फडणवीस और संघ की बैठक में गूंजा अजित पवार का मुद्दा, जानें किसने क्या बोला

फडणवीस और संघ की बैठक में गूंजा अजित पवार का मुद्दा, जानें किसने क्या बोला

फडणवीस ने संघ के पदाधिकारीयो को विश्वास दिलाया कि अजित पवार के पार्टी के साथ गठबंधन की वजह बताई. आनेवाले विधानसभा चुनाव में अजित पवार के साथ बीजेपी चुनाव लड़ने जा रही है. इस पर उन्होंने कई कारण भी स्पष्ट किए. ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर अजित पवार को साथ लेने पर संघ के नेता बीजेपी से क्यों नाराज है?

महाराष्ट्र कि सियासत में फिर एक बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अजित पवार को एनडीए में लेने पर नाराजी जताई है. संघ मुख्यालय के नागपुर शहर में RSS के विदर्भ प्रांत के पदाधिकारी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बैठक हुई. इस बैठक का मुद्दा आने वाले विधानसभा चुनाव में एनडीए और संघ के समन्वय का था. बैठक मे संघ पदाधिकारियों ने अजित पवार को एनडीए में लेने पर नाराजी जताई.

इसके बाद फडणवीस ने संघ के पदाधिकारीयो को विश्वास दिलाया कि अजित पवार के पार्टी के साथ गठबंधन की वजह बताई. आनेवाले विधानसभा चुनाव में अजित पवार के साथ बीजेपी चुनाव लड़ने जा रही है. इस पर उन्होंने कई कारण भी स्पष्ट किए. ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर अजित पवार को साथ लेने पर संघ के नेता बीजेपी से क्यों नाराज है?

बैठक में उठा ये मुद्दा

अजित पवार और एकनाथ शिंदें को साथ लेकर लोकसभा चुनाव लड़ने से लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान के लेकर बैठक में चर्चा की गई. नागपुर में की गई इस बैठक में संघ के नाराज नेताओं को फडणवीस ने मनाया और कारण बताया कि बीजेपी अकेली सत्ता में नहीं आ सकती थी, इसलिये शिंदे और अजित पवार को साथ लिया गया.

उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक परिस्थिति के कारण ऐसा करना पड़ा. हालांकि अजित पवार को साथ लेने से बीजेपी को लोकसभा चुनाव में कोई खास फायदा नही हुआ. क्योंकि आंकड़ो की मानें तो अजित पवार के वोट ट्रान्सफरेबिलिटी मात्र 50% ही थी. इन सबके बावजूज ये तय हुआ कि बीजेपी अजित पवार के साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी.

क्या बोले अजित पवार ?

इस मामले पर संघ और बीजेपी से कोई भी बात नही कर रहा है,लेकिन जब अजित पवार से सवाल पूछा गया तो उन्होने कहां कि कई बार हम कुछ न भी कहें तो बात हमारे मुंह में डाल दी जाती है.

लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. इसके बाद से ही संघ के नेता अजित पवार को गठबंधन में लेने के फैसले की कड़ी आलोचना करने लगे. इस बात पर बीजेपी और संघ की अंदरूनी नराजगी चलने लगी. लोकसभा चुनाव में हार का कारण इसे भी माना जाता है. ऐसी आलोचना संघ परिवार की कई मैगजीन में की गई हैं.