली तीन महिला लड़ाकू पायलट में से एक हैं, जिन्हें जून 2016 में आईएएफ में शामिल किया गया था.
भारतीय वायुसेना में पहली महिला लड़ाकू पायलट बनकर इतिहास रचने वाली औरविदेश में हवाई युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने वाली स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी ने बड़ा बयान दिया है. अवनी चतुर्वेदी का कहना है कि लड़ाकू विमान को उड़ाना बेहद रोमांचक है और वायुसेना में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए सफलता की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. एसयू-30 एमकेआई की पायलट अवनी जापान के हयाकुरी वायुसेना अड्डे पर जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएएसडीएफ) के साथ 12 से 26 जनवरी तक आयोजित 16 दिवसीय युद्धाभ्यास में शामिल होने वाले भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के बेड़े का हिस्सा थीं.
अवनी ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, हवाई अभ्यास में हिस्सा लेना हमेशा से शानदार अनुभव रहा है. इस बार यह और भी खास था, क्योंकि पहली बार मैं किसी अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में शामिल हुई थी. यह मेरे लिए सीखने का एक बड़ा अवसर और एक अद्भुत अनुभव था. वीर गार्डियन-2023 आईएएफ और जेएएसडीएफ के बीच पहला ऐसा युद्धाभ्यास था, जो हवाई युद्ध की क्षमता विकसित करने, विमानों को रोकने की कला सीखने और वायु रक्षा अभियानों को अंजाम देने पर केंद्रित था.
अपनी आंखें लक्ष्य पर टिकाकर रखें- अवनी
अवनी ने कहा, मैं सभी युवाओं से कहना चाहती हूं कि आपके लिए सफलता की अपार संभावनाएं हैं. आईएएफ एक शानदार करियर विकल्प है और लड़ाकू विमानों को उड़ाना वाकई में बेहद रोमांचक है. जब अवनी से पूछा गया कि उनके लिए लड़ाकू पायलट बनने का रास्ता कितना कठिन था, तो उन्होंने कहा, मैं आईएएफ में करियर बनाने के इच्छुक सभी उम्मीदवारों से कहना चाहूंगी कि आपको अपनी आंखें लक्ष्य पर टिकाकर रखनी चाहिए और दृढ़ संकल्प के साथ उस पर आगे बढ़ना चाहिए.
2016 में आईएएफ में शामिल हुई थीं अवनी
अवनी ने कहा, इस युद्धाभ्यास ने हमें एक-दूसरे से सीखने का बेहतर अवसर दिया है. प्रयास यह है कि हम एक-दूसरे के कार्य दर्शन, योजना निर्माण प्रक्रिया या सामान्य तौर पर किसी अच्छे चलन को समझें. यह सीखने की एक बेहतरीन आपसी कवायद है.
अधिकारियों के अनुसार, भारतीय वायुसेना की महिला लड़ाकू पायलट देश के भीतर कई हवाई अभ्यासों में हिस्सा ले चुकी हैं, लेकिन यह पहली बार था, जब उनमें से एक (अवनी) को विदेश में युद्धाभ्यास में शामिल होने का मौका मिला.
भाषा इनपुट के साथ