तीन महीने बाद अडानी का मास्टर स्ट्रोक, सफल हुआ तो रॉकेट बन जाएंगे शेयर

तीन महीने बाद अडानी का मास्टर स्ट्रोक, सफल हुआ तो रॉकेट बन जाएंगे शेयर

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की लिस्टिड कंपनियों के शेयरों की कीमतों में गिरावट आई थी. ग्रुप बांड्स यील्ड में भी इजाफा देखने को मिला है, जिससे निवेशकों का विश्वास प्रभावित हुआ और ग्रुप के लिए नया उधार लेना मुश्किल हो गया.

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट को तीन महीने बीत चुके हैं और शेयर बाजार, अडानी ग्रुप और शेयर बाजार निवेशकों को मोटा नुकसान हुआ है, बीच में थोड़ी रिकवरी देखने को जरूर मिली, लेकिन नुकसान की भरपाई अभी तक पूरी नहीं हो सकी है. ऐसे में अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी अपना मास्टर स्ट्रोक खेलने जा रहे हैं. अगर यह दांव सही पड़ गया तो बीते दिनों हुए नुकसान की भरपाई एक झटके में पूरी हो जाएगी. वास्तव में अडानी ग्रुप अपने ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए ए​क बिलियन डॉलर के निवेश की बात कर रहे हैं विदेशी बैकों से कर रहे हैं.

जानकारों का कहना है कि गौतम अडानी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के पहली बार फंडरेजिंग के लिए निकले हैं. यह फंडरेजिंग इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अडानी को फिर से उठने के लिए ग्रीन एनर्जी के प्रोजेक्ट का सफल होना काफी जरूरी है. इसलिए कुछ लोग इसे अडानी का आखिरी दांव भी मान रहे हैं. ग्रुप ने लोन को सिंडिकेट करने के लिए विदेशी बैंकों के एक ग्रुप से चर्चा शुरू कर दी है.

फिर से डेट मार्केट में अडानी ग्रुप

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की लिस्टिड कंपनियों के शेयरों की कीमतों में गिरावट आई थी. ग्रुप बांड्स यील्ड में भी इजाफा देखने को मिला है, जिससे निवेशकों का विश्वास प्रभावित हुआ और ग्रुप के लिए नया उधार लेना मुश्किल हो गया. ग्रुप अब रिपोर्ट के बाद के प्रभावों को दूर करना चाहता है और ग्लोबल डेट मार्केट में फिर से रिविजिट करने का विचार कर रहा है. अडानी ग्रुप का वैसे कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. अडानी ग्रुप के करीबी लोगों ने कहा कि समूह ने लगभग 25 विदेशी बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन की पहचान की है.

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इस वजह से बढ़ी हिम्मत

अडानी ग्रुप ने हालिया कॉरपोरेट फाइलिंग में कहा है कि ग्रुप कंपनियों अडानी पोर्ट एंड एसईजेड और अडानी ग्रीन एनर्जी में लगभग 2 बिलियन डॉलर वैल्यू के फॉरेन करेंसी बांड हैं जो अगले साल मैच्योर होंगे. रिन्यू एनर्जी ने हाल ही में डॉलर-डॉमिनेटिंग बॉन्ड में सफल फंडरेजिंग की है. जिसके बाद भारतीय कंपनियों को एक साल से अधिक समय के बाद फिर से ग्लोबल डेट मार्केट में दस्तक देने की हिम्मत बढ़ी है.

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किया है कर्ज का भुगतान

अडानी समूह भी निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए अपने कर्ज का पूर्व भुगतान कर रहा है. ग्रुप ने अब तक शेयरों के एवज में लिए गए प्रमोटर्स के लगभग पूरे बकाया कर्ज का भुगतान कर दिया है. उसके बाद से ग्रुप के विदेशी बांडों पर सील्ड में नरमी आई है. इस सप्ताह की शुरुआत में, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड ने कहा कि उसने वर्ष 2024 में अपने बकाया 3.375 फीसदी सीनियर नोट्स के 130 मिलियन डॉलर वैल्यू के सीनियर नोट्स को बायबैक करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है.