Uttarakhand : पेपर लीक धांधली का पर्दाफाश, STF ने घोटाले में शामिल 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार, CM धामी के आदेश पर दर्ज हुई थी FIR

Uttarakhand : पेपर लीक धांधली का पर्दाफाश, STF ने घोटाले में शामिल 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार, CM धामी के आदेश पर दर्ज हुई थी FIR

डीआईजी STF के मुताबिक, थाना रायपुर से उस मामले की जांच STF को तत्काल कार्रवाई के लिए ट्रांसफर कर दी गई थी. जहां SSP स्पेशल टास्क फोर्स ने इस मामले में अलग-अलग टीमें बनाकर परीक्षा अनियमित्ताओं के केस में गोपनीय जानकारी जुटाई थी.

उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स ने प्रदेश में पेपर लीक मामले में बड़ी धांधली का खुलासा किया है. जहां प्रदेश में अधीनस्थ चयन सेवा आयोग देहरादून ने साल 2021 में स्नातक स्तरीय परीक्षाऐं संचालित कराई गई थी. वहीं, परीक्षा में राज्य के करीब 1.60 लाख युवाओं द्वारा बढ-चढ कर भाग लिया गया था. इस दौरान एक्जाम रिजल्ट के बाद कई छात्र संगठनों ने परीक्षा के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक्जाम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्हें ज्ञापन सौंपा था. इस दौरान सीएम धामी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए परीक्षा की अनियमित्ताओं के चलते केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं.जिसपर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था.

दरअसल, डीआईजी STF के मुताबिक, थाना रायपुर से उस मामले की जांच STF को तत्काल कार्रवाई के लिए ट्रांसफर कर दी गई थी. जहां SSP स्पेशल टास्क फोर्स ने इस मामले में अलग-अलग टीमें बनाकर परीक्षा अनियमित्ताओं के सम्बन्ध में गोपनीय जानकारी जुटाई थी. ऐसे में गिरफ्तारी के लिए बनाई गई टीमों ने त्वरित कार्यवाही करते हुए साल 2021 में हुई परीक्षा में मामले में जाच-पड़ताल करते हुए अभी तक कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

जानिए क्या हैं पूरा मामला?

वहीं, पुलिस द्वारा आरोपियों से की गई पूछताछ में उन्होंने बताया कि ग्राम मयोली, थाना दनिया, जिला अल्मोडा का रहने वाला मनोज जोशी साल 2014-2015 से साल 2018 तक रायपुर स्थित अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में तैनात था. जहां से उसे साल 2018 में विभागीय शिकायत पर कर्मचारी को आयोग से हटा दिया गया. हालांकि, इससे पहले ये कर्मचारी 12 साल तक लखनऊ सूर्या प्रिंटिंग प्रेस में भी काम कर चुका था. इसके साथ थाना कैण्ट, देहरादून का रहने वाला जयजीत दास आउटसोर्स कम्पनी के जरिए कम्पयूटर प्रोग्रामर के रूप में साल 2015 से तैनात था. ऐसे में उस कम्पनी द्वारा अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के गोपनीय काम किए जाते थे, जिसके कारण जयजीत दास की जान पहचान मनोज जोशी से हुई थी. वहीं, SSC आयोग कार्यालय में मनोज जोशी का एक्जाम के काम के चलते आना जाना लगा रहता था, जिसके चलते उसकी पहचान मनोज जोशी पुत्र बालकृष्ण जोशी से हो गई थी.

UKSSC पेपर लीक कराने को लेकर लिए थे 60 लाख

इस दौरान मनोज जोशी के द्वारा भी विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी की जा रही थी, जिसके चलते उसका आरोपी कुलवीर सिंह चौहान की करनपुर डालनवाला में चल रही डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इन्स्टीटयूट/एकेडमी सेन्टर में कोंचिग ली जा रही थी. इसके बाद में वहा पढ़ाने का काम भी किया गया था. वहीं,डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इन्स्टीटयूट/एकेडमी सेन्टर में कुलबीर डायरेक्टर के पद पर तैनात था. ऐसे में डायरेक्टर कुलवीर के जरिए से शूरवीर सिंह चौहान की पहचान मनोज जोशी से हुई. साथ ही सितारगंज में गौरव नेगी की मुलाकात मनोज जोशी से हुई थी जो कि किच्छा में ही प्राईवेट स्कूल में शिक्षक था. इसके अलावा ग्रुप सी में एक्जाम की तैयारी कर रहा था. जिसके बाद शूरवीर व कुलवीर द्वारा अपने जान पहचान के परीक्षार्थियों के बारे में मनोज जोशी को बताया था. जिसपर मनोज जोशी और दूसरे मनोज जोशी के साथ मिलकर कम्पयूटर प्रोग्रामर जयजीत दास से पेपर लीक कराने के बारे में बताकर जयजीत दास को मनोज के जरिए 60 लाख रूपए दिये थे.

आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने 37 लाख रुपए किए बरामद

वहीं, पुलिस का कहना है कि जयजीत दास द्वारा यूकेएसएससी में जाकर पेपरों की सेटिंग और अन्य टेक्निकल कामों के चलते परीक्षा के प्रश्न एक्सट्रैक्ट कर लेता था. फिर उन प्रश्नों को मनोज जोशी के माध्यम से मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी, कोचिंग डायरेक्टर कुलवीर सिंह चैहान, शूरवीर सिंह चैहान, गौरव आदि के जरिए परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों को परीक्षा की तारीख से 1 दिन पहले रामनगर स्थित एक रिसोर्ट में मनोज के नाम से 03 कमरे बुक कराकर उस रिसोर्ट में उन लीक प्रश्नों को याद कराकर छात्रों को अगली सुबह एग्जाम सेंटर तक छोड़ दिया जाता था. हालाकि, इस मामले में आरोपी जयदीप की निशानदेही पर उनके कब्जे से लगभग 37.10 लाख रूपये कैश बरामद किया गया है, जोकि कई छात्रों से लिया गया था.