‘ज़ंजीर’ से निकाले जाने के बाद अमिताभ बच्चन ने बोरिया बिस्तर समेट लिया था, फिर कैसे हुई वापसी?

‘ज़ंजीर’ से निकाले जाने के बाद अमिताभ बच्चन ने बोरिया बिस्तर समेट लिया था, फिर कैसे हुई वापसी?

'ज़ंजीर' (Zanjeer) फिल्म से पहले अमिताभ बच्चन के संघर्ष की बहुत-सी गाथा लिखी गई है लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि 'ज़ंजीर' में काम करने के दौरान भी अमिताभ बच्चन को एक लंबी लड़ाई का सामना करना पड़ा. पढ़िए पर्दे के पीछे का अनोखा किस्सा.

1973 की सुपरहिट फिल्म ज़ंजीर (Zanjeer) अमिताभ बच्चन (Amitabh Bchchan) की झोली में इत्तेफाक से गिरी. इस लिहाज से आप अमिताभ बच्चन को ‘वेरी लकी‘ कह सकते हैं. लेकिन बैड लक जल्दी उनका पीछा नहीं छोड़ रहा था. इस फिल्म के मिलने के बाद तो उनके स्ट्रगल का एक अलग ही रूप सामने आ गया. जोकि उनके संघर्ष भरे जीवन का सबसे खतरनाक रूप था. दरअसल कई बड़े सितारों ने इस फिल्म को रिजेक्ट कर दिया था. आखिर क्यों? ये कहानी हम आगे बताएंगे. लेकिन उससे पहले आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि फिल्म के निर्देशक प्रकाश मेहरा (Prakash Mehra) ने अमिताभ बच्चन को पहले तो फिल्म में बतौर हीरो साइन कर लिया लेकिन फिर बीच में ही उन्हें निकाल दिया था.

जी हां, सही पढ़ा आपने. प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन को ज़ंजीर से फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले निकाल दिया था. यह अमिताभ बच्चन के लिए बड़ा शॉकिंग था. अमिताभ बच्चन ने जब इस फिल्म की कहानी सुनी थी, तो फौरन ‘हां’ कर दिया था. फिल्म में सोलो हीरो होने के चलते बहुत उत्साहित थे. तमाम बड़े सितारों के ‘ना’ कहने के बाद सलीम-जावेद की जोड़ी ने प्रकाश मेहरा से अमिताभ बच्चन को लेने की सिफारिश की थी. जोकि इस फिल्म के लेखक थे.

निराश अमिताभ बच्चन घर लौटने वाले थे

डायरेक्टर प्रकाश मेहरा ने जब अमिताभ बच्चन को फिल्म से निकाल दिया तो दुखी और निराश अमिताभ अपना बोरिया बिस्तर समेटकर घर जाने की तैयारी करने लगे. उन्हें मुंबई की फिल्मी दुनिया नीरस लगने लगी. वो बहुत हताश हो चुके थे. ये हाल तब था जब बिग बी की कई फिल्में रिलीज हो चुकी थीं. हां, उन्हें एक अदद सुपरहिट की तलाश जरूर थी लेकिन बॉलीवुड में वो बिल्कुल नये एक्टर नहीं रह गए थे.

प्रकाश मेहरा ने फिल्म से क्यों निकाला ?

ये कहानी बताती है कि फिल्म इंडस्ट्री में किसी को स्टार बनाने में निर्माता-निर्देशकों के अलावा जो एक तंत्र सबसे अधिक हावी रहता था, वह है वितरक यानी डिस्ट्रीब्यूटर्स का. अमिताभ बच्चन को साइन करने के बाद प्रकाश मेहरा की वितरकों के साथ बैठक हुई. जब वितरकों ने फिल्म में हीरो का नाम पूछा तो प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन का नाम बताया. जिसके बाद वितरकों ने हाथ खड़े कर दिए. वितरकों ने कहा – किसी सुपर स्टार को फिल्म में लें. वो अमिताभ जैसे फ्लॉप हीरो की फिल्म को नहीं बेच पाएंगे.

जया बच्चन की पहल आई काम

जया (Jaya Bachchan) और अमिताभ बच्चन की तब शादी नहीं हुई थी लेकिन दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते थे. यह बात जगजाहिर है. जया को जब पता चला कि फिल्म से निकाले जाने से दुखी होकर अमिताभ बच्चन मुंबई छोड़कर वापस जा रहे हैं तो उन्होंने आगे आने की ठानी. सबसे पहले अमिताभ बच्चन को समझाया और घर वापस जाने से रोका. और उसके बाद प्रकाश मेहरा से मुलाकात की.

ये वो दौर था जब अमिताभ बच्चन का भले ही कोई बोलवाला नहीं था लेकिन जया का रुतवा एक स्टार अभिनेत्री का था. जया की कई फिल्में सुपरहिट हो चुकी थीं. और फिल्म इंडस्ट्री में उनकी प्रतिष्ठा थी. जया बच्चन ने प्रकाश मेहरा को काफी समझाया. और कई मोर्चे पर आश्वस्त किया. सलीम-जावेद की जोड़ी से लेकर हास्य अभिनेता महमूद तक ने अपने-अपने स्तर से सक्रिय भूमिका निभाई. जिसके बाद प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन को फिल्म में वापस ले लिया. और जब फिल्म रिलीज हुई तो उसने कैसा इतिहास रचा, उसे यहां दोहराने की जरूरत नहीं है.

किन सितारों ने फिल्म करने से किया था मना ?

प्रकाश मेहरा ज़ंजीर की कहानी लेकर कई सितारों के पास गए थे, उनमें धर्मेंद्र के पास वो सबसे पहले गए. लेकिन धर्मेंद्र ने मना कर दिया. राजेश खन्ना के पास तारीख नहीं थी. राजकुमार को कहानी पसंद नहीं आई तो देवानंद ने इसलिए काम करने से मना कर दिया कि उस फिल्म में हीरो को गाने का मौका ही नहीं मिलता. किरदार रोमांटिक नहीं है. यानी अमिताभ बच्चन की झोली में ज़ंजीर इत्तफाकन गिरी और उनके करियर का मील का पत्थर बन गईं.